क्या आप जानते हैं पृथ्वी का सबसे गर्म शहर कौनसा है? भारत में नहीं, लेकिन पड़ोस में ही है. पाकिस्तान का जैकबाबाद (Jacobabad, Pakistan) शहर, पिछले महीने दुनिया का सबसे गर्म शहर था. तब यहां का तापमान 51 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था. (Photo: Reuters)
यूं तो इस शहर का हर एक शख्स तपती धूप में जल रहा है, लेकिन यहां रहने वाली महिलाएं, खासकर गर्भवती महिलाओं के लिए ये गर्मी असहनीय है. ये गर्भवती महिलाएं इस हाल में भी, तपती गर्मी में खेतों में काम करती हैं. महिलाएं जो हाल ही में मां बनी हैं, वे भी बच्चों को छाया में लिटाकर 50ºC तापमान में काम करती हैं. (Photo: Reuters)
जलवायु परिवर्तन के भयानक प्रभावों को झेल रहा ये शहर अकेला नहीं है. दक्षिणी पाकिस्तान की महिलाएं और दुनिया भर में उनके जैसे लाखों लोग जानलेवा मौसम की मार झेल रहे हैं. 1990 के दशक के मध्य से अब तक किए गए 70 शोधों से पता चलता है कि लंबे समय तक गर्मी में रहने वाली गर्भवती महिलाओं में कॉम्प्लिकेशन होने का खतरा ज्यादा होता है. (Photo: Reuters)
सितंबर 2020 में ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में प्रकाशित, मेटा-एनालिसिस के मुताबिक, तापमान में हर 1 डिग्री सेल्सियस बढ़ने से, मृत बच्चे के जन्म (Stillbirth) और समय से पहले होने वाली डिलिवरियों (Premature deliveries) की संख्या करीब 5% तक बढ़ जाती है. (Photo: Reuters)
कोलंबिया यूनिवर्सिटी में ग्लोबल कंसोर्टियम ऑन क्लाइमेट एंड हेल्थ एजुकेशन की निदेशक सेसिलिया सोरेनसेन (Cecilia Sorensen) का कहना है कि महिलाओं के स्वास्थ्य पर ग्लोबल वार्मिंग के प्रभावों को डॉक्युमेंट नहीं किया गया है. हम ऐसा इसलिए नहीं करते, क्योंकि इसपर डेटा ही इकट्ठा नहीं किया जा रहा है. साथ ही, गरीब महिलाएं अक्सर इलाज नहीं कराती हैं. गर्भवती महिलाओं के लिए गर्मी एक बहुत बड़ी समस्या है. (Photo: Reuters)
जलवायु परिवर्तन के मामले में,गरीब देशों में बढ़ते तापमान में रहने वाली महिलाएं बहुत बुरे हाल में हैं. वे गर्भावस्था में भी काम करती हैं, जन्म देने के तुरंत बाद भी काम करने लगती हैं, क्योंकि इसके अलावा उनके पास कोई और विकल्प नहीं है. सामाजिक रूप से रूढ़िवादी पाकिस्तान और ऐसी ही अन्य जगहों पर महिलाएं बंद घरों में खाना बनाती हैं, जहां सही वेंटिलेशन या कूलिंग की सुविधा भी नहीं है. इससे स्थितियां और ज्यादा खतरनाक हो जाती हैं. (Photo: Reuters)
जैकबाबाद में लगभग 2 लाख लोग रहते हैं. जो बहुत अच्छी तरह जानते हैं कि वे पृथ्वी के सबसे गर्म शहर में रहते हैं. यहां भी कुछ जगह ज्यादा गर्म हैं. 14 मई को यहां तापमान 51 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था, जो मौसम विभाग के मुताबिक बहुत असामान्य था. (Photo: Reuters)
क्षेत्रीय मौसम के आंकड़ों के मुताबिक, जैकबाबाद ने 2010 के बाद से कम से कम दो बार तेज गर्मी की सीमा को पार किया है. साइंस जर्नल में मई 2020 में प्रकाशित शोध के मुताबिक, विश्व स्तर पर, इस तरह की तीव्र गर्मी की घटनाएं पिछले चार दशक में दोगुनी से ज्यादा हो गई हैं. (Photo: Reuters)
घर से कोई 10 किमी दूर खेतों में काम करने जाने वाली गर्भवती और मां बन चुकी महिलाएं, सुबह 6 बजे घर से काम शुरू करती हैं. दोपहर को खाना बनाने के लिए छोटा सा ब्रेक लेती हैं और सूरज ढलने तक काम करती हैं. स्तनपान के दौरान उन्हें परेशानी महसूस होती है, साथ ही पैरों में दर्द, बेहोशी और बेचैनी की शिकायत भी रहती है. (Photo: Reuters)
जिस वक्त जैकबाबाद का तापमान सबसे गर्म था. पांच बच्चों की मां नाजिया घर आने वाले अपने रिश्तेदारों के लिए खाना बना रही थी. लेकिन रसोई में पंखा न होने की वजह से वह बेहोश हो गई और उसे पास के एक अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे हीट स्ट्रोक की वजह से मृत घोषित कर दिया गया. नाजिया का सबसे छोटा बच्चा एक साल का था. (Photo: Reuters)
यहां बिजली और पानी की समस्या भी है. स्थानीय अधिकारियों का कहना है कि पानी की कमी बिजली कटौती की वजह से है. पूरे सिंध में पानी की भीषण कमी है. रूबीना नाम की महिला का कहना है कि वह खाना बनाने से पहले खुद को पानी से भिगो लेती है, ताकि गर्मी में उसे चक्कर न आए और वह बेहोश न हो. हालांकि ऐसा करने के लिए उनके पास हमेशा इतना पानी नहीं होता. (Photo: Reuters)
रुबीना का कहना है कि पानी अक्सर समय से पहले ही खत्म हो जाता है. हमें पानी खरीदकर पीना पड़ता है. नीले केन में पानी भरकर यहां, घर-घर बेचा जाता है. उनके घर में बच्चे एक कप पानी भी बांटकर पीते हैं. गर्मी के दिनों में बिना पानी और बिजली के हम जागते रहते हैं और ऊपरवाले से सिर्फ प्रार्थना करते हैं. (Photo: Reuters)
Heavily pregnant Sonari toils under the burning sun in fields dotted with bright yellow melons in Jacobabad, which last month became the hottest city on Earth. https://t.co/rNiB8tklQn
— Reuters Science News (@ReutersScience) June 14, 2022