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साइंस न्यूज़

स्टडीः गाय के पेट में है ऐसा रसायन जिससे खत्म होगा प्लास्टिक

Microbes Cow Stomach Plastics
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गाय हमारी माता है. वो हमें दूध देती हैं....हम कोई निबंध नहीं लिख रहे. गाय के गुणों की जानकारी तो बच्चों को भी होती है. लेकिन आज हम उससे होने वाले एक ऐसे फायदे के बारे में आपको बताएंगे, जो आपने कभी नहीं सुना होगा. गाय के पेट में एक ऐसा एंजाइम (Enzyme) होता है, जो एक खास तरह के प्लास्टिक को पिघला सकता है, उसे तोड़ सकता है, या रिसाइकिल कर सकता है. यानी भविष्य में प्लास्टिक के कचरे को रिसाइकिल करने के लिए गाय के पेट में मिलने वाले इस खास रसायन का उपयोग किया जा सकता है. (फोटोःगेटी)

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गाय के पेट में जो रसायन होता है, उससे पॉलीइथाइलीन टेरेप्थेलेट (polyethylene terephthalate  - PET) से बनने वाली सोडा की बोतलें, खाने के पैकेट और सिथेंटिक फैब्रिक को आसानी से तोड़ा, पिघलाया और रिसाइकिल किया जा सकता है. यूनिवर्सिटी ऑफ मिनिसोटा के शोधकर्ताओं के अनुसार गाय के पेट के सबसे बड़े हिस्से रयूमन (Rumen) में बनने वाले एक तरल पदार्थ में बहने वाला माइक्रोब होता है, जो गाय और भेड़ों के पेट में मिलता है. (फोटोःगेटी) 

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यह माइक्रोब रयूमन में पैदा होता है. यह किसी भी तरह के PET प्लास्टिक को पचाने में सक्षम होता है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि गाय बहुत ज्यादा घास और शाकाहारी चारा खाती है. इससे उसके शरीर में प्राकृतिक पॉलिस्टर उत्पादित होता है, जिसे कटिन (Cutin) कहते हैं. PET प्लास्टिक में भी यही रसायन होता है. कटिन पेड़-पौधों के बाहरी हिस्से में मौजूद क्यूटिकल्स से निकलने वाला वैक्स जैसा पदार्थ होता है. (फोटोःगेटी)

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विएना स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ नेचुरल रिसोर्सेस एंड लाइफ साइंसेस में सीनियर साइंटिस्ट डोरिस रिबिट्श कहते हैं कि कटिन से ही फलों और सब्जियों में चिकनाहट और चमक आती है. जैसे टमाटर या सेब के बाहरी छिलके वाले हिस्से में देखें तो पता चलता है कि इनके ऊपर कटिन की परत चढ़ी होती है. जैसे ही कोई फंगस या बैक्टीरिया इन फलों या सब्जियों पर हमला करता है, ये कटिन एक खास तरह का एंजाइम छोड़ने लगते हैं. (फोटोःगेटी)

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इस एंजाइम को कटिनेसेस (Cutinases) कहते हैं. ये कटिन को हाइड्रोलाइज कर देते हैं. यानी ये तत्काल तरल पदार्थ में तब्दील हो जाते हैं. जिससे फंगस या बैक्टीरिया सिर्फ एक हिस्से तक सीमित होकर रह जाते हैं. डोरिस रिबिट्स कहते हैं कि उन्होंने कटिनेसेस एंजाइम को माइक्रोब्स से अलग करने में सफलता पाई है. बाद में उन्होंने देखा कि गाय के पेट में यही एंजाइम होता है, जो किसी भी तरह के PET पॉलीस्टर को पचा सकता है. (फोटोःगेटी)

