हिमालय में बसे राष्ट्र नेपाल की हालत इस समय खराब चल रही है. मॉनसूनी बारिश की वजह से नदियां उफान पर हैं. जिसकी वजह से राजधानी काठमांडू में बाढ़ आई हुई है. भूस्खलन और बाढ़ से 40 लोगों की मौत हो चुकी है. (सभी फोटोः एपी/निरंजन श्रेष्ठ)
इस हफ्ते एक व्यक्ति की मौत भूस्खलन में हुई. इस लैंडस्लाइड से एक प्रमुख राजमार्ग बाधित हो गया. नेपाल में जून से सितंबर तक बारिश होती है. जिसकी वजह से हर साल सैकड़ों लोग मारे जाते हैं. कई लापता हो जाते हैं. इस बार भी यही हो रहा है.
नेपाल के गृह मंत्रालय के अधिकारी माना आचार्य ने बताया कि इस साल अब तक ऐसे भयानक मौसम की वजह से 38 लोगों की मौत हो चुकी है. करीब 33 लोग लापता हैं. ज्यादातर लोग बाढ़ के पानी या भूस्खलन की वजह से मारे गए हैं. राहत एवं बचावकर्मी लापता लोगों की तलाश में लगे हैं.
सबसे ज्यादा दिक्कत राजधानी काठमांडू के आसपास मौजूद गांवों में है. भूस्खलन की वजह से राजधानी के कई प्रमुख राजमार्ग और हाइवे ब्लॉक हो गए हैं. दक्षिणी मैदानों की तरफ हालत और भी खराब है. शहरों और गांवों में पानी भरा हुआ है.
ज्यादा बारिश की वजह से बागमती नदी उफान पर है. इससे मुसीबत ये है काठमांडू घाटी में बाढ़ आ गई है. करीब 40 लोग बाढ़ की वजह से प्रभावित हैं.
स्थानीय लोग अपने घरों से पानी निकालते हुए दिखाई दे रहे हैं. स्थानीय प्रशासन ने लोगों को निचले इलाकों से ऊपर की ओर जाने की अपील की है. काठमांडू के पूर्वी तरफ सिंधौली नदी के आसपास लोगों को हटा दिया गया है.
इस भयानक बारिश, बाढ़ और भूस्खलन की वजह जलवायु परिवर्तन को माना जा रहा है. देश के कई हिस्सों में बारिश की वजह से खेती-बाड़ी को भारी नुकसान हुआ है.
कैलाली इलाके में गोदावरी नदी के बहाव से कई मंदिर टूट गए हैं. स्थानी युवाओं और सुरक्षाकर्मियों ने बजुर्गों, महिलाओं और बच्चों को सुरक्षित स्थान तक पहुंचाया.
प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ने सभी सुरक्षा एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रहने के लिए कहा है. ताकि मॉनसून संबंधित किसी भी तरह की आपदा में लोगों को सुरक्षित बचाया जा सके.