ये बात है 29 अक्टूबर 2020 की. पुर्तगाल (Portugal) के छोटे से टूरिस्ट शहर नाजारे (Nazaré) की. यहां के समुद्र में अक्सर तूफानी लहरें उठती है. विशालकाय. बेहद बड़ी और डरावनी. लेकिन इन्हीं लहरों पर सर्फिंग करने की प्रतियोगिता होती है. इधर नीचे लहरों पर प्रतियोगिता हो रही थी. वहीं ऊपर NASA का सैटेलाइट इसी जगह की तस्वीर ले रहा था. तस्वीर में समुद्र के अंदर शहर के तट की तरफ गहरे हरे रंग के छल्ले दिक रहे हैं, जो असल में ऊंची लहर है. (फोटोः लॉरेन डॉफिन/NASA Earth Observatory/Landsat-8)
जबकि, 5 फरवरी 2022 को उसी जगह की तस्वीर ली गई तो मामला पूरी तरह से उलटा था. कोई लहर नहीं थी. समुद्र सन्नाटे में था. शांत था. बादल भी नहीं दिख रहे थे. अब वापस दो साल पहले की कहानी. सर्फिंग की प्रतियोगिता के दिन पुर्तगाल के ही एक 18 वर्षीय सर्फर एंतोनियो लॉरियानो (António Laureano) ने 101.4 फीट ऊंची लहर पर सर्फिंग का नया रिकॉर्ड बनाया. (फोटोः लॉरेन डॉफिन/NASA Earth Observatory/Landsat-8)
ऊपर इसी दिन नासा के सैटेलाइट लैंडसैट-8 (Landsat-8) ने तस्वीर ली. अब नाजारे (Nazaré) की लहरों का जो नजारा आपको सामने से दिखाई देगा. वह अंतरिक्ष से वैसा तो दिखेगा नहीं. नाजारे (Nazaré) के प्रसिद्ध नॉर्थ बीच ( Praia do Norte) से ऊंची-ऊंची लहरें टकरा रही थीं. सफेद झाग से भरा समुद्र दिख रहा था. सैकड़ों लोग तट पर खड़े होकर सर्फिंग का आनंद ले रहे थे. (फोटोः गेटी)
जिस लहर की तस्वीर नासा के सैटेलाइट ने ली वह करीब सात मंजिला ऊंची थी. नासा के अर्थ ऑब्जरवेटरी के बयान के मुताबिक इस लहर ने समुद्र के अंदर 10 किलोमीटर के इलाके को हिला दिया था. सर्दियों के मौसम में नाजारे (Nazaré) की लहरें किसी भी समय 50 से 100 तक फीट ऊंची हो जाती है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि यहां तट के पास समुद्र के नीचे समुद्री घाटी (Canyon) है. (फोटोः गेटी)
इस समुद्री घाटी से टकराने के बाद लहरों का उग्र रूप देखने को मिलता है. दूसरी मजेदार बात ये थी कि उस दिन यानी 29 अक्टूबर 2020 को इस इलाके में हरिकेन एप्सिलोन (Hurricane Epsilon) का भी असर था. हवाएं तेज चल रही थीं. जिसने बरमूडा और उत्तरी अमेरिका के कुछ इलाकों को उसी दिन हिलाकर रख दिया था. यानी समुद्री घाटी की टक्कर और तेज हवाओं का साथ मिला तो लहरें आसमान छूने लगीं. (फोटोः गेटी)
उस दिन सर्फिंग का रिकॉर्ड बनाने वाले एंतोनियो लॉरियानो (António Laureano) ने कहा कि मैं बचपन से सर्फिंग कर रहा हूं. लेकिन जैसे ही मैं उस बड़ी लहर पर सर्फिंग करने गया, तब मुझे लगा कि ये सच में बेहद बड़ी है. यह किसी राक्षस से कम नहीं है. यह लहर उस दिन की सबसे बड़ी लहर थी. उसके बाद से मैंने कभी इतनी बड़ी लहर पर सर्फिंग नहीं की है. (फोटोः गेटी)
