अमेरिका के इतिहास में इतना भयानक बर्फीला तूफान कम ही आया है. 1983, 2014 और इस बार. लोग कह रहे हैं कि जिंदगी में ऐसे तूफान एक बार ही आते हैं. न्यूयॉर्क तो पूरी तरह से नॉर्थ पोल (North Pole) बन गया है. कई इलाकों में चार-चार फीट बर्फ जमी है. (फोटोः एपी)
बफैलो का पूरा इलाका 3 से 4 फीट मोटी बर्फ में धंसा हुआ है. राहत एवं बचावकर्मी दिन-रात बर्फ हटाने के काम में लगे हैं. लोगों के घर, सड़कें, दीवारें, खिड़कियां, पेड़-पौधें, कारें सबकुछ बर्फ के कब्रिस्तान में दफन हो चुके हैं. सिर्फ बफैलो में ही मरने वालों की संख्या 27 हो चुकी है. (फोटोः एपी)
न्यूयॉर्क में शोवेल स्मार्ट अलर्ट वॉर्निंग जारी की गई है. यानी लोगों से कहा है कि भारी और गीली बर्फ को हटाते समय ध्यान रखें, नहीं तो पीठ में चोट आ सकती है. रीढ़ की हड्डी को लेकर दिक्कत हो सकती है. दिल का दौरा भी पड़ सकता है. (फोटोः एपी)
पूरे अमेरिका में अब तक बर्फीले तूफान की वजह से 60 लोगों की मौत हो चुकी है. ये बर्फीला तूफान आर्कटिक डीप फ्रीज (Arctic Deep Freeze) की वजह से आया है. पूरे अमेरिका में सोमवार को 3800 से ज्यादा उड़ानें रद्द हुई थीं. 70 फीसदी उड़ानें रद्द हो रही हैं. (फोटोः एपी)
ग्रेटर बफैलो रीजन के लेक एरी में जो कि कनाडाई सीमा के पास है, वहां सबसे ज्यादा बुरी हालत देखी जा रही है. वहां करीब 1.27 मीटर मोटी बर्फ जमा है. तेज बर्फीली हवाओं की वजह से लोगों का चलना-फिरना मुश्किल हो रहा है. लगातार बर्फबारी हो रही है, रुकने का नाम नहीं ले रही. (फोटोः एपी)
सड़कों पर जमा बर्फ की वजह से जो कारें, एंबुलेंस जहां से थे वहीं फंस गए. उन्हें निकालने का प्रयास किया जा रहा है. लेकिन राहत एवं बचावकर्मी इतने ज्यादा नहीं है कि ये काम जल्दी हो सके. लोग अपनी गाड़ियों को सड़कों के किनारे छोड़कर घरों में दुबक गए हैं. (फोटोः एपी)
लोगों को सड़कों पर गाड़ी लेकर निकलने को मना किया गया. बर्फ में फंसी कारों और गाड़ियों से सैकड़ों लोगों को रेस्क्यू किया गया है. कई लोगों को सामान लेने के लिए कई-कई किलोमीटर जाना पड़ रहा है, क्योंकि ग्रॉसरी की दुकानें कम खुली हैं. (फोटोः एपी)
लोग इसे द ब्लिजार्ड ऑफ 22 (The Blizzard of '22) नाम से बुला रहे हैं. इससे पहले बफैलो इलाके में इतना भयानक बर्फीला ब्लिजार्ड 1977 में आया था. तब 30 लोगों की मौत हुई थी. राष्ट्रपति जो बाइडेन ने न्यूयॉर्क के लिए फेडरल इमरजेंसी का ऐलान कर दिया है. (फोटोः एपी)
सैकड़ों नेशनल गार्ड स्थानीय बचावकर्मियों की मदद कर रहे हैं. अभी भी कई जगहों पर लोग कारों के अंदर फंसे हैं. ऐसे घरों में फंसे हैं, जहां पर बिजली नहीं है. उन्हें रेस्क्यू करके सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया जा रहा है. जहां उन्हें खाना और गर्म रखने की वस्तुएं दी जा रही हैं. (फोटोः एपी)
