जर्मनी में पिछले 50 सालों की सबसे भयानक बाढ़ आई है. मिनटों में ही जर्मनी के कई राज्य पानी में डूब गए. पश्चिमी जर्मनी के एक गांव में तो घाटी जैसा बड़ा सिंकहोल बन गया. यह इतना बड़ा है कि इसे देखकर ही बाढ़ और बारिश की भयावहता का पता चलता है. कई जगहों पर फ्लैश फ्लड, लैंडस्लाइड, कीचड़ की बाढ़ देखने को मिली है. अब तक 156 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. सैकड़ों लोग लापता है. सड़कें टूट गई हैं, टेलिफोन और बिजली के तार और खंभे टूट गए हैं. एक अनुमान के अनुसार 1300 लोगों का अता-पता नहीं है. वैज्ञानिक इसके पीछे जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग को प्रमुख वजह बता रहे हैं. आइए देखते हैं इस प्राकृतिक आपदा की भयावह तस्वीरें...(फोटोः एपी)
जर्मनी में आई बाढ़ की वजह से पश्चिमी जर्मनी के गांव एरफास्ट-ब्लेसेम (Erfstadt-Blessem) में एक बड़ा सिंकहोल बन गया. यह किसी पहाड़ी घाटी की तरह बड़ा और गहरा है. बचावकर्मी इस गड्ढे में लोगों को खोज रहे हैं. लेकिन अभी तक किसी के शव के मिलने की खबर नहीं है. इस गड्ढे में तीन मकान और एक ऐतिहासिक किले का हिस्सा धंस गया. जिनके अवशेष तक नहीं दिखाई दे रहे हैं. ऐसे लगता है कि जैसे इस सिंकहोल ने इन सबको निगल लिया हो. (फोटोः एपी)
जर्मनी के अधिकारियों का कहना है कि इस आपदा में लोगों को बचाने और इमरजेंसी में खर्च करने के लिए करीब 2614 करोड़ रुपये लगेंगे. इसके अलावा अरबों रुपये लगेंगे सड़कें, इमारतें, टेलिफोन और बिजली के कनेक्शन को सुधारने में. कई ब्रिज टूटे हैं, उन्हें भी बनाना होगा. क्योंकि कई इलाकों से कनेक्टिविटी सही नहीं है. बताया जा रहा है कि जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल जल्द ही बाढ़ग्रस्त पश्चिमी जर्मनी का दौरा करेंगी. (फोटोः एपी)
prayers to our friends in #Germany on this horrific flood caused by heavy rain #germanyfloods https://t.co/J8d57UTCt8
— CRYPTANIC (@Engmhmsallag) July 18, 2021
इस भयावह बाढ़ से सिर्फ जर्मनी में ही परेशान नहीं हुई है. इससे बेल्जियम (Belgium) में भी काफी नुकसान हुआ है. वहां करीब 27 लोग मारे गए हैं. दोनों देशों में लापता लोगों को खोजने में बहुत ज्यादा दिक्कत आ रही है क्योंकि कई इलाकों में पानी का स्तर बहुत ज्यादा है. अरवीलर जिले के एक वाइन विक्रेता माइकल लैंग ने रोते हुए बताया कि उनका सबकुछ बर्बाद हो गया. बाढ़ में उनकी दुकान तक बह गई. माइकल कहते हैं कि वहां इतना कीचड़ भर गया है कि वह इलाका पहचान में नहीं आ रहा है. (फोटोः एपी)
कोलोन के पास स्थित कस्बे वासेनबर्ग में एक बांध टूटने की वजह से करीब हजारों लोग फंस गए थे. उनमें से 700 लोगों को बचाया गया है लेकिन कुछ का पता नहीं चल रहा है. वासेनबर्ग के मेयर मार्सेल मॉरेर ने कहा कि शनिवार रात से पानी का स्तर बढ़ना बंद हो गया है. लेकिन खतरा अभी टला नहीं है. वहीं पश्चिमी जर्मनी में स्थित द स्टीनबैशल बांध अब भी खतरनाक स्थिति में है. इस बांध के बहाव क्षेत्र से करीब 4500 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है, क्योंकि बांध से कभी भी पानी छोड़ने की नौबत आ सकती है. या फिर दबाव में यह बांध टूट भी सकता है. (फोटोः एपी)
पिछले 5 दिनों से पश्चिमी जर्मनी के रीनलैंड पैलेटिनेट (Rhineland Palatinate), उत्तरी राइन-वेस्टफैलिया (North Rhine-Westphalia) और पूर्वी बेल्जियम के इलाकों में लोगों के घरों में बिजली और टेलिफोन का कनेक्शन निष्क्रिय पड़ा है. जर्मनी का सबसे बड़ा बिजली उत्पादनकर्ता RWE ने कहा कि इंडेन और वीसवीलर स्थित खदान और पावर प्लांट बंद पड़े हैं. क्योंकि वहां पर बाढ़ का पानी घुस गया है. लेकिन पानी कम होते ही हम प्लांट को कम क्षमता के साथ शुरु कर सकते हैं. तब तक लोगों को इसी हालत में रहना होगा, क्योंकि अभी तक खतरा टला नहीं है. (फोटोः एपी)
In Altenahr in western Germany, even the dead were not spared in this week’s devastating flood. The village cemetery was swept away, headstones damaged and toppled by the force of the muddy water.
