स्विटज़रलैंड (Switzerland) के सर्वियन शहर में, पिछले महीने एक दुर्लभ कछुए ने जन्म लिया. यह एक एल्बिनो (Albino) कछुआ है, जो गैलापागोस (Galapagos) प्रजाति का है. इस प्रजाति के कछुए विशालकाय होते हैं. जन्म के एक महीने बाद यह कछुए पहली बार चिड़ियाघर में लोगों के सामने आया. (Photo: AFP)
पश्चिमी शहर सर्वियन के ट्रोपिक्वेरियम (Tropiquarium) में, लुप्तप्राय प्रजातियों (Endangered species) के संरक्षण के कार्यक्रम के तहत, पिछले महीने दो कछुओं का जन्म हुआ था. (Photo: AFP)
इन दोनों कछुओं में एक का रंग अपनी मां की तरह काला है, जबकि दूसरा बच्चा एल्बिनो है यानी सफेद. इसका शरीर सफेद है और आंखों का रंग लाल है. इन कछुओं के लिंग के बारे में अभी पता नहीं चला है. (Photo: AFP)
यह दुनिया में ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी एल्बिनो गैलापागोस कछुए ने जन्म लिया हो. हालांकि और जानवरों भी एलिबिनों होते हैं, लेकिन कछुओं की बात करें तो यह अपने आप में पहला मामला है. जंगल में भी अभी तक किसी एल्बिनो कछुए को नहीं गया है. (Photo: Reuters)
इन दोनों बच्चों की मां का वजन 100 किलो से भी ज्यादा है. मां ने 11 फरवरी को पांच अंडे दिए थे और इस एल्बिनो कछुए का जन्म 1 मई को हुआ. दूसरा बच्चा 5 मई को हुआ. अंडों को ढाई महीने इनक्यूबेटर में रखा गया था. (Photo: AP)
इन बच्चों के पिता का वजन लगभग 180 किलो है. यह जोड़ी लगभग 30 साल पुरानी है और अभी-अभी ये यौन रूप से परिपक्व हुए हैं. इस प्रजाति में, प्रजनन की सफलता दर केवल 2% -3% है. (Photo: Reuters)
जन्म के समय कछुओं का वजन लगभग 50 ग्राम था और यह हाथ की हथेली में फिट हो जाते हैं. ये कछुए 200 साल तक जीवित रह सकते हैं. हालांकि ये लुप्तप्राय हैं. (Photo: AFP)
ऐल्बिनिज़म (Albinism) एक आनुवंशिक स्थिति होती है. और जिन्हें यह होता है उन्हें एल्बिनो कहते हैं. इस स्थिति में, शरीर में मेलेनिन पिगमेंट (Melanin pigment) या तो बहुत कम होता है या होता ही नहीं. मेलेनिन पिगमेंट त्वचा, बालों और आंखों का रंग निर्धारित करता है. जो जानवर एलिबिनिज़्म से पीड़ित होते हैं वे ज़्यादा सेंसिटिव होते हैं और उनमें देखने और सुनने की शक्ति कम हो सकती है. (Photo: Reuters)
Rare albino Galapagos giant tortoise faces the world https://t.co/pTnxFGD3FO pic.twitter.com/muMaoucG43
— Reuters (@Reuters) June 3, 2022