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साइंस न्यूज़

उफन कर बाहर आ रहे हैं महीनों पहले दफनाए कोरोना संक्रमित ऊदबिलाव, हैरान कर देगी इसकी वजह

Mink rising from Mass Graves
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अगर कोई मृत जीव अपनी कब्र से रॉकेट की तरह उड़ते हुए बाहर निकले तो आपकी हालत क्या होगी? ऐसा हुआ है और हो भी रहा है...डेनमार्क में. यहां पर पिछले साल जब कोरोना वायरस का कहर चरम पर था, तब लाखों मिंक जीवों को मारकर सामूहिक कब्र में दफना दिया गया था.  ये जीव नेवले की प्रजाति के होते हैं. इनसे कोरोना वायरस फैलने का खतरा था. इसलिए इनका कत्लेआम कर दिया गया. लेकिन अब इन्हीं जीवों के सड़े-गले शरीर कब्रों से खुद-ब-खुद फुदक कर बाहर आ रहे हैं. जिससे पहले तो स्थानीय लोग डर गए. प्रशासन परेशान हो गया. साइंटिस्ट्स को जानकारी मिली तो वो भी हैरान रह गए. जांच करने पर जो जानकारी सामने आई...उससे आपके होश उड़ जाएंगे. (फोटोःगेटी)

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मिंक (Mink) जीव नेवले जैसे होते हैं. इन्हें सामान्य भाषा में ऊदबिलाव कहा जाता है. इनके फर और अंगों का उपयोग कॉस्मेटिक्स बनाने के काम आता है. लेकिन मुर्दा मिंक जब अपनी कब्रों से तेजी से बाहर आने लगे तो लोग हैरान रह गए.  जब वैज्ञानिकों ने इनकी जांच की तो पता चला कि जल्दबाजी में दफनाए गए इन जीवों के सड़ने से जो गैस बनी उसे जमीन के अंदर से बाहर निकलने की जगह चाहिए थी. गैस दबाव के साथ जब कब्र फोड़कर बाहर निकली तो साथ ही मिंक के सड़े-गले शव भी बाहर आ गए. (फोटोःगेटी)

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डेनमार्क की सरकार ने पिछले साल नवंबर में फैसला लिया कि वह अपने देश के 289 मिंक फार्म्स के जीवों का सामूहिक कत्ल करेगा. क्योंकि इन जीवों में कोरोना वायरस संक्रमण पाया गया था. इंसानों को संक्रमित करने वाले कोविड-19 वायरस ने मिंक को संक्रमित किया और उसके शरीर में म्यूटेशन भी कर रहा था. इस बात का डर था कि कहीं ये वायरस इंसानों को संक्रमित न कर दे इसलिए इनका कत्ल किया गया. (फोटोःगेटी)

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मैसाच्यूसेट्स स्थित टफ्ट्स यूनिवर्सिटी के कमिंग्स स्कूल ऑफ वेटरीनरी मेडिसिन के संक्रामक रोग और वैश्विक स्वास्थ्य विभाग के प्रोफेसर जोनाथन रन्स्टैडलर ने कहा कि अगर ये जीव संक्रमित होते और इनसे इंसानों में संक्रमण फैलता तो ये स्थानीय स्तर पर कोरोना वायरस म्यूटेशन के स्रोत बन जाते. यह इंसानों के लिए काफी खतरनाक स्थिति होती. हर साल इन फॉर्म्स से हजारों मिंक फरार हो जाते हैं. ऐसे में संक्रमित मिंक फरार होते तो खतरा और बढ़ जाता इसिलए इन्हें मारकर एक साथ दफना दिया गया. (फोटोःगेटी)

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WHO के मुताबिक डेनमार्क की सरकार ने 289 मिंक फार्म्स के लाखों मिंक को मारने का फैसला लिया. उन्हें एक सीमित जगह पर सामूहिक तौर पर दफनाने का निर्देश दिया गया. साथ ही यह भी बताया गया कि कितनी गहराई में मिंक को दफनाना है. लेकिन डेनमार्क में करीब 40 लाख मिंक को मारकर दफनाया गया. इतनी ज्यादा मात्रा ये जीव थे कि जल्दबाजी में इन्हें मारकर दफना दिया गया. जिसमें कुछ नियमों को अनदेखा किया होगा. वहीं, 1.70 करोड़ मिंक के शवों को जलाया भी गया. लेकिन जीवों की संख्या ज्यादा थी, इसलिए 40 लाख मिंक दफनाए गए. अब यही मिंक कब्रों को फोड़कर बाहर आ रहे हैं. (फोटोःगेटी)

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इनमें से एक सामूहिक कब्रगाह तैरने योग्य झील के पास था. वहीं दूसरा पीने लायक पानी के स्रोत के पास. इसकी वजह से स्थानीय लोगों के पानी में संक्रमण फैलने का खतरा था. अभी इस खतरे का समाधान खोजा ही जा रहा था कि मिंक के सड़े-गले शव कब्रों से बाहर निकलने लगे. स्थानीय निवासियों ने बताया कि ये नजारा किसी जॉम्बी फिल्म की तरह है. आखिरकार ये जीव अपनी कब्रों को फोड़कर बाहर निकल रहे थे. (फोटोःगेटी)

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इस आपदा से बचने के लिए डेनमार्क की सरकार ने फैसला लिया है कि वो इन कब्रों को वापस खोदकर मरे हुए मिंक के शवों को जलाएंगे. इस काम में 13 हीटिंग प्लांट्स की मदद ली जाएगी. डेनमार्क की सरकार को उम्मीद है कि इससे मिंक से कोरोना फैलने का खतरा खत्म हो जाएगा. साथ ही ये कब्र फोड़कर बाहर नहीं निकलेंगे. (फोटोःगेटी)

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नीदरलैंड्स, चीन, डेनमार्क, पोलैंड जैसे देशों में ऊदबिलावों के फर और खाल का उपयोग किया जाता है. फैशन इंडस्ट्री में इन ऊदबिलावों के फर और खाल का उपयोग बहुत ज्यादा होता है. पिछले साल अगस्त में अमेरिका में भी ऊदबिलावों में कोरोना संक्रमण देखने को मिला था. उटाह स्थित दो बड़े फार्म्स को बंद कर दिया गया था. आपको बता दें कि अमेरिका में उटाह प्रांत सबसे बड़ा ऊदबिलाव ब्रीडर है. (फोटोःगेटी)

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वैज्ञानिकों का मानना है कि कोरोना वायरस पहले चमगादड़ों से इंसानों में आया. फिर उसने कुत्तों और बिल्लियों को संक्रमित किया. हालांकि ऐसे मामले कम ही थे. इसके बाद नीदरलैंड्स, डेनमार्क और स्पेन में ऊदबिलावों को कोरोना संक्रमण देखने को मिला. नीदरलैंड्स में ऊदबिलावों को मारने के लिए गैस का उपयोग किया जाता है. इसके बाद उनके शवों को डिस्पोजल प्लांट में ले जाकर जला दिया जाता है. इसके बाद फार्म्स और प्लांट को सैनिटाइज किया जाता है. (फोटोःगेटी)

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