मेथुसेलाह (Methuselah) दुनिया की सबसे बुजुर्ग जीवित एक्वेरियम मछली है. यह ताजी फिग्स खाती है. पेट रगड़वाना पसंद करती है. बाइबिल में एक कहानी है जिसमें कहा गया है कि नोहा (Noah) के दादा जी का नाम मेथुसेलाह था. वो करीब 969 साल तक जीवित थे. मछली मेथुसेलाह इतनी पुरानी नहीं है, इसकी उम्र 90 साल है. (फोटोः एपी)
कैलिफोर्निया एकेडमी ऑफ साइंसेज के बायोलॉजिस्ट के मुताबिक इस उम्र की कोई और मछली किसी एक्वेरियम में नहीं है. मेथुसेलाह करीब 4 फीट लंबी और 18.1 किलोग्राम वजनी है. यह एक ऑस्ट्रेलियन लंगफिश (Australian Lungfish) है. जिसे 1938 में ऑस्ट्रेलिया से सैन फ्रांसिस्को के म्यूजियम में लाया गया था. (फोटोः एपी)
यह मछली की ऐसी प्रजाति है जिसके पास फेफड़े और गिल्स दोनों हैं. ऑस्ट्रेलियन लंगफिश को मछलियों और उभयचरी जीवों के बीच की कड़ी माना जाता है. इसके बारे में सबसे पहले साल 1947 में सैन फ्रांसिस्को क्रॉनिकल्स अखबार में खबर छपी थी. जिसमें कहा गया था कि यह एक विचित्र जीव है. जिसके हरे स्केल्स हैं. यह समुद्री और जमीनी जीवों के बीच की कड़ी हो सकती है. (फोटोः एपी)
साल 2017 में शिकागो के शेड्ड म्यूजियम में मौजूद 95 वर्षीय ऑस्ट्रेलियन लंगफिश की मौत हो गई थी. जिसका नाम ग्रैंडडैड था. उसके बाद मेथुसेलाह सबसे उम्रदराज जीवित एक्वेरियम फिश कही जाने लगी. कैलिफोर्निया एकेडमी ऑफ साइंसेज के सीनियर बायोलॉजिस्ट एलेन जान के मुताबिक मेथुसेलाह एक मादा मछली है. हालांकि यह पता करना बेहद कठिन है, क्योंकि इस प्रजाति के शरीर से खून निकालना खतरनाक हो सकता है. (फोटोः एपी)
एलेन जान ने कहा कि हम इसके फिन्स का एक छोटा सैंपल ऑस्ट्रेलियाई रिसर्चर्स के पास भेजने की तैयारी कर रहे हैं, ताकि उसके लिंग के बारे में और उसकी सटीक उम्र का अंदाजा लगाया जा सके. मेथुसेलाह को उसकी पीठ और पेट पर मालिश करवाना अच्छा लगता है. यह उसके नरम स्वभाव को दर्शाता है. (फोटोः एपी)
एलेन कहते हैं कि मैं अपने कर्मचारियों को कहता हूं कि यह पानी के अंदर रहने वाला प्यार पपी है. लेकिन अगर इसे गुस्सा आ गया तो इसकी ऊर्जा के आगे कोई टिक नहीं सकता. लेकिन आमतौर पर यह शांत ही रहती है. मेथुसेलाह को मौसमी व्यंजनों का स्वाद लग गया है. उसे आमतौर पर सीजनल फिग्स बहुत पसंद है. (फोटोः गेटी)
मेथुसेलाह को ताजे फिग्स पसंद है. अगर फ्रोजेन फिग्स दे दो तो वह नहीं खाती. मुंह फेर लेती है. एकेडमी में ऐसी दो और ऑस्ट्रेलियन लंगफिश मौजूद हैं. जिनकी उम्र 40 और 50 साल के बीच है. ऑस्ट्रेलियन लंगफिश की प्रजाति विलुप्त होने की कगार पर है. अब ऑस्ट्रेलिया के जलीय स्रोतों से इस मछली को किसी और जगह पर ले जाना पर्यावरण और प्रजाति के हिसाब से सही नहीं है. (फोटोः गेटी)