शोधकर्ताओं की एक टीम ने दावा किया है कि चीन के वुहान में अब भी कई प्रकार के नए कोरोनावायरस मौजूद हैं. उन्होंने ये दावा वुहान और चीन के अन्य शहरों में मौजूद कृषि प्रयोगशालाओं से प्राप्त चावल और कपास के जेनेटिक डेटा के आधार पर किया है. अगर वैज्ञानिकों का यह दावा सही है तो दुनिया के सामने चीन की तरफ से एक बार और नई मुसीबत आ सकती है. क्योंकि कृषि प्रयोगशालाओं में मेडिकल रिसर्च सेंटर या वायरोलॉजी लैब की तरह सुरक्षा व्यवस्था नहीं होती. (फोटोः गेटी)
वैज्ञानिकों ने कृषि प्रयोगशालाओं में मौजूद चावल और कपास के जेनेटिक सिक्वेंस का डेटा देखा. ये डेटा साल 2017 से 2020 के बीच का है. इस डेटा से पता चला कि यहां नए वायरसों का पूरा जखीरा है, जो MERS और SARS से संबंधित है. (फोटोः गेटी)
यह स्टडी ArXiv नाम के प्रीप्रिंट सर्वर पर प्रकाशित की गई है. वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि चीन के वुहान और अन्य शहरों के कृषि प्रयोगशालाओं (Agricultural Labs) में इंसानों को नुकसान पहुंचाने वाले वायरस मौजूद हैं. अगर सुरक्षा का ख्याल नहीं रखा गया तो ये नए वायरस कई तरह के खतरे ला सकते हैं. अभी एक खतरे से दुनिया जूझ ही रही है. (फोटोः गेटी)
ArXiv पर प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार इस स्टडी को अभी किसी एकेडेमिक जर्नल या किसी एक्सपर्ट ने मान्यता नहीं दी है. इस स्टडी में छह लेखक शामिल है. जिनमें से चार स्पेन, कनाडा और जापान के विभिन अस्पतालों और यूनिवर्सिटी से जुड़े हुए हैं. जबकि, पहले दो रिसर्चर्स स्वतंत्र शोधकर्ता हैं. (फोटोः गेटी)
Genetic data from an agricultural lab seemed to contain entirely new coronaviruses.https://t.co/iABD1wIDUn
— Futurism (@futurism) April 7, 2021
शोधकर्ताओं ने जो जेनेटिक डेटा जमा किया है वो साल 2017 से लेकर 2020 के बीच का है. इसमें चीन के अलग-अलग राज्यों में पैदा होने वाली चावल और कपास की फसल के हैं. इनके अंदर कोरोनावायरस से संबंधित वायरस मिलने की जानकारी दी गई है. (फोटोः गेटी)
हैरानी की बात ये है कि ये सारे जेनेटिक डेटा वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (Wuhan Institute of Virology) में निकाले गए थे. जिसे लेकर अब भी दुनिया को शक है कि इसी लैब से कोरोनावायरस कोविड-19 महामारी गलती से फैली. हालांकि, चीन की सरकार लगातार इसे मना करती आ रही है. फिर भी दुनिया भर के वैज्ञानिकों को इस लैब पर शक तो है. (फोटोः गेटी)
इस स्टडी को करने वाले वैज्ञानिकों का कहना है कि एग्रीकल्चरल लैब यानी कृषि प्रयोगशालाओं में बायोहजार्ड कंट्रोल सिस्टम बहुत अच्छा नहीं होता. ये वायरोलॉजी लैब या मेडिकल रिसर्च लैब की तरह सुरक्षित नहीं होते इसलिए इनसे वायरसों के लीक होने की आशंका ज्यादा है. दुनिया को इनकी तरफ ध्यान देना चाहिए. (फोटोः गेटी)