अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) ने उद्योगपति एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स (SpaceX) को चांद पर लैंडर भेजने के लिए चुन लिया है. इस लैंडर का नाम होगा मूनवॉकर्स (Moonwalkers). नासा ने ये घोषणा अगले हफ्ते होने वाले क्रू लॉन्च से पहले की है. अगले हफ्ते फ्लोरिडा स्थित केप केनवरल से स्पेसएक्स के ड्रैगन कैप्सूल में नासा के एस्ट्रोनॉट्स अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की यात्रा पर जाएंगे. इस यात्रा में पहली महिला और पहला ब्लैक एस्ट्रोनॉट भेजा जाएगा. (फोटोःगेटी)
एलन मस्क (Elon Musk) की कंपनी स्पेसएक्स ने जेफ बेजोस (Jeff Bezos) की स्पेस कंपनी ब्लू ओरिजिन एंड डायनेटिक्स को पछाड़ कर चांद पर लैंडर भेजने का मौका अपने कब्जे में किया है. नासा चांद पर लैंडर भेजने के लिए स्पेसएक्स को 2.89 बिलियन डॉलर्स यानी 21,542 करोड़ रुपए का कॉन्ट्रैक्ट किया है. इतनी राशि गोवा सरकार के एक साल के बजट के बराबर है. (फोटोःगेटी)
नासा के एक्टिंग एडमिनिस्ट्रेटर स्टीव जर्कजिक ने कहा कि हम सिर्फ चांद तक ही नहीं रुकेंगे. हमारा आखिरी लक्ष्य मंगल ग्रह है. नासा ने फिलहाल चांद पर लैंडर भेजने की तारीख का ऐलान नहीं किया है. क्योंकि अभी इसके लिए रिव्यू चल रहा है. हालांकि, डोनाल्ड ट्रंप की सरकार ने इसके लिए 2024 की डेडलाइन रखी थी. लेकिन नासा ने अब इसे सिर्फ एक लक्ष्य कहा है. (फोटोः SpaceX)
NASA has selected Starship to land the first astronauts on the lunar surface since the Apollo program! We are humbled to help @NASAArtemis usher in a new era of human space exploration → https://t.co/Qcuop33Ryz pic.twitter.com/GN9Tcfqlfp
— SpaceX (@SpaceX) April 16, 2021
नासा के ह्यूमन स्पेस एक्स्प्लोरेशन की प्रमुख कैथी ल्यूडर्स ने कहा कि ये काम हम तब करेंगे जब हमें सुरक्षा और सटीकता की सही जानकारी मिलेगी. लेकिन कैथी ने इशारा किया कि नासा और स्पेसएक्स मिलकर इस दशक के अंत में इंसानों को अंतरक्षि में भेजने की सफलता हासिल कर लेंगे. (फोटोः SpaceX)
ये एस्ट्रोनॉट्स नासा के ओरियन कैप्सूल में लॉन्च किए जाएंगे. इसके बाद चांद की कक्षा में ये स्पेसएक्स के स्टारशिप रॉकेट में जाएंगे. उसके बाद ये लोग उसी स्टारशिप रॉकेट के जरिए चांद पर उतरेंगे. मूनवॉकर्स लैंडर की सवारी करेंगे. अपने प्रयोग खत्म करने के बाद वो लोग वापस स्टारशिप रॉकेट से धरती पर लौटेंगे. (फोटोःगेटी)
फ्लोरिडा पहुंचे चार एस्ट्रोनॉट्स का स्वागत करने के लिए नासा के एक्टिंग एडमिनिस्ट्रेटर स्टीव जर्कजिक मौजूद थे. ये एस्ट्रोनॉट्स केनेडी स्पेस सेंटर में स्टीव से मिले. स्टीव ने कहा कि एक पूरे एक दशक के बाद हमलोग एक साल में तीन क्रू मिशन लॉन्च कर पा रहे हैं. अगले गुरुवार को ये चारों एस्ट्रोनॉट्स स्पेस स्टेशन रवाना होंगे. (फोटोः SpaceX)
The Falcon 9 first stage previously launched the Crew-1 mission, and the Dragon spacecraft previously flew @AstroBehnken and @Astro_Doug to and from the @space_station during the Demo-2 mission pic.twitter.com/OFTAh5cJUS
— SpaceX (@SpaceX) April 17, 2021
स्पेस स्टेशन जाने वाले एस्ट्रोनॉट्स में 2 अमेरिकी, 1-1 फ्रांस और जापान के हैं. नासा के शेन किम्ब्रो और मेगन मैक्ऑर्थर, फ्रांस के थॉमस पिस्क्वेट और जापान के अकिहिको होशिदे. ये पहले भी अंतरिक्ष की यात्रा कर चुके हैं. इस यात्रा के कमांडर शेन किम्ब्रो ने कहा कि ये हकीकत है कोई सपना नहीं कि हम लोग वापस स्पेस स्टेशन जाने वाले हैं. (फोटोः गेटी)
गुरुवार यानी 22 अप्रैल को होने वाली उड़ान के लिए स्पेसएक्स (SpaceX) पहली बार रिसाइकिल किए हुए फॉल्कन रॉकेट और ड्रैगन कैप्सूल का उपयोग करेगा. नासा ने अमेरिकी निजी कंपनियों को अंतरिक्ष यात्रा के लिए स्पेसएक्स (SpaceX) को चुना है. क्योंकि नासा ने अपना स्पेस शटल प्रोग्राम साल 2011 में बंद कर दिया था. (फोटोः गेटी)
शेन किम्ब्रो ने कहा कि अगर हमसे पहले कहा जाता कि आपको दोबारा से ठीक किए गए रॉकेट और कैप्सूल में अंतरिक्ष में जाना है तो मैं सोचता. या शायद मना कर देता. लेकिन हमें कई साल हो चुके हैं. हमारे पास ऐसी उड़ानों का अनुभव है. साथ ही नासा और स्पेसएक्स मिलकर जो काम कर रहे हैं वो शानदार है. इसलिए कोई डर नहीं है. क्योंकि स्पेसएक्स पहले भी उपयोग किए गए रॉकेट और कैप्सूल से कई बार कार्गो भेज चुका है. (फोटोः गेटी)
Onward to the Moon! 🌕@NASA has selected @SpaceX to continue its development of Starship for @NASAArtemis's Human Landing System >> https://t.co/NXQhzEXonk pic.twitter.com/nVEXYHN9Fn
— NASA Marshall (@NASA_Marshall) April 17, 2021
इस यात्रा पर जा रही हैं अंतरिक्षयात्री मेगर मैक्ऑर्थर पहली बार ड्रैगन कैप्सूल से स्पेस स्टेशन की यात्रा पर जा रही है. इससे पहले 2009 में वो स्पेस शटल को लेकर हबल स्पेस टेलिस्कोप की मरम्मत के लिए गई थीं. यानी करीब 12 साल बाद वो फिर से अंतरिक्ष की यात्रा करेंगी. वहीं, थॉमस पिस्क्वेट ने कहा कि हम इंसानों के अंतरिक्षयात्रा के स्वर्णिम युग में जी रहे हैं. ऐसा लगता है कि हर देश के पास स्पेसक्राफ्ट को लेकर एक प्लान है. (फोटोःगेटी)