यूरोप का सबसे ऊंचा और सबसे सक्रिय ज्वालामुखी माउंट एटना 9 अगस्त को एक बार फिर फट पड़ा. ज्वालामुखी के ऊपरी हिस्से से लावे का झरना फूट रहा था. राख और धुएं के बादल हवा में तेजी से फैलने लगे. हालांकि इससे बड़ी बात ये है कि माउंट एटना लगातार अपना आकार बढ़ा रहा है. वैज्ञानिक इस बात को लेकर हैरान है कि माउंट एटना की ऊंचाई बढ़ने की वजह क्या है? क्या इसकी बढ़ती ऊंचाई से भविष्य में कोई खतरा आएगा? (फोटोःगेटी)
माउंट एटना (Mount Etna) का दक्षिण-पूर्वी क्रेटर लगातार छह महीने के सक्रिय गतिविधि के बाद ऊंचा हो गया है. इटली की ज्वालामुखी मॉनिटरिंग एजेंसी ने इस बात की घोषणा की है. इस समय यह यूरोप का सबसे ऊंचा ज्वालामुखी बन गया है. इस ज्वालामुखी के दक्षिण-पूर्वी क्रेटर की ऊंचाई छह महीने में बढ़कर समुद्र तल से 3357 मीटर यानी 11,041 हजार फीट हो चुकी है. इस बात की पुष्टि नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर जियोफिजिक्स एंड वॉल्कैनोलॉजी (INGV) ने भी की है. (फोटोःगेटी)
INGV ने अपने बयान में कहा है कि सैटेलाइट और एरियल तस्वीरों से इस बात की पुष्टि होती है कि दक्षिण-पूर्वी क्रेटर (Southeast Crater) अपने बड़े भाई उत्तर-पूर्वी क्रेटर की तुलना में ऊंचा हो चुका है. माउंट एटना का उत्तर-पूर्वी क्रेटर पिछले 40 सालों से सबसे ऊंचा था. लेकिन अब दक्षिण-पूर्वी क्रेटर उससे ऊपर उठ चुका है. इस साल फरवरी के मध्य से लेकर अब तक माउंट एटना 50 से ज्यादा बार फट चुका है. जिसकी वजह से क्रेटर के चारों तरफ राख, पत्थर और लावा जमकर उसकी ऊंचाई बढ़ा रहा है. (फोटोःगेटी)
Italy's Mount Etna Volcano Just Keeps Growing, And Now It's Taller Than Everhttps://t.co/yZWsiaB6KR
— ScienceAlert (@ScienceAlert) August 11, 2021
माउंट एटना (Mount Etna) के उत्तर-पूर्वी क्रेटर की ऊंचाई 1981 में सबसे अधिक 3350 मीटर (10,990 फीट) थी. जो 2018 तक कम होकर 3326 मीटर (10,912 फीट) ही रह गई थी. दक्षिण-पूर्वी क्रेटर फरवरी से ही लगातार राख और धुएं का गुबार उगल रहा है. जिसकी वजह से आसपास के गांव-कस्बों के लोगों पर खतरा बना हुआ है. इसके अलावा पूरे रिहायशी इलाकों में राख की मोटी परत जमती और हटती रह रही है. सरकारी अनुमान के मुताबिक जुलाई महीने में 3 लाख मीट्रिक टन राख को रिहायशी इलाकों से साफ किया गया था. (फोटोःगेटी)
माउंट एटना के राख की वजह से सड़कें, घर, खेत आदि सब गंदे हो रहे हैं. इस राख की वजह से पिछले छह महीने में सिसली और आसपास के इलाकों की फसलें बर्बाद हो गई हैं. साथ ही यातायात भी बाधित हो रहा है. ट्रैफिक रुका नहीं है लेकिन गति जरूर कम हो गई है. माउंट एटना से 2 घंटे की दूरी पर स्थित कैटानिया इलाके की बुजुर्ग तानिया कैनिजारो ने कहा कि राख तो ऐसे गिर रही है, जैसे बारिश की बूंदें गिरती हैं. (फोटोःगेटी)
