scorecardresearch
 
Advertisement
साइंस न्यूज़

NASA चांद पर साल 2030 तक बनाएगा न्यूक्लियर प्लांट, लोगों से मांगा रिएक्टर का आइडिया

NASA Nuclear Power Plant Moon
  • 1/7

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) चांद पर न्यूक्लियर पावर प्लांट बनाना चाहता है. इसके मकसद है चांद के पावर प्लांट से ऊर्जा लेकर इंसानों को मंगल और अन्य ग्रहों तक पहुंचाया जा सके. नासा ने लोगों से पूछा है कि क्या उनके पास ऐसा कोई आइडिया या तकनीक है कि जिससे एक यूरेनियम (Uranium) से चलने वाला परमाणु प्लांट 12 फीट लंबे और 18 फीट चौड़े रॉकेट में सेट किया जा सके. नासा और अमेरिकी ऊर्जा मंत्रालय लोगों से इसके लिए आइडिया मांग रहे हैं. (फोटोः ESA)
 

NASA Nuclear Power Plant Moon
  • 2/7

डिपार्टमेंट ऑफ एनर्जी के इडाहो नेशनल लेबोरेटरी ने हाल ही में एक बयान जारी करके कहा कि नासा एक टिकाऊ, उच्च शक्ति और सूर्ज की ऊर्जा से मुक्त फिजन रिएक्टर को अगले 10 सालों में चांद की सतह पर बनाना चाहता है. इसलिए नासा और डिपार्टमेंट ऑफ एनर्जी ने लोगों, वैज्ञानिकों, संस्थानों और निजी कंपनियों से प्रपोजल मांगा है. इस प्रोजेक्ट के लिए अपना आइडिया शेयर करने की आखिरी तारीख 19 फरवरी 2022 है. (फोटोः गेटी)

NASA Nuclear Power Plant Moon
  • 3/7

नासा के इस प्रोजेक्ट के तहत चांद को अंतरिक्ष का एक बेस बनाया जाएगा. जहां से इंसानी अंतरिक्ष खोज की यात्रा शुरु होगी. यानी इंसान मंगल या अन्य ग्रहों तक जाने के लिए चांद पर आराम कर सकता है. ईंधन भर सकता है. या अपनी यान की जांच-पड़ताल कर सकता है. न्यूक्लियर पावर प्लांट बनने के बाद चांद पर कई अन्य काम भी हो सकते हैं. इस प्लांट से ऊर्जा लेकर ऑक्सजीन पैदा करने के प्लांट भी लगाए जा सकते हैं. बिजली बनाई जा सकती है. (फोटोः NASA)
 

Advertisement
NASA Nuclear Power Plant Moon
  • 4/7

वॉशिंगटन स्थित नासा स्पेस टेक्नोलॉजी मिशन डायरेक्टोरेट के एसोसिएट एडमिनिस्ट्रेटर जिम रियूटर ने कहा कि चांद से न्यूक्लियर पावर प्लांट से मिलने वाली ऊर्जा हमारे लिए बहुत काम आएगी. हम चांद और मंगल पर यात्राएं आसानी से कर सकेंगे. चांद पर इंसानी बस्ती बना सकेंगे. इसके अलावा चांद पर खनन जैसे कार्य कर सकेंगे. ताकि पता चल सके कि वहां मिट्टी के नीचे क्या-क्या है. उनका किस तरह का उपयोग हो सकता है. (फोटोः गेटी)

NASA Nuclear Power Plant Moon
  • 5/7

नासा ने लोगों से जो प्रस्ताव मांगे हैं, उनके बेसिक नियम ये हैं कि न्यूक्लियर प्लांट यूरेनियम आधारित फिजन रिएक्टर होना चाहिए. यानी जो हैवी एटॉमिक न्यूक्लियाई को हल्के न्यूक्लियाई में बदल सके और ऊर्जा को बाईप्रोडक्ट के तौर पर निकाल सके. इस रिएक्टर का वजन 6000 किलोग्राम से ज्यादा नहीं होना चाहिए. यह 12 फीट लंबे और 18 फीट चौड़े रॉकेट में सेट किया जा सके. (फोटोः गेटी)
 

NASA Nuclear Power Plant Moon
  • 6/7

इस रिएक्टर को धरती पर ही रॉकेट में असेंबल किया जाएगा. इसके बाद इसे चांद की तरफ भेजा जाएगा. चांद पर यह 40 किलोवॉट की ऊर्जा प्रदान करेगा. यानी 10 साल तक लगातार बिजली की सप्लाई जारी रहेगी. NASA ने यह भी कहा है कि रिएक्टर में सेल्फ कूलिंग की व्यवस्था भी होनी चाहिए. क्योंकि चांद पर दिन में 127 डिग्री सेल्सियस तक तापमान चला जाता है. (फोटोः गेटी)

NASA Nuclear Power Plant Moon
  • 7/7

नासा की तरफ से यह प्रपोजल ऐसे समय में आया है जब वह अर्टेमिस (Artemis) मिशन की तैयारियों में जुटा है. इस मिशन के तहत नासा चांद पर इंसानों की बस्ती बनाना चाहता है. वह भी इस दशक के अंत तक. यह मिशन साल 1972 के बाद अब शुरु किया जा रहा है. इसकी कीमत करीब 93 बिलियन डॉलर यानी 6.98 लाख करोड़ रुपये हैं. (फोटोः NASA)

Advertisement
Advertisement