जापान को लेकर वहां के वैज्ञानिकों ने भयावह चेतावनी जारी की है. जिसमें कहा गया है कि अगर रिक्टर पैमाने पर 9 तीव्रता का भूकंप आया तो उत्तरी जापान में भारी तबाही होगी. साथ ही 1.99 लाख लोगों की मौत हो सकती है. क्योंकि सिर्फ भूकंप ही नहीं, इसके बाद आने वाली भयावह सुनामी से जनजीवन पूरी तरह से बर्बाद हो जाएगा. यह चेतावनी जापान की सरकार की केंद्रीय आपदा प्रबंधन काउंसिल ने दी है. (फोटोः गेटी)
जापान के केंद्रीय आपदा प्रबंधन काउंसिल ने सरकार से अपील की है कि ऐसी नौबत से बचने के लिए नए तरीकों का उपयोग करना होगा. ताकि मौतों की संख्या को 80 फीसदी तक कम किया जा सके. इसमें भूकंप और सुनामी से पहले ही लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की कवायद भी शामिल है. इसके अलावा सुनामी आने के बाद इमारतों से लोगों को रेस्क्यू करने की योजनाएं भी हैं. (फोटोः गेटी)
जापान के ताजातरीन भूकंप भविष्यवाणी से सबसे ज्यादा खतरा प्रशांत महासागर के किनारे बसे होकाइडो, आओमोरी, इवाते, मियागी, आकिता, यामागाता, फुकुशिमा, इबाराकी और शीबा को सबसे ज्यादा नुकसान होने की आशंका है. क्योंकि ये इलाके चिशिमा ट्रेंच (Chishima Trench) के किनारे स्थित है. इसे कुरिल ट्रेंच (Kuril Trench) भी कहते हैं. (फोटोः गेटी)
जापान के वैज्ञानिकों को आशंका है कि अगर 9 तीव्रता का भूकंप आता है तो इससे पैदा होने वाली सुनामी से करीब 2.20 लाख इमारतों को नुकसान पहुंचेगा. जिसकी वजह से 31.3 ट्रिलियन येन यानी 20.67 लाख करोड़ रुपयों का नुकसान हो सकता है. इसके अलावा केंद्रीय आपदा प्रबंधन काउंसिल ने यह भी अनुमान लगाया है कि अलग-अलग मौसम में भूकंप और सुनामी आने पर किस-किस तरह का नुकसान होने की संभावना है. (फोटोः गेटी)
इसमें कहा गया है कि अगर सर्दियों के मौसम में भूकंप-सुनामी आते हैं तो नुकसान ज्यादा होगा. साथ ही अगर रात के समय ऐसी घटना घटी तो दिक्कत कई गुना बढ़ जाएगी. क्योंकि जमी हुई बर्फ की वजह से रेस्क्यू ऑपरेशन में दिक्कत आएगी. बर्फीली सड़कों पर से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जल्द से जल्द पहुंचाने में हादसों का खतरा और बढ़ जाएगा. सबसे ज्यादा खतरा उत्तर-पूर्वी इलाके तोहोकू के पास है. क्योंकि यहां पर जापान ट्रेंच (Japan Trench) है. (फोटोः गेटी)
वैज्ञानिकों का अनुमान है कि अगर 9 तीव्रता का भूंकप आता है तो मार्च 2011 में आए भूकंप और सुनामी की तुलना में 10 गुना ज्यादा तबाही होगी. साल 2011 में जापान के उत्तर-पूर्वी इलाके में ही भयावह भूकंप आया था. जिसकी वजह से आई सुनामी से करीब 18 हजार लोगों की मौत हुई थी. (फोटोः गेटी)
The central disaster management council predicted that a magnitude 9 earthquake off northern Japan could cause up to 199,000 deaths. https://t.co/dxMc3z3xWN
— The Japan Times (@japantimes) December 21, 2021
केंद्रीय आपदा प्रबंधन काउंसिल ने कहा है कि अगर अभी से तैयारी शुरु की जाए तो मौतों की संख्या को 30 हजार तक सीमित किया जा सकता है. लेकिन इसके लिए सरकार को ऊंची जगहों पर ऊंची इमारतें बनानी होंगी. रेस्क्यू ऑपरेशन को युद्धस्तर पर चलाना होगा. इससे 80 फीसदी लोगों को बचाया जा सकता है. लेकिन सबको तब भी बचा पाना मुश्किल होगा. (फोटोः गेटी)
9 की तीव्रता वाले भूकंप से सबसे ज्यादा नुकसान होकाइडो परफेक्चर में होगा. यहां करीब 1.37 लाख लोगों के मारे जाने की आशंका है. इसके बाद आओमोरी में 41,000 मौतें, इवाते में 11 हजार मौतें और मियागी में 8500 मौतें हो सकती हैं. करीब 22 हजार लोगों के बुरी तरह से जख्मी होने का खतरा रहेगा. इसके अलावा अगर सुनामी से लोग बच भी गए तो भी 42 हजार लोगों की मौत ज्यादा ठंड की वजह से होने वाले हाइपोथर्मिया (Hypothermia) से हो जाएगी. (फोटोः गेटी)
अगर चिशिमा ट्रेंच में 9 तीव्रता का भूकंप आता है तो इससे करीब 1 लाख लोगों के मौत की आशंका है. साथ ही 84 हजार इमारतों के ध्वस्त होने का खतरा भी रहेगा. इतना ही नहीं हाइपोथर्मिया की वजह से 22 हजार लोगों की मौत हो सकती है. आपदा प्रबंधन मंत्री सतोशी निनोयू ने कहा कि हम आपदाओं की भविष्यवाणी पर स्टडी करते हैं. ताकि लोगों को सुरक्षित रखने के लिए उचित कदम उठा सकें. प्राकृतिक आपदाओं से लोगों को बचाना हमारी प्रमुख प्राथमिकता है. (फोटोः गेटी)
अप्रैल 2000 में भी कैबिनेट ऑफिस के एक्सपर्ट पैनल ने जापान ट्रेंच में 9.1 तीव्रता के भूकंप की भविष्यवाणी की थी. जिससे इवाते परफेक्चर के सानरिकु तट से लेकर होकाइडो के हिडाका तट तक भारी तबाही का अनुमान था. इसके अलावा चिशिमा ट्रेंच में 9.3 तीव्रता के भूकंप का अनुमान था जिससे तोकाची से होकाइडो के नेमुरो तट तक भारी तबाही की आशंका थी. इन अनुमानों के आधार पर इस साल फिर स्टडी की गई और नए अनुमान पेश किए गए हैं. (फोटोः गेटी)
साल 2006 में भी इसी तरह के अनुमान पेश किए गए थे. मार्च 2011 में आई सुनामी के बाद जापान की सरकार ने अपने पुराने सभी अनुमानों को आज के हिसाब से रिव्यू करने का आदेश दिया था. जिसके बाद यह नई स्टडी सामने आई है. क्योंकि जापान के लिए चिशिमा ट्रेंच और जापान ट्रेंच दोनों ही खतरनाक है. यहां पर अगर बड़े स्तर का भूकंप आता है, तो नुकसान की आशंका बहुत ज्यादा है. (फोटोः गेटी)