अमेरिका अपने दुश्मनों की मिसाइलों की जानकारी और उन्हें ध्वस्त करने के लिए नई तैयारी में जुट गया है. इस तैयारी के तहत अंतरिक्ष में ऐसी व्यवस्था की जाएगी, जिससे किसी भी दुश्मन देश की मिसाइल अमेरिका की सरहद को छू भी नहीं पाएगी. इसके तहत अमेरिकी रक्षा कंपनी लॉकहीड मार्टिन ने 4.9 बिलिय डॉलर्स यानी 36,358 करोड़ रुपये का कॉन्ट्रैक्ट जीता है. अब यह कंपनी अमेरिकी अंतरिक्ष सेना यानी यूएस स्पेस फोर्स के लिए तीन मिसाइल वॉर्निंग सैटेलाइट्स बनाएगी. (फोटोःOPIR Satellite/Lockheed Martin)
लॉकहीड मार्टिन (Lockheed Martin) तीन अत्याधुनिक मिसाइल वॉर्निंग सैटेलाइट्स (Advanced Missile Warning Satellites) को साल 2028 तक अमेरिकी सरकार को सौंप देगी. इस दौरान वह इसे बनाएगी, एसेंबल करेगी, टेस्ट करेगी और उसकी गुणवत्ता की जांच करेगी. ताकि हैंडओवर के बाद किसी तरह की दिक्कत न आए. यानी अमेरिका धरती पर राडार तो लगा ही चुका है, अब वह अंतरिक्ष से भी दुश्मनों की मिसाइलों पर नजर रखेगा. (फोटोःगेटी)
ये मिसाइल वॉर्निंग सैटेलाइट्स पृथ्वी की जियोसिक्रोनस ऑर्बिट (Geosynchronous Orbit) में 36 हजार किलोमीटर की ऊंचाई पर अमेरिका की निगरानी करेंगे. तीनों सैटेलाइट्स पूरे अमेरिका की हवाई सीमा की चारों तरफ से निगरानी करेंगे. जैसे ही कोई दुश्मन देश अमेरिका की तरफ बैलिस्टिक या टैक्टिकल मिसाइल लॉन्च करेगा, यह सैटेलाइट्स उसका रास्ता, टारगेट, गति, हिट करने का समय आदि सब बता देगा. (फोटोःगेटी)
Lockheed Martin wins $4.9 billion contract to build advanced missile-warning satellites https://t.co/x9tSDPlyGG pic.twitter.com/IGCCRiHCi3
— SPACE.com (@SPACEdotcom) June 23, 2021
लॉकहीड मार्टिन इन सैटेलाइट्स को नेक्स्ट-जेनरेशन ओवरहेड पर्सिसटेंट इंफ्रारेड सैटेलाइट (OPIR) कहता है. ऐसा माना जा रहा है कि इनकी लॉन्चिंग मई 2028 में की जाएगी. सैटेलाइट्स जैसे ही मिसाइल की जानकारी देंगे, तत्काल अमेरिकी सेना अपने एंटी मिसाइल सिस्टम को सक्रिय कर देंगे. ताकि दुश्मन की मिसाइल को हवा में भी ध्वस्त किया जा सके. (फोटोःगेटी)
अमेरिकी अंतरिक्ष सेना यानी US Space Force नेक्सट-जेन OPIR सैटेलाइट्स का संचालन करेगी. ये सैटेलाइट्स वर्तमान में मौजूद इंफ्रारेड सिस्टम सैटेलाइट्स की जगह ले लेंगे. इन पुराने सैटेलाइट्स को भी लॉकहीड मार्टिन ने ही बनाया था. इन तीन सैटेलाइट्स के अलावा अमेरिकी अंतरिक्ष सेना के पास नॉर्थोप ग्रुमन (Northrop Grumman) कंपनी द्वारा बनाए जा रहे दो पोलर ऑर्बिटिंग सैटेलाइट्स भी हैं. जो इसी काम में उपयोग होंगे. (फोटोःगेटी)
इससे पहले लॉकहीड मार्टिन को साल 2018 में 2.9 बिलियन डॉलर्स यानी 21,505 करोड़ रुपये का कॉन्ट्रैक्ट मिला था. जिससे उसने OPIR सैटेलाइट्स के तीन पुराने संस्करण बनाए थे. जिसकी वजह से अमेरिकी सेना की मिसाइल वॉर्निंग क्षमता बहुत ज्यादा बढ़ गई. इतना ही नहीं वो पूरी दुनिया पर भी इसके जरिए नजर रख सकते हैं. (फोटोःगेटी)
मई 2020 में नॉर्थोप ग्रुमन को 2.4 बिलियन डॉलर्स यानी 17,798 करोड़ रुपये का कॉनट्रेक्ट मिला था, जिसके जरिए उसने दो पोलर मिसाइल वॉर्निंग सैटेलाइट्स बनाने का फैसला किया है. ये सैटेलाइट्स अमेरिका साल 2025 के अंत तक मिल जाएंगे. अमेरिका की एयरफोर्स मैगजीन के मुताबिक ये पांचों अत्याधुनिक OPIR सैटेलाइट्स साल 2029 तक काम करने लगेंगे. इनके नक्षत्र को कॉन्स्टिलेशन O नाम दिया गया है. (फोटोःगेटी)
अमेरिकी अंतरिक्ष सेना ने अपने बजट में कहा है कि इन सैटेलाइट्स के जरिए अमेरिका पर होने वाले अंतर-महाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) के हमले की शुरुआती जानकारी हमें मिलेगी. ये सिर्फ जमीन से लॉन्च होने वाली मिसाइलों के बारे में जानकारी नहीं देंगे. बल्कि सबमरीन से दागी गई या टैक्टिकल मिसाइलों के आने की खबर भी समय रहते पहुंचा देंगे, ताकि इन मिसाइलों को रोकने की सही तैयारी की जा सके. (फोटोःगेटी)