तानिया ने बताया कि कई बार तो ज्वालामुखी इतनी जोर से गुर्राता है कि घर कि खिड़कियां तक हिल जाती हैं. बालकनी, छत, दीवारें और सड़कें सब काली हो जाती हैं. लेकिन रात में ज्वालामुखी के मुहाने से निकलते लावे का नजारा उसकी खूबसूरती को भी दिखाता है. लेकिन ये सुंदरता जानलेवा है. आपको बता दें कि माउंट एटना इटली के सिसली प्रांत के कैटानिया शहर में स्थित है. (फोटोःगेटी)
Italy's Mount Etna, Europe's highest and most active volcano, erupted on Monday https://t.co/rTT0iPg3kB pic.twitter.com/YiG7sfLO4g
— CNN (@CNN) August 10, 2021
यह ज्वालामुखी अफ्रीकन प्लेट (African Plate) और यूरेशियन प्लेट (Eurasian Plate) के मिलनस्थल के ठीक ऊपर स्थित है. इन प्लेट्स में होने वाली जरा सी गतिविधि भी इसे सक्रिय कर देती है. माउंट एटना (Mount Etna) 1190 वर्ग किलोमीटर का इलाका घेरता है. इसके बेस का व्यास करीब 140 किलोमीटर का है. यानी इस पहाड़ के नीचे आपको एक चक्कर लगाने के लिए आपको 140 किलोमीटर की यात्रा करनी पड़ेगी. (फोटोःगेटी)
माउंट एटना (Mount Etna) का ग्रीक भाषा में मतलब होता है फरनेस या चिमनी. यह ज्वालामुखी AD 1600 से लगातार सक्रिय है. अगर इस ज्वालामुखी के भूर्गभीय इतिहास को देखते हैं तो इस ज्वालामुखी में पहली बार विस्फोट करीब 5 लाख साल पहले हुआ था. तब यह सिसली के समुद्र तट के नीचे की तरफ था. लेकिन 3 लाख साल पहले इस पहाड़ के ऊपरी हिस्सों से लावा फटना शुरु हुआ. धीरे-धीरे यह विस्फोट पहाड़ के ठीक ऊपर केंद्र में पहुंच गया. ये गतिविधि 1.70 लाख साल पहले हुई थी. (फोटोःगेटी)
माउंट एटना (Mount Etna) हर साल 14 मिलीमीटर की गति से भूमध्यसागर की तरफ बढ़ रहा है. यानी इस पहाड़ का एक हिस्सा लगातार टूटकर भूमध्यसागर में मिल रहा है. ऊपर से जमा राख और पत्थर कई बार भूस्खलन का रूप लेकर भूमध्यसागर में गिर जाते हैं. आधुनिक युग की बात करें तो माउंट एटना 1928 में काफी भयावह स्थिति के साथ फटा था. इसकी वजह से आसपास के आधा दर्जन गांवों में कई दिनों तक अंधेरा कायम हो गया था. चारों तरफ सिर्फ राख ही राख थी. इसके बाद 1949, 1971, 1979, 1981, 1983, और 1991 से 93 तक यह बड़े विस्फोट करता रहा है. (फोटोःगेटी)
Mount Etna taller than ever as activity sparks volcanic growth spurt https://t.co/d42c5Acguv
— The Guardian (@guardian) August 10, 2021
NASA की एक रिपोर्ट के मुताबिक माउंट एटना (Mount Etna) में साल 1169 में हुए विस्फोट की वजह से 15 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई. पांच सदी के बाद हुए दूसरे भयानक विस्फोट से 20 हजार लोग मारे गए थे. यह दुनिया के सबसे ज्यादा सक्रिय ज्वालामुखियों में से एक है. इसलिए लगातार इसकी निगरानी की जाती है, ताकि आसपास के लोगों को सुरक्षित रखा जा सके. (फोटोःगेटी)