scorecardresearch
 
Advertisement
साइंस न्यूज़

कोरोना वैक्सीन से शरीर में क्यों जम रहे थे खून के थक्के, वैज्ञानिकों ने किया खुलासा

Rare Blood Clot Covid Vaccine
  • 1/10

कोरोना वायरस की एकाध वैक्सीन से कुछ लोगों को दुर्लभ ब्लड क्लॉट की दिक्कत आई. यानी उनके शरीर में खून के थक्के जम गए. जिसे लेकर दुनिया भर में काफी बवाल हुआ. वैक्सीन पर कुछ दिनों के लिए अस्थाई रोक लगा दी गई. लेकिन अब वैज्ञानिक इस पहेली को सुलझाने के करीब पहुंच चुके हैं. कम से कम जर्मनी के वैज्ञानिकों का ये दावा है कि उन्होंने उस चेन रिएक्शन का पता लगा लिया है, जिसकी वजह से शरीर में खून के थक्के जम रहे थे. जॉन्सन एंड जॉन्सन और एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन लेने के बाद कुछ जगहों पर ब्लड क्लॉट के मामले सामने आए थे. (फोटोःगेटी)

Rare Blood Clot Covid Vaccine
  • 2/10

जर्मनी के वैज्ञानिकों ने कहा है कि उन्होंने उस चेन रिएक्शन का पता लगा लिया है जिसकी वजह से वैक्सीन लेने के बाद कुछ लोगों के शरीर में खून के थक्के जमे थे. यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल ग्रीफ्सवॉल्ड में इंस्टीट्यूट ऑफ इम्यूनोलॉजी एंड ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन के प्रमुख डॉ. आंद्रियास ग्रीनैचर और उनकी टीम इस मामले का अध्ययन कर रही थी. डॉ. आंद्रियास ग्रीनैचर ने कहा इस चेन रिएक्शन में कुछ प्रिजरवेटिव्स और वैक्सीन के कुछ प्रोटीन जिम्मेदार हो सकते हैं. इनकी वजह से ही लोगों में खून के थक्के जमने के दुर्लभ मामले सामने आए होंगे. (फोटोःगेटी)

Rare Blood Clot Covid Vaccine
  • 3/10

द वॉल स्ट्रीट जर्नल के मुताबिक डॉ. ग्रीनैचर की टीम ने हाल ही में एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन की स्टडी पूरी की है. इसके बाद जॉन्सन एंड जॉन्सन के वैक्सीन की स्टडी शुरू कर चुके हैं. वेबएमडी के मुताबिक डॉ. ग्रीनैचर ने कहा कि दोनों ही वैक्सीन के साथ खून के थक्के जमने की संभवतः एक ही मैकेनिज्म काम कर रहा है. क्योंकि दोनों ही वैक्सीन एडिनोवायरस को मॉडिफाई करके बनाई गई हैं. ये मेरी तरफ से प्रस्तावित एक अंदाजा है. क्योंकि ये दोनों ही वैक्सीन एक ही आधार पर बनाई गई है. इसलिए दोनों के साथ यह दुर्लभ समस्या सामने आ रही है. (फोटोःगेटी)

Advertisement
Rare Blood Clot Covid Vaccine
  • 4/10

एडिनोवायरस ऐसे वायरस के परिवार से है जो इंसानों में सामान्य सर्दी जुकाम के लिए जिम्मेदार होता है. लेकिन वैक्सीन के उपयोग के लिए वैज्ञानिक इसे मॉडिफाई करते हैं. यानी इसके स्वरूप में बदलाव करते हैं. जॉन्सन एंड जॉन्सन ने अपनी वैक्सीन में एडिनोवायरस Ad26 का उपयोग किया है, जबकि एस्ट्राजेनेका ने चिम्पैंजी में मिलने वाले एडिनोवायरस की उपयोग किया है. सिर्फ यही दोनों दवा कंपनियां एडिनोवायरस आधारित वैक्सीन नहीं बना रही हैं. (फोटोःगेटी)
 