एरी काउंटी में 14 हजार लोगों के घरों में बिजली नहीं आ रही है. बर्फ की वजह से बिजली सप्लाई रोक दी गई है. स्थानीय प्रशासन लोगों से अपील कर रही है कि वो अपनी कारें सड़क पर ड्राइव के लिए न निकाले, ताकि रेस्क्यू की गाड़ियों को आने-जाने का रास्ता मिल सके. (फोटोः एपी)
हालांकि, शहर में हर जगह कारें बर्फ की मोटी परतों में दबी हुई हैं. उन्हें खोज-खोजकर निकालना पड़ रहा है. कई जगहों पर तो बचावकर्मी फंस जा रहे हैं, उन्हें निकालने के लिए नेशनल गार्ड्स की मदद लेनी पड़ रही है. हर तरफ बर्फ की वजह से फिसलन है. ठंड है. (फोटोः एपी)
आर्कटिक ब्लास्ट (Arctic Blast) ने अमेरिका पर Bomb Cyclone ला दिया है. उत्तरी ध्रुव यानी आर्कटिक की तरफ से ठंडी हवाएं अमेरिका की तरफ आ रही हैं. तापमान तेजी से गिर रहा है. ज्यादातर अमेरिका में तापमान औसत से बहुत नीचे है. दिन में कुछ स्थानों पर पारा 11 डिग्री सेल्सियस रह रहा है. जबकि कुछ जगहों पर रात में पारा माइनस 57 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है. (फोटोः एपी)
दो-तिहाई अमेरिका को भयानक सर्दी का सामना करना पड़ रहा है. पश्चिमी तट भी बर्फीली मार से जूझ रहा है. आर्कटिक फ्रंट तो फ्लोरिडा से होते हुए यानी पूर्व से दक्षिण की ओर जा रहा है. यानी भयानक बर्फबारी की चेतावनी जारी की गई है. (फोटोः एपी)
यह मौसम अभी कई बार अपना रंग बदलेगा. करीब एक हफ्ते तक यही हालात रहने की आशंका है. इसके बाद सबकुछ सामान्य हो जाएगा. अगले कुछ दिनों में पारा सामान्य की ओर बढ़ेगा. क्योंकि बॉम्ब साइक्लोन पश्चिम से पूर्व की ओर बढ़ रहा है. धीरे-धीरे यह खत्म हो जाएगा. (फोटोः एपी)
इस मौसम की शुरुआत आर्कटिक ब्लास्ट (Arctic Blast) से हुई है. यानी आर्कटिक ब्लास्ट की तरफ से आने वाली सर्द हवाओं की वजह से. आर्कटिक की तरफ से ठंडी जेट स्ट्रीम अमेरिका के ऊपरी वायुमंडल को ठंडा कर गई. जिसकी वजह से पूरे अमेरिका की हालत खराब हो गई. (फोटोः एपी)
अमेरिका के ऊपर मौजूद नमी वाली गर्म हवा के ऊपर से ठंडी जेट स्ट्रीम निकली तो वह भी सर्द हो गई. इससे खतरनाक मौसम बन गया. बॉम्ब साइक्लोन पैदा हो गया. 24 घंटे में तापमान तेजी से नीचे गिरा. (फोटोः एपी)
ये बात सही है आर्कटिक ब्लास्ट की वजह से आया बॉम्ब साइक्लोन ताकतवर है. लेकिन सर्दियों में ऐसी प्राकृतिक घटनाएं सामान्य हैं. अमेरिका में आर्कटिक ब्लास्ट की वजह से सर्दियों में ऐसे तूफान आते रहते हैं. अमेरिका के ऊपर सर्द हवाओं की जेट स्ट्रीम चलने लगती है. इसकी वजह से स्थितियां बहुत बुरी हो जाती हैं. (फोटोः एपी)