भारतीय सेना (Indian Army) के लिए बनाई गई मध्यम रेंज की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (Medium Range Surface to Air Missile - MRSAM) का 27 मार्च 2022 को ओडिशा के बालासोर स्थित इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज से सफल परीक्षण किया. मिसाइल ने पूरी सटीकता के साथ टारगेट को कुछ मिनट में ही ध्वस्त कर दिया. (फोटोः DRDO)
इस मिसाइल को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने इजरायल के IAI कंपनी के साथ मिलकर बनाया है. इजरायल से भारत को मिली बराक मिसाइल (Barak Missile) भी MRSAM ही है. सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (Surface to Air Missile - SAM) आर्मी वेपन सिस्टम में कमांड पोस्ट, मल्टी फंक्शन राडार, मोबाइल लॉन्चर सिस्टम होता है. यह इजरायल की खतरनाक मिसाइल बराक-8 (Barak-8) पर आधारित है. (फोटोः विकिपीडिया)
MRSAM (Medium Range Surface to Air Missile) का वजन करीब 275 किलोग्राम होता है. लंबाई 4.5 मीटर और व्यास 0.45 मीटर होता है. इस मिसाइल पर 60 किलोग्राम वॉरहेड यानी हथियार लोड किया जा सकता है. यह दो स्टेज की मिसाइल है, जो लॉन्च होने के बाद धुआं कम छोड़ती है. (फोटोः DRDO)
एक बार लॉन्च होने के बाद MRSAM (Medium Range Surface to Air Missile) आसमान में सीधे 16 किलोमीटर तक टारगेट को गिरा सकती है. वैसे इसकी रेंज आधा किलोमीटर से लेकर 100 किलोमीटर तक है. यानी इस रेंज में आने वाले दुश्मन यान, विमान, ड्रोन या मिसाइल को नेस्तानाबूत कर सकती है. (फोटोः DRDO)
MRSAM-Army missile system flight tested from ITR Balasore at around 1030 Hrs intercepting a high speed aerial target at long range. The target was destroyed by the missile in a direct hit.@PMOIndia @DefenceMinIndia @SpokespersonMoD @adgpi pic.twitter.com/Ra5yfHaHo1
— DRDO (@DRDO_India) March 27, 2022
MRSAM (Medium Range Surface to Air Missile) मिसाइल में नई बात है रेडियो फ्रिक्वेंसी सीकर यानी यह दुश्मन का यान अगर चकमा देने के लिए सिर्फ रेडियो का उपयोग कर रहा है तो भी यह उसे मार गिराएगी. इसकी गति है 680 मीटर प्रति सेकेंड यानी 2448 किलोमीटर प्रतिघंटा. इसकी गति भी इसे बेहद घातक बनाती है. (फोटोः DRDO)
भारत ने इजरायल से MRSAM मिसाइल के पांच रेजीमेंट खरीदने की बात की है. इसमें 40 लॉन्चर्स और 200 मिसाइल आएंगे. इस डील की कीमत करीब 17 हजार करोड़ रुपए है. इन मिसाइलों की तैनाती से भारत को वायु सुरक्षा कवच बनाने में मदद मिलेगी. उम्मीद है कि साल 2023 तक इनकी तैनाती कर दी जाएगी. (फोटोः DRDO)
भारत की इजरायल के साथ अच्छी दोस्ती है. भारत ने 1996 में इजरायल से 32 सर्चर अनमैन्ड एरियल व्हीकल खरीदे थे. इसके अलावा लेजर गाइडेड बम भी खरीदे गए. बराक-1 मिसाइल से लेकर बराक-8 और बराक-8ER मिसाइल की डील चल रही है. बराक मिसाइलें भी MRSAM का ही शानदार नमूना हैं. (प्रतीकात्मक फोटोः DRDO)
विशाखापट्टनम गाइडेड मिसाइल विध्वंसक (INS Visakhapatnam) में 32 एंटी-एयर बराक मिसाइलें तैनात की जा सकती है. जिनकी रेंज 100 किलोमीटर है. या बराक 8ER मिसाइलें भी तैनात हो सकती हैं, जिसकी रेंज 150 किलोमीटर है. इसमें 16 एंटी-शिप या लैंड अटैक ब्रह्मोस मिसाइलें लगाई जा सकती हैं. यानी इन दोनों मिसाइलों से लैस होने के बाद ये युद्धपोत समुद्री शैतान की तरह दुश्मन के जहाजों और विमानों पर मौत बनकर टूट पड़ेगा. (फोटोः विकिपीडिया)