scorecardresearch
 
Advertisement
साइंस न्यूज़

Wrong Experiment: 'हत्यारिन मधुमक्खियों' को इंसानों ने बनाया था.. और प्रयोग 'भयावह' साबित हुआ

killer bees wrong experiment
  • 1/9

हत्यारिन मधुमक्खियों (Killer Bees) के नाम से डर लगता है. ये मधुमक्खियां हैं भी डरावनी. क्योंकि ये लालच में किए गए इंसानों के एक गलत प्रयोग का नतीजा थीं. ये बात है 1950 के दशक की, जब शहद के उत्पादन को बढ़ाने के लिए वैज्ञानिकों को मधुमक्खियों की नई प्रजाति बनाने को कहा गया. शहद उत्पादन और नई प्रजाति बनाने का आइडिया तो बुरा नहीं था. लेकिन असल कहानी शुरु होती है साल 1957 से. (फोटोः पिक्साबे)

killer bees wrong experiment
  • 2/9

1957 में ब्राजील (Brazil) के रियो क्लारो (Rio Claro) में बायोलॉजिस्ट वॉरविक ई. केर (Warwick E. Kerr) को ब्राजील की सरकार ने मधुमक्खियों की नई प्रजाति बनाने का निर्देश और फंड दिया. ताकि शहद का उत्पादन बढ़ाया जा सके. वॉरविक ई. केर ने यूरोपियन मधुमक्खियों की एक प्रजाति को दक्षिण अमेरिका में लाकर उससे नई प्रजाति तैयार की. लेकिन ब्राजील की गर्मी में ये मधुमक्खियां बेकार साबित हुईं. (फोटोः पिक्साबे)

killer bees wrong experiment
  • 3/9

यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया डेविस में एपिक्लचरिस्ट एरिक म्युसेन ने IFLScience को बताया कि वॉरविक जिन यूरोपियन मधुमक्खियों को लेकर आए थे, वो पूरे दिन सिर्फ रस चूसा करती थी. वॉरविक ने सोचा कि क्यों न यूरोपियन मधुमक्खियों को अफ्रीकन जीन्स के साथ जोड़ा जाए. हो सकता है कि इसका परिणाम हाइब्रिड हो. शहद ज्यादा मिले. इससे यूरोपियन मधुमक्खियों को तापमान के साथ संघर्ष नहीं करना पड़ेगा. (फोटोः पिक्साबे)

Advertisement
killer bees wrong experiment
  • 4/9

वॉरविक और उनकी टीम ने नई मधुमक्खियां बना भी दीं. इनमें अफ्रीकन मधुमक्खियों के जीन्स भी आ गए. इन्हें ही बाद में हत्यारिन मधुमक्खियों (Killer Bees) का नाम दिया गया. वॉरविक ने यह प्रयोग कई अफ्रीकन और यूरोपियन मधुमक्खियों के साथ ब्रीडिंग कराकर किया था. लेकिन दिक्कत ये हो गई कि नई हत्यारिन मधुमक्खियों ने अपनी सुरक्षा को लेकर नई कॉलोनियां बनाना शुरु कर दिया. ये बेहद आक्रामक होती चली गईं. (फोटोः पिक्साबे)

killer bees wrong experiment
  • 5/9

फिर एक दिन कुछ ऐसा हुआ कि हजारों की संख्या में मौजूद इन हत्यारिन मधुमक्खियों (Killer Bees) को लैब से निकलने का मौका मिल गया. डॉ. एरिक म्युसेन ने कहा कि इन खतरनाक मधुमक्खियों की 20 कॉलोनियां लैब से निकल बाहर निकल गईं. ये पूरे मध्य और दक्षिण अमेरिका में फैल गईं. वॉरविक ई. केर और उनकी टीम यह प्रार्थना करने लगी कि ये मधुमक्खियां गर्म वातावरण में ज्यादा देर जीवित न रहें. हो सकता है उनकी आक्रामकता बाहर कम हो जाए. (फोटोः पिक्साबे)

killer bees wrong experiment
  • 6/9

ऐसा कुछ हुआ नहीं. हत्यारिन मधुमक्खियों (Killer Bees) की आक्रामकता न कम हुई, न ही उनकी आबादी. ये दक्षिण और मध्य अमेरिका में पनपती रहीं. फैलती रहीं और खतरनाक होती चली गईं. तीन दशक बीत गए. 1980 के दशक में ये अमेरिका के कैलिफोर्निया, टेक्सास, एरिजोना, नेवादा, न्यू मेक्सिको और फ्लोरिडा तक फैल गईं. तब से लेकर अब तक इन मधुमक्खियों के काटने से अब तक 400 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. (फोटोः पिक्साबे)

killer bees wrong experiment
  • 7/9

यह मामला इसलिए फिर से उठा है क्योंकि इस महीने की शुरुआत में हत्यारिन मधुमक्खियों (Killer Bees) के काटने से बेलीज नाम के शहर में एक 60 वर्षीय महिला की मौत हो गई. यूनिवर्सिटी ऑफ ससेक्स में मधुमक्खियों के एक्सपर्ट प्रो. फ्रांसिस रैटनिक्स कहते हैं कि अगर किलर मधुमक्खियों ने किसी को 1000 डंक मारा हो तो वह मर सकता है. बात जिस महिला के मरने की हो रही है, उसे हत्यारिन मधुमक्खियां (Killer Bees) ने 10 हजार से ज्यादा डंक मारे थे. क्योंकि महिला ने गलती से उनकी कॉलोनी को छेड़ दिया था. (फोटोः पिक्साबे)

killer bees wrong experiment
  • 8/9

हत्यारिन मधुमक्खियां (Killer Bees) अपनी कॉलोनी को बचाने के लिए किसी भी जीव पर जानलेवा हमला करती हैं. ये गोरिल्ला वॉर की तरह एक साथ चारों तरफ से हमला करके इतने डंक मारती हैं कि इंसान की हालत खराब हो जाती है. इन्हें हत्यारिन मधुमक्खी का नाम कैसे मिला. पुर्तगाल में एसेसिन मधुमक्खियां (Assassin bees) भी होती हैं. ये छोटी होती हैं, और किसी भी अन्य कॉलोनी की रानी को मारकर अपनी मादा से बदल देती हैं. फिर उस कॉलोनी पर कब्जा कर लेती हैं. धीरे-धीरे एसेसिन शब्द हट गया और उसकी जगह किलर शब्द जुड़ गया. यहीं से वॉरविक की मधुमक्खियों को भी नाम मिल गया. (फोटोः पिक्साबे)

killer bees wrong experiment
  • 9/9

ऐसे सबूत भी मिले हैं कि सारी हत्यारिन मधुमक्खियां (Killer Bees) आक्रामक नहीं होतीं. प्यूर्टो रिको में की गई एक स्टडी में पता चला था कि आमतौर पर किलर मधुमक्खियां यूरोपियन मधुमक्खियों की तरह की आक्रामक होती हैं. लेकिन सारी नहीं. हत्यारिन मधुमक्खियां (Killer Bees) इस द्वीपीय देश में 1990 के दशक के मध्य में आईं थी. 20 साल में ही उनके व्यवहार में बहुत ज्यादा परिवर्तन आ गया. (फोटोः पिक्साबे)

Advertisement
Advertisement
Advertisement