मेक्सिको में एक नए डायनासोर की नई नस्ल खोजी गई है. जीवाश्म विज्ञानियों की एक टीम को उत्तरी मेक्सिको में 7.3 करोड़ साल पुराने अवशेष मिले. जीवाश्म विज्ञानियों ने जब इसके अवशेषों का अध्ययन किया तो पता चला कि उन्होंने डायनासोर की नई प्रजाति ही खोज ली है. अब इन जीवाश्म विज्ञानियों ने बताया कि हो सकता है कि ये वेजिटेरियन डायनासोर रहा होगा. साथ ही शांति प्रिय भी लेकिन बहुत बातूनी. ये पूरी प्रजाति अपने परिवार और कुनबे के अन्य डायनासोरों के बीच ज्यादा बातचीत करते होंगे. (फोटोःINAH)
जीवाश्म विज्ञानी (Palaeontologists) ने इसका नाम टीलैटोलोफस गैलोरम (Tlatolophus galorum) नाम दिया है. इसके सिर पर रंगीन कलगी (Crested) लगी है. ये बात जीवाश्म विज्ञानियों को तब पता चली जब उन्होंने इसकी खोपड़ी के 80 फीसदी हिस्से को खोज निकाला. मेक्सिको के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एंथ्रोपोलॉजी एंड हिस्ट्री (INAH) के जीवाश्म विज्ञानियों ने इस डायनासोर को खोजा है. (फोटोःAFP)
जब जीवाश्म विज्ञानियों से यह पूछा गया कि आखिर ये अवशेष इतना सुरक्षित कैसे है? इस पर INAH के साइंटिस्ट ने कहा कि 7.3 करोड़ साल पहले एक विशालकाय टीलैटोलोफस गैलोरम (Tlatolophus galorum) किसी ऐसे तालाब में मरा होगा, जिसमें गाद भरा रहा होगा. मरा हुआ शरीर गाद से कवर हो गया होगा. उसी में सदियों से पड़ा रहा होगा. इसलिए इसका अवशेष काफी अच्छी स्थिति में सुरक्षित है. (फोटोः INAH)
INAH के साइंटिस्ट्स ने बताया कि इस डायनासोर की पूंछ सबसे पहले साल 2013 में मिली थी. यह पूंछ मेक्सिको के उत्तरी राज्य कोवाउइला के सेपेडा इलाके में मिली थी. जीवाश्म विज्ञानियों ने धीरे-धीरे खनन कार्य आगे बढ़ाया तो इसकी खोपड़ी का 80 फीसदी हिस्सा मिला. फिर इसके सिर की कलगी दिखाई पड़ी. यह कलगी 1.32 मीटर लंबी थी. इसके बाद इसके जांघ और कंधे की हड्डी दिखाई पड़ी. तब जाकर यह खुलासा हुआ कि साइंटिस्ट्स ने नई प्रजाति का डायनासोर खोज लिया है. (फोटोः AFP)
A new species of dinosaur was identified by a team of paleontologists in Mexico at the National Institute of Anthropology and History https://t.co/3kdQv7fR6n pic.twitter.com/oeAQulfbjP
— Reuters (@Reuters) May 15, 2021
INAH के जीवाश्म विज्ञानियों ने कहा कि टीलैटोलोफस गैलोरम (Tlatolophus galorum) के पास सुनने की ताकत बहुत शानदार थी. ये कम फ्रिक्वेंसी के आवाज भी सुन सकते थे. इसके बाद ये अपने समूह और परिवार के बीच विभिन्न प्रकार की आवाजें निकाल कर संदेश देते थे. जीवाश्म वैज्ञानिकों का कहना है कि ये शिकार से बचने के लिए तेज आवाजें निकालते रहे होंगे. जब नर या मादा को संभोग करना रहता होगा तब भी तेज आवाज से एकदूसरे को बुलाते रहे होंगे. (फोटोः INAH)
टीलैटोलोफस गैलोरम (Tlatolophus galorum) को लेकर खोज अब भी जारी है. इस प्राचीन सरिसृप के बारे में साइंटिफिक रिसर्च मैगजीन क्रेटेशियस रिसर्च में स्टडी प्रकाशित हो चुकी है. INAH के मुताबिक मेक्सिको में मिला ये डायनासोर जीवाश्म के इतिहास की असाधारण खोज है. यह डायनासोर जिस हालत में मिला है, उसके लिए करोड़ों साल पहले अनुकूल परिस्थितियां रही होंगी. उस समय चोहीला एक ट्रॉपिकल इलाका था. (फोटोःगेटी)
टीलैटोलोफस गैलोरम (Tlatolophus galorum) स्थानीय नहुआतल भाषा के शब्द तलाहतोलि (मतलब शब्द या वाक्य) और यूनानी भाषा के शब्द लोफस (कलगी) से लिया गया है. इस डायनासोर की कलगी के आकार के बारे में संस्थान का कहना है कि यह मेसो-अमेरिकी लोगों द्वारा उनकी प्राचीन हस्तलिपियों में संवाद करने और ज्ञान की खोज के लिए किया जाने वाला एक संकेत है. (फोटोःगेटी)