Rare Blood Clot Covid Vaccine
  • 5/10

चीन की कैनसिनो बायोलॉजिक्स और रूस की गामालेया रिसर्च इंस्टीट्यूट ने भी एडिनोवायरस को मॉडिफाई करके कोरोना वैक्सीन बनाई है. हालांकि इन दोनों वैक्सीन के साथ खून के थक्के जमने के मामले सामने नहीं आए हैं. एस्ट्राजेनेका और J&J की वैक्सीन की वजह से यूके में ब्लड क्लॉट के मामले सामने आए थे. एस्ट्राजेनेकी की वैक्सीन वहां पर 2.12 करोड़ लोगों को लगी. लेकिन ब्लड क्लॉट के मामले सिर्फ 168 ही सामने आए. अमेरिका में जॉन्सन एंड जॉन्सन की वैक्सीन के 90 लाख डोज दिए गए. लेकिन खून के थक्के जमने के कुल 28 मामले सामने आए. यानी खून के थक्के जमने का मामला बेहद दुर्लभ है. ये सबके साथ नहीं होता. (फोटोःगेटी)

Rare Blood Clot Covid Vaccine
  • 6/10

डॉ. ग्रीनैचर ने कहा कि दुर्लभ खून के थक्के जमने से कहीं ज्यादा खतरनाक कोरोना वायरस का संक्रमण है. हालांकि हमारे लिए खून के थक्के जमने की प्रक्रिया को समझना बेहद जरूरी है ताकि भविष्य में बेहतरीन वैक्सीन बनाई जा सके. जिससे ऐसी कोई दिक्कत वैक्सीन लगवाने वाले को न आए. क्योंकि हो सकता है कि कोरोना वायरस हमारे साथ पूरे जीवन रहे. लेकिन इसके बाद ये एक सीजनल बीमारी की तरह ही इंसानों को परेशान कर पाएगा. (फोटोःगेटी)

Rare Blood Clot Covid Vaccine
  • 7/10

डॉ. आंद्रियास ग्रीनैचर की टीम ने पता किया कि वैक्सीन में मौजूद प्रोटीन्स शरीर में जाते ही एक प्रतिरोध क्षमता विकसित करने के लिए संदेश भेजती हैं. इसके साथ ही वह तुरंत पूरे शरीर में फैल जाती है. एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन के मामले में पूरे शरीर में एक तेज प्रतिक्रिया होती है, जो इथाइलीडायामाइनटेट्राएसिटिक एसिड (EDTA) की वजह से होती है. यह वैक्सीन में डाला गया एक प्रिजरवेटिव है. यह आमतौर पर सभी दवाओं में पाया जाता है. यह एक स्टेबलाइजर की तरह काम करता है. (फोटोःगेटी)

Rare Blood Clot Covid Vaccine
  • 8/10

डॉ. ग्रीनैचर ने कहा कि उनकी टीम ने एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के अंदर 1000 प्रोटीन्स खोजे हैं. ये सारे प्रोटीन इंसान की कोशिकाओं से ही लिए गए हैं. जैसे ही वैक्सीन शरीर के अंदर जाकर ब्लड प्लेटलेट्स से मिलती है. छोटे-छोटे ब्लड सेल्स खून का थक्का जमाने का काम शुरू कर देती हैं. वैक्सीन के शरीर में आने के बाद उससे और उसके प्रोटीन्स मिलकर प्लेटलेट्स को सक्रिय कर देते हैं. जिसकी वजह से वो आकार बदलने लगते हैं. तत्काल वो इम्यून सिस्टम को एक रासायनिक संदेश भेजकर अलर्ट करते हैं. (फोटोःगेटी)

Rare Blood Clot Covid Vaccine
  • 9/10

सक्रिय प्लेटलेट्स एक पदार्थ छोड़ते हैं, जिसे प्लेटलेट फैक्टर 4 (PF4) कहते हैं. यही फैक्टर शरीर में खून के थक्के न जमने में मदद करती है. लेकिन कुछ मामलों में PF4 वैक्सीन के कंपोनेंट्स से जुड़ जाती है. इसके बाद ये जटिल आकार के ढांचे बनाने लगती है. बस यहीं पर इम्यून सिस्टम को खतरा महसूस होता है. उसे लगता है कि कोई घुसपैठ हुई है. तत्काल नई एंटीबॉडी बनती हैं जो PF4 पर हमला कर देती हैं.  इस हमले की वजह से शरीर के अंदर जंग जैसी स्थिति हो जाती है. चारों तरफ एंटीबॉडी और PF4 में घमासान युद्ध होता है. इसी की वजह से खून की नलियों में PF4 खून के थक्के जमाने लगता है. (फोटोःगेटी)

Advertisement
Rare Blood Clot Covid Vaccine
