बृहस्पति ग्रह (Jupiter) के पास 79 चांद हैं. जिनमें से 53 को नाम दे दिया गया है लेकिन 26 अभी नामकरण के इंतजार में हैं. इस बीच बृहस्पति के सबसे बड़े चांद ने अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) के अंतरिक्षयान जूनो (Juno Spacecraft) को अपने बगल से गुजरते हुए देखकर सीटी बजाई. जूनो भी कम नहीं था, उसने सीटी की आवाज को रिकॉर्ड कर लिया. उसने नासा को सीटी की रिकॉर्डेड आवाज भेजकर बताया कि गैनीमेडे ने ऐसी हरकत की है. (फोटोः NASA/Juno)
जूनो स्पेसक्राफ्ट के प्रिंसिपल इनवेस्टिगेटर स्कॉट बोल्टन ने बताया कि गैनीमेडे के आवाज की रिकॉर्डिंग बेहद स्पष्ट है. हमने इसे अमेरिकन जियोफिजिकल यूनियन फॉल मीटिंग में सुनाया भी है. इसमें गैनीमेडे फ्लाईबाई, चुंबकीय क्षेत्र, बृहस्पति और धरती के सागरों के बारे में डिटेल में चर्चा की गई. स्कॉट ने बताया कि यह ऑडियो रिकॉर्ड 50 सेकेंड का है. जिसे जूनो स्पेसक्राफ्ट ने गैनीमेडे के करीब उड़ते हुए 7 जून 2021 को रिकॉर्ड किया था. (फोटोः NASA/Juno)
स्कॉट ने बताया कि असल में ये आवाज बृहस्पति के मैग्नेटोस्फेयर (Magnetosphere) के बीच इलेक्ट्रिक और मैग्नेटिक रेडियो तरंगों की है. इनसे निकलने वाली आवाज सीटियों जैसी लगती है. जिसे जूनो स्पेस्क्राफ्ट ने रिकॉर्ड किया है. इस आवाज को सुनते समय आपको लगेगा कि आप खुद जूनो यान में बैठकर बृहस्पति ग्रह के चारों तरफ यात्रा कर रहे हैं. वैसे भी ये आवाज इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि पिछले दो दशकों में पहली बार जूनो ने गैनीमेडे के पास से यात्रा की है. (फोटोः NASA/Juno)
स्कॉट कहते हैं कि आवाज की रिकॉर्डिंग से पता चलता है कि आवाज में रेंज है. तेज फ्रिक्वेंसी की आवाजें भी हैं. यानी गैनीमेडे चांद के चुंबकीय क्षेत्र में लगातार बदलाव हो रहा है. इस आवाज की रिकॉर्डिंग की डिटेल जांच चल रही है. ऐसा माना जा रहा है कि अगर जूनो स्पेसक्राफ्ट गैनीमेडे के और नजदीक जाए तो आवाज में अंतर महसूस किया जा सकता है. या फिर हमें एकदम अलग आवाज सुनाई दे. (फोटोः NASA/Juno)
यूनिवर्सिटी ऑफ आयोवा में आवाज की तरंगों के एक्सपर्ट और इस स्टडी के सह-लेखक विलियम कर्थ कहते हैं कि हो सकता है कि अगर जूनो स्पेसक्राफ्ट (Juno Spacecraft) गैनीमेडे के चारों तरफ अलग-अलग समय में चक्कर लगाए तो हमें अलग-अलग तरह की आवाजें सुनने को मिलें. जूनो ने हाल ही में बृहस्पति का 34वां चक्कर लगाया है. यह चक्कर लगाते समय वह सौर मंडल के सबसे बड़े चांद गैनीमेडे की सतह से मात्र 1038 किलोमीटर दूर था. इसकी गति 67 हजार किलोमीटर प्रतिघंटा थी. (फोटोः NASA/Juno)
यहां क्लिक करें और सुने गैनीमेडे की सीटियां
नासा गोडार्ड स्पेस फ्लाइट सेंटर में जूनो मिशन के डिप्टी प्रिंसिपल इनवेस्टीगेटर जैक कोनरनी ने कहा कि हमें जूनो की मदद से बृहस्पति ग्रह का सबसे डिटेल मैप भी बनाया है. यह नक्शा बृहस्पति के चारों तरफ 32 चक्कर लगाने के बाद बनाया गया है. इसमें रहस्यमयी जायंट ग्रेट ब्लू स्पॉट भी शामिल है. जो कि ग्रह के भूमध्यरेखा के पास स्थित है. जूनो का डेटा बताता है कि बृहस्पति ग्रह के चुंबकीय क्षेत्र में लगातार बदलाव आता रहता है. (फोटोः NASA/Juno)
It’s not scifi. It’s the real deal.
— NASA (@NASA) December 19, 2021
Our @NASASolarSystem #JunoMission to Jupiter recently flew through the magnetic field of Ganymede, one of the gas giant’s many moons. Along the way, it captured audio. Here’s how: https://t.co/9CqbS7jAp5 pic.twitter.com/hLbUf6JGcU
बृहस्पति ग्रह पर मौजूद रहस्यमयी जायंट ग्रेट ब्लू स्पॉट 2 इंच प्रति सेकेंड की गति से पूर्व दिशा की ओर आगे बढ़ रहा है. यह ब्लू स्पॉट पिछले 350 सालों से यह काम कर रहा है. जबकि, ग्रह की बाकी चीजें उसी स्थिति में हैं. जबकि, ग्रेट रेड स्पॉट बृहस्पति की भूमध्यरेखा के दक्षिण में स्थित है. यह ग्रह के चारों तरफ साढ़े चार साल में एक चक्कर लगाता है. यह बृहस्पति ग्रह पर मौजूद सबसे बड़ा वायुमंडलीय एंटीसाइक्लोन है. (फोटोः NASA/Juno)
बृहस्पति ग्रह के नए नक्शे से लगता है कि ब्लू स्पॉट को हवाएं तोड़ रही हैं. इसका मतलब ये है कि जोनल हवाएं बृहस्पति ग्रह की गहराई तक पहुंच रही हैं. यानी ऊपरी वायुमंडल की हवाएं अब सतह तक पहुंच रही हैं. ज्यूपिटर ग्रह का नया चुंबकीय नक्शा भी तैयार है, जिसकी तुलना धरती के चुंबकीय क्षेत्र से की जा रही है. (फोटोः NASA/Juno)