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साइंस न्यूज़

डिप्रेशन का नया इलाज हो सकता है Laughing gas, स्टडी में आए बेहतर रिजल्ट

Laughing Gas Depression
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आप सभी ने सुना या देखा होगा कि लॉफिंग गैस सूंघने पर आदमी बहुत देर तक हंसता रहता है. लेकिन लॉफिंग गैस आपके डिप्रेशन को भी कम कर सकता है, क्या आप ये जानते हैं? एक नई स्टडी में पता चला है कि लॉफिंग गैस से डिप्रेशन का इलाज करने से सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं. डिप्रेशन के शिकार जो लोग इस स्टडी में शामिल थे, उन्हें लॉफिंग गैस की छोटी डोज दी गई. दो हफ्ते बाद उन्हें डिप्रेशन से बाहर निकलने में काफी ज्यादा मदद मिली. अब वो लोग बेहतर महसूस कर रहे हैं. (फोटोःगेटी)

Laughing Gas Depression
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यह बात बहुत पहले से वैज्ञानिकों की जानकारी में है कि लॉफिंग गैस (Laughing Gas) यानी नाइट्रस ऑक्साइड (Nitrous Oxide) की छोटी डोज मूड सही करती है और दर्द में आराम देती है. लेकिन दिक्कत ये थी कि इसका असर सिर्फ गैस के शरीर में रहने तक ही होता था. लॉफिंग गैस को सबसे सामान्य एनस्थेटिक्स (Anaesthetics) यानी बेहोश करने वाली दवाओं में गिना जाता है. अक्सर डॉक्टर्स इनका उपयोग दांतों की सर्जरी और पैरामेडिक्स में करते हैं. यह छोटे कैप्सूल्स में अवैध रूप से बाजार में भी मिलती है. (फोटोःगेटी)

Laughing Gas Depression
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अब यह जानते हैं कि लॉफिंग गैस कैसे डिप्रेशन में आराम देती है. हमारे शरीर में एक खास तरह के नर्वस सेल्स यानी तंत्रिका कोशिकाएं होती हैं, जिन्हें एन-मिथाइल-डी-एस्पारटेट (N-methyl-D-aspartate या NMDA) कहते हैं. लॉफिंग गैस इन तंत्रिका कोशिकाओं के मॉलिक्यूल्स को ब्लॉक कर देता है. ठीक ऐसा ही काम केटामाइन (Ketamine) करता है. केटामाइन की बड़ी डोज से भी लोगों को बेहोश या सुन्न किया जाता है. यह दवा भी डिप्रेशन में काम आती है. हाल ही में केटामाइन जैसे रसायन को इंट्रानेसल स्प्रे ट्रीटमेंट के लिए अनुमति दी गई है. (फोटोःगेटी)

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Laughing Gas Depression
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मिसौरी के सेंट लुईस स्थित वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन के एनस्थेटिस्ट पीटर नागेले कहते हैं कि अभी तक यह नहीं पता चला है कि NMDA रिसेप्टर्स कैसे मूड बदलते हैं. लेकिन डिप्रेशन को कम करने के लिए केटामाइन एक महत्वपूर्ण दवा है. हालांकि पीटर इस बात को लेकर स्पष्ट नहीं है कि लॉफिंग गैस भी ऐसी ही परफॉर्मेंस दिखाएगी. साल 2014 में पीटर और उनकी टीम खोजा था कि एक घंटे के लिए लॉफिंग गैस को सूंघने से डिप्रेशन के लक्षण एक दिन या उससे थोड़ा ज्यादा समय के लिए कम हो जाता है. (फोटोःगेटी)

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लॉफिंग गैस ट्रीटमेंट का तरीका उन लोगों के लिए फायदेमंद है जिन्होंने सामान्य तौर पर एंटीडिप्रेसेंट दवाइयां ली हैं. लेकिन इस स्टडी में यह बात सामने नहीं आई है कि लॉफिंग गैस के उपयोग से डिप्रेशन कितने दिन तक कम रहता है. क्योंकि ज्यादा देर तक नाइट्रस ऑक्साइड सूंघने से बेचैनी और सिर दर्द होने लगता है. इसलिए नई स्टडी में पीटर नागेले और उनकी टीम ने 24 लोगों को चुना, जिन पर सामान्य डिप्रेशन ट्रीटमेंट का असर नहीं हो रहा था. (फोटोःगेटी)