— KEYT NewsChannel 3 (@KEYTNC3) July 18, 2021
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दूसरी तरफ दक्षिणी जर्मनी के बावरिया (Bavaria) प्रांत में भी आपातकालीन स्थिति बन रही है. वहां भी बाढ़ आ गई है. आपातकालीन सेवा के कर्मचारियों को मदद के लिए भेज दिया गया है. क्योंकि बावरिया के कई इलाकों से भूस्खलन की बात सामने आई है. इसके साथ ही दक्षिणी बेल्जियम के प्रांत लग्जमबर्ग (Luxembourg) और नामूर (Namur) में बाढ़ की स्थिति बन गई है. वहां पर आपातकालीन कर्मचारियों द्वारा पानी की सप्लाई की जा रही है. साथ ही घरेलू खाद्य सामान भी पहुंचाए जा रहे हैं. (फोटोः एपी)
इस बीच खबर आ रही है कि पूर्वी जर्मनी (East Germany) और ऑस्ट्रिया (Austria) में भी तेज बारिश हुई, जिसकी वजह से वहां भी बाढ़ आ गई है. पूर्वी जर्मनी के सैक्सोनी (Saxony) प्रांत में बाढ़ भयावह रूप में है. सबसे ज्यादा प्रभावित इलाका सैक्सोन स्विट्जरलैंड (Saxon Switzerland) है. यह इलाका ड्रेसडेन (Dresden) जिले में स्थित है. इसके चारों तरफ प्रसिद्ध पर्यटन स्थल एल्बी वैली (Elbe Valley) है. सैक्सोन के पांच कस्बे बुरी तरह से पानी में डूबे हुए हैं. कई शहरों और राज्यों के बीच रेल सेवा बंद कर दी गई है. (फोटोः एपी)
जर्मनी में करीब 900 लोग लापता है. आपातकालीन सेवा के लोग लगातार इनकी खोजबीन कर रहे हैं. लेकिन कोई सुराग नहीं मिल रहा है. उधर नीदरलैंड्स के प्रधानमंत्री मार्क रुट ने कहा कि इसमें कोई शक नहीं है कि क्लाइमेट चेंज की वजह से ऐसा तूफान आया कि जर्मनी, बेल्जियम और ऑस्ट्रिया परेशान हैं. मुझे पता चला है कि लोगों को बचाने के दौरान जर्मनी के उत्तरी राइन-वेस्टफैलिया (North Rhine-Westphalia) प्रांत में चार फायरफाइटर्स की मौत हो गई. यह बेहद दुखद है, क्योंकि जब बचाने वाले लोग ही नहीं बच पा रहे हैं, तो आम लोगों का क्या होगा. (फोटोः एपी)
‘The official death toll in #Germany now stands at 156, 110 of which died in the #Ahrweiler district in Rheinland-Pfalz. 670 people still missing.
— Wᵒˡᵛᵉʳᶤᶰᵉ Uᵖᵈᵃᵗᵉˢ𖤐 (@W0lverineupdate) July 18, 2021
Massive cleanup operation is underway in the areas affected by the floods. #germanyflood#Flood
🎥FelixBonn pic.twitter.com/UFSIvnyXKD
जर्मनी में इस समय 23 हजार से ज्यादा बचाव एवं आपदाकर्मी लोगों को बचाने और राहतकार्यों में लगे हैं. कई जिलों के लोग तो खुद ही अपने शहर का कचरा और मलबा साफ करने में जुट गए हैं. क्योंकि सरकार सभी जगहों पर मदद एकसात नहीं पहुंचा सकती. जब तक मदद नहीं आती, तब तक लोग इस मलबे को साफ करते रहेंगे. (फोटोः एपी)