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साइंस न्यूज़

NASA रचने जा रहा इतिहास, पहली बार सौर मंडल से बाहर जाएगा यान

NASA Asteroid Spacecraft Lucy
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अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) एस्टेरॉयड्स की स्टडी के लिए अगले एक हफ्ते में एक बड़ा मिशन लॉन्च करने वाली है. इस मिशन का नाम है लूसी एस्टेरॉयड स्पेसक्राफ्ट (Lucy Asteroid Spacecraft). लूसी अंतरिक्ष में जाकर प्राचीन एस्टेरॉयड्स का अध्ययन करेगा और सौर मंडल की उत्पत्ति के रहस्यों का पर्दाफाश करेगा. इस मिशन की लागत 7387 करोड़ रुपए है. (फोटोः नासा)

NASA Asteroid Spacecraft Lucy
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लूसी स्पेसक्राफ्ट (Lucy Spacecraft) को अंतरिक्ष में भेजने का लॉन्च विंडो 16 अक्टूबर से शुरू हो रहा है. यानी तीन दिन बाद इस स्पेसक्राफ्ट को किसी भी समय नासा लॉन्च कर सकता है. यह मिशन 12 साल के लिए है. लूसी को सौर मंडल से बाहर जाने में 12 साल का समय लगेगा. इस दौरान यह आधा दर्जन से ज्यादा ट्रोजन एस्टेरॉयड्स के अगल-बगल से निकलेगा. ये एस्टेरॉयड बृहस्पति ग्रह के चारों तरफ चक्कर लगा रहे हैं.  (फोटोः नासा)

NASA Asteroid Spacecraft Lucy
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इस मिशन में कई काम पहली बार होने वाले हैं. जैसे- लूसी पहली बार बृहस्पति ग्रह के एस्टेरॉयड बेल्ट से गुजरेगा. पहली बार कोई स्पेसक्राफ्ट सौर मंडल के बाहर भेजा जा रहा है. पहली बार सौर मंडल और ब्रह्मांड के प्राचीन इतिहास के अध्ययन के लिए किसी स्पेसक्राफ्ट को लॉन्च किया जा रहा है. नासा ने अपने बयान में कहा है कि ऐसा पहली बार हो रहा है कि एक ही मिशन से कई काम किए जा रहे हैं. हम इतिहास खंगालने जा रहे हैं.  (फोटोः नासा)

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NASA Asteroid Spacecraft Lucy
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नासा ने कहा कि लूसी (Lucy) हमें अंतरिक्ष की प्राचीनता के बारे में बताएगी. ग्रहों की उत्पत्ति और एस्टेरॉयड्स की स्थितियों की जानकारी देगी. लूसी नाम 32 लाख साल पुराने इंसानी कंकाल के ऊपर दिया गया है. इस कंकाल से इंसानों की उत्पत्ति का पता चला था. इंसानों के सतत विकास के अध्ययन में एक नया मोड़, नई परिभाषा सामने आई थी. लूसी की खोज 1974 में हुई थी. (फोटोः नासा)

NASA Asteroid Spacecraft Lucy
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साउथवेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट (SwRI) में लूसी मिशन के प्रिंसिपल इन्वेस्टिगेटर हैरोल्ड लेविसन ने कहा कि अगर वैज्ञानिक महत्व की बात करे तो अंतरिक्ष में मौजूद एस्टेरॉयड्स किसी हीरे से कम नहीं है. इनकी स्टडी करके हम बड़े ग्रहों की सरंचना का पता कर सकते हैं. हम यह पता कर सकते हैं कि हमारा सौर मंडल कैसे बना. इसे बनाने में किस-किस चीज की जरूरत पड़ी या लगा. (फोटोः नासा)

NASA Asteroid Spacecraft Lucy
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हौरोल्ड ने बताया कि लूसी स्पेसक्राफ्ट (Lucy Spacecraft) अपनी 12 साल की यात्रा के दौरान करीब आठ एस्टेरॉयड्स का अध्ययन करेगा. इस दौरान यह धरती के नजदीक तीन बार आएगा. जिसमें से दो बार सौर मंडल के अंदर से और तीसरी बार सौर मंडल के बाहर से. यह एक बड़ा कदम है अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के लिए. हम मंगल और बृहस्पति ग्रह के बीच मौजूद एस्टेरॉयड की दुनिया को समझना चाहते हैं. जिन 8 एस्टेरॉयड्स की स्टडी लूसी करेगा, उसमें सात ट्रोजन एस्टेरॉयड्स हैं. चार ट्रोजन एस्टेरॉयड्स जोड़े में है. यानी लूसी एक बार में दो एस्टेरॉयड का अध्ययन करेगा. साथ ही दो एस्टेरॉयड्स की तस्वीरें भेजेगा. (फोटोः नासा)

NASA Asteroid Spacecraft Lucy
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लूसी स्पेसक्राफ्ट (Lucy Spacecraft) कई प्रकार के एस्टेरॉयड्स की अध्ययन के अलावा कई नए रहस्य का खुलासा भी करेगा. यह भी पता करेगा कि क्या किसी एस्टेरॉयड पर जीवन संभव है. उनपर सिर्फ सिलिकेट्स, क्ले हैं या फिर कार्बनिक पदार्थ भी हो सकते हैं. क्या किसी एस्टेरॉयड पर सूक्ष्म जीवन है या रहा है. या फिर भविष्य में संभव है. (फोटोः नासा)

NASA Asteroid Spacecraft Lucy
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लूसी स्पेसक्राफ्ट (Lucy Spacecraft) सौर मंडल से बाहर जाने से पहले जिन एस्टेरॉयड्स की अध्ययन करने वाला है वो हैं- 52246 डोनाल्डजॉन्सन, 3547 यूरीबेट्स और उसका उपग्रह क्वेटा, 15094 पॉलीमेले, 11351 लियुकस, 21900 ओरस और जोड़े 617 पेट्रोक्लस/मेनोइटियस. लूसी की वेबसाइट पर पूरे मिशन की डिटेल जानकारी दी गई है. (फोटोः नासा)

NASA Asteroid Spacecraft Lucy
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लूसी स्पेसक्राफ्ट (Lucy Spacecraft) पर कलर विजिबल कैमरा, लॉन्ग रेंज रीकॉनसेंस इमेजर, थर्मल एमिशन स्पेक्ट्रोमीटर, टर्मिनल ट्रैकिंग कैमरा, हाई-गेन एंटीना लगे हैं, जो एस्टेरॉयड्स के विभिन्न पहलुओं का अध्ययन करेंगे. इस स्पेसक्राफ्ट को लॉकहीड मार्टिन कंपनी ने बनाया है. यह 43 फीट लंबा है. इसके सोलर पैनल 20 फीट व्यास के हैं. इसे एटलस-वी 401 रॉकेट से केप केनवरल लॉन्च स्टेशन से अंतरिक्ष में भेजा जाएगा. (फोटोः नासा)

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