Laughing Gas Depression
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पीटर ने इन 24 लोगों को दो हिस्सों में बांटा. पहली टीम के मरीजों को लॉफिंग गैस की आधी डोज और दूसरी टीम के लोगोंको हवा-ऑक्सीजन के मिश्रण का फुल डोज दिया. इन सभी लोगों को तीन महीने तक यह डोज हर महीने एक बार दी गई. दो हफ्ते के बाद ही पहली टीम जिसे लॉफिंग गैस की आधी डोज गई थी, उनके डिप्रेशन का स्तर कम होने लगा. जबकि, दूसरी टीम का इलाज पूरा हो गया तब पता चला कि उनमें डिप्रेशन का स्तर कम हुआ लेकिन बाद में बढ़ गया. इन लोगों में डिप्रेशन से होने वाले साइड इफेक्ट्स भी देखने को मिले. (फोटोःगेटी)

Laughing Gas Depression
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वहीं, दूसरी तरफ लॉफिंग गैस की आधी डोज लेने वाली टीम में साइड इफेक्ट्स भी कम थे. उनमें बेचैनी, सरदर्द या सर भारी होने जैसे लक्षण नहीं दिख रहे थे. पीटर ने बताया कि केटामाइन और लॉफिंग गैस में मूड सही करने की ताकत है. ये डिप्रेशन से बाहर निकालने में मदद करते हैं, लेकिन यह किसी स्विच की तरह है. कभी ऑन हो जाएगा तो कभी ऑफ. लेकिन हमें अभी तक यह नहीं पता है कि लॉफिंग गैस या केटामाइन कैसे और किस तरीके से डिप्रेशन को कम करती हैं. (फोटोःगेटी)
 

Laughing Gas Depression
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लॉफिंग गैस (Laughing Gas) यानी नाइट्रस ऑक्साइड (Nitrous Oxide) को 1772 में जोसेफ प्रिस्टली ने बनाया था. शुरुआती 40 सालों तक इसका उपयोग सिर्फ दांतों के इलाज के समय किया जाता था. क्योंकि इससे दर्द कम होता है. 40 सालों के बाद लॉफिंग गैस का उपयोग कई तरह की सर्जरी में किया जाने लगा. लॉफिंग गैस कैसे काम करता है ये अभी तक स्पष्ट नहीं है लेकिन ये कहां काम करता है ये पता चल चुका है. (फोटोःगेटी)

Laughing Gas Depression
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लॉफिंग गैस दिमाग दर्द संबंधित हिस्सों और रीढ़ की हड्डी में अपनी रसायनिक प्रक्रिया करता है. रीढ़ की हड्डी में मौजूद गामा अमिनोब्यूट्रिक एसिड (GABA) कोशिकाओं को सक्रिय कर देता है, जिसकी वजह से इंसान को आलस या नींद आ जाती है. यूनाइटेड किंगडम में लॉफिंग गैस के उपयोग को लेकर एक नियम है. जिसमें कहा गया है कि टाइम वेटेड एवरेज के आधार पर अगर किसी मरीज को 8 घंटे के लिए बेहोश करना है तो उसे 100ppm लॉफिंग गैस दे दो. यह इतनी छोटी डोज है कि इससे शरीर में कोई नुकसान नहीं पहुंचता. (फोटोःगेटी)

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आपको यह जानकर हैरानी होगी कि लॉफिंग गैस (Laughing Gas) यानी नाइट्रस ऑक्साइड (Nitrous Oxide) का उपयोग रॉकेट में भी होता है. यह रॉकेट मोटर में ऑक्सीडाइजर का काम करता है. क्योंकि यह कम नुकसादेह होता है. आराम से स्टोर किया जा सकता है और फ्लाइट के दौरान इससे कोई खतरा भी नहीं होता. इतना ही नहीं हमारी खाने वाली व्हिप्ड क्रीम कैनिस्टर और कुकिंग स्प्रे आदि में भी इसका उपयोग किया जाता है. (फोटोःगेटी)

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