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डोरिस ने कहा कि गाय बहुत ज्यादा मात्रा में पेड़-पौधे खाती हैं. इसलिए उसके पेट में ऐसे माइक्रोब्स का मिलना संभव है, जो प्लास्टिक पचाने वाले एंजाइम कटिनेसेस बनाते होंगे. 2 जुलाई को फ्रंटियर्स इन बायोइंजीनियरिंग एंड बायोटेक्नोलॉजी जर्नल में प्रकाशित रिसर्च स्टडी के मुताबिक गाय के रयूमेन से मिले माइक्रोब न सिर्फ PET को गला सकते हैं. बल्कि, पॉलीबुटीलीन एडिपेट टेरेप्थेलेट (polybutylene adipate terephthalate- PBAT) और पॉलीइथाइलीन फूरानोएट (polyethylene furanoate - PEF) को भी गला सकते हैं. (फोटोःगेटी)

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आपको बता दें कि PBAT से कंपोस्टेबल प्लास्टिक बैग बनाए जाते हैं. PEF को पौधों से मिले मेटेरियल को रिसाइकिल करके बनाया जाता है. गाय के पेट से मिलने वाले एंजाइम प्लास्टिक को कैसे रिसाइकिल करते हैं यह देखने के लिए उन्होंने हर तरह के प्लास्टिक को गाय के रयूमेन लिक्विड में एक से तीन दिन तक रखा. रयूमेन लिक्विड ने सबसे बेहतर तरीके से PEF को खत्म किया. हालांकि उसने सभी प्रकार के प्लास्टिक को सही तरीके से गला दिया. (फोटोःगेटी)

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जब डोरिस और उनकी टीम ने रयूमेन लिक्विड का डीएनए सैंपल लिया तो उन्हें खास तरह के माइक्रोब्स का पता चला. यह माइक्रोब प्लास्टिक को पिघलाने और तोड़ने में मदद करता है. डीएनए के सैंपल में 98 फीसदी हिस्सा बैक्टीरिया किंगडम से था. इसमें सबसे बड़ा और ताकतवर बैक्टीरिया था स्यूडोमोनास (Pseudomonas). ये प्लास्टिक को बहुत तेजी से तोड़ता है. ऐसे बैक्टीरिया को लेकर पहले भी स्टडी हुई है. जो एप्लाइड माइक्रोबायोलॉजी एंड बायोटेक्नोलॉजी और जर्नल ऑफ हजार्ड्स मैटेरियल में प्रकाशित हुई है. (फोटोःगेटी)

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गाय के पेट से निकाले गए लिक्विड में एसिनेटोबैक्टर (Acinetobacter) बैक्टीरिया की मात्रा भी काफी ज्यादा पाई गई. यह भी सिंथेटिक पॉलीस्टर को तोड़ने में काफी ज्यादा मदद करता है. इसे लेकर साल 2017 में जर्नल ऑफ एग्रीकल्चर एंड फूड केमिस्ट्री में स्टडी प्रकाशित हो चुकी है. डोरिस कहते हैं कि हर बैक्टीरिया, हर माइक्रोब और हर एंजाइम का काम अलग-अलग होता है. वो अलग-अलग टारगेट पर अपना निशाना बनाते हैं. (फोटोःगेटी)

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यूनिवर्सिटी ऑफ मानीटोबा डिपार्टमेंट ऑफ बायोसिस्टम्स इंजीनियरिंग के मॉलीक्यूलर बायोलॉजिस्ट डेविड लेविन कहते हैं कि यह स्टडी बेहद कारगर है. हमारी प्रकृति में ऐसे रसायन भरे पड़े हैं, जो प्लास्टिक जैसी चीजों को गला सकते हैं. लेकिन जरूरत है उन्हें सही तरीके से प्लास्टिक के सामने लाने की. कई ऐसे समुद्री जीव भी हैं, जो कटिनेसेस निकालते हैं. वो भी समुद्री प्लास्टिक और सिंथेटिक पॉलीस्टर को खत्म करते हैं. (फोटोःगेटी)

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