सर्फिंग के बाद एंतोनियो लॉरियानो (António Laureano) ने उस बड़ी लहर का वीडियो यूनिवर्सिटी ऑफ लिस्बन के शोधकर्ताओं के पास भेजा. जिन्होंने लहर के आकार का अंदाजा लगाया. यूनिवर्सिटी के ओशिएनोग्राफर मिगुएल मोरीरा ने कहा कि हमने जब लहर के आकार की गणना की तो हैरान रह गए. हमनें उसके सबसे ऊंचे और निचले प्वाइंट की गणना की तो पता चला कि यह उस दिन की सबसे ऊंची लहर थी. (फोटोः गेटी)
मिगुएल ने बताया कि हमारे सॉफ्टवेयर ने बताया कि यह 101.4 फीट यानी करीब 30.9 मीटर ऊंची लहर थी. यह किसी इंसान द्वारा सर्फिंग करने वाली सबसे बड़ी लहर थी. वर्ल्ड सर्फ लीग (WSL) ने इसे सबसे बड़ी लहर नहीं माना क्योंकि इसकी गणना जिस तरह से की गई है, उसे वो मानते नहीं है. उनके हिसाब से साल 2017 में ब्राजील के सर्फर रोड्रिगो कोक्सा ने नाजारे में ही 80 फीट ऊंची लहर पर सर्फिंग की थी. वो रिकॉर्ड है. (फोटोः गेटी)
WSL के मुताबिक वो लहरों की गणना लहरों के सामने खड़े होकर या उसके पीछे से करते हैं. वह भी तब जब वह टूटती है. लेकिन जिस दिन एंतोनियो लॉरियानो (António Laureano) रिकॉर्ड बना रहा था. उस दिन WSL की टीम का कोई अधिकारी यहां मौजूद नहीं था. इसलिए यह रिकॉर्ड मान्यता प्राप्त नहीं रहा. खैर ये तो बात है सर्फिंग के रिकॉर्ड की. लेकिन एंतोनियो ने हिम्मत तो दिखाई. (फोटोः गेटी)
पुर्तगाली हाइड्रोग्राफिक इंस्टीट्यूट के मुताबिक समुद्री के अंदर मौजूद नाजारे की घाटी (nazaré canyon) की वजह से ही यह ऊंची लहरें उठती हैं. यह घाटी करीब 230 किलोमीटर लंबी और 5 किलोमीटर गहरी है. असल में जब लहर घाटी से गुजरती है, तब उसका निचला हिस्सा घाटी में अपनी पुरानी गति में ही रहता है. लेकिन ऊपरी हिस्सा घाटी की वजह से धीमा हो जाता है. इससे लहर की दिशा बदलती है. वह पीछे की तरफ मुड़ने लगती है. लेकिन इसके पीछे आने वाली लहर जो घाटी से नहीं टकराती ऊपर से निकलते हुए ऊंचाई हासिल कर लेती है. (फोटोः गेटी)
जब दक्षिण पश्चिम लहर और उत्तर पश्चिम लहर आपस में टकराती है, तब वो उस तरह की ऊंची लहर बनाती हैं, जिस पर एंतोनियो लॉरियानो (António Laureano) ने सर्फिंग की थी. आमतौर पर इतनी ऊंची लहरें सिर्फ सर्दियों के मौसम में ही बनती हैं. ऐसा माना जा रहा है कि जलवायु परिवर्तन (Climate Change) की वजह से नाजारे की लहरों की आमद और तीव्रता बदल जाए. यह हो सकता है कि खराब मौसम में इन लहरों की तीव्रता और ऊंचाई में 5 से 15 फीसदी की बढ़ोतरी हो. जो कि आसपास के तटीय इलाके के लिए खतरनाक है. NASA ने उस ऊंची लहर की तस्वीर हाल ही में नासा अर्थ ऑब्जरवेटरी पर रिलीज की थी. (फोटोः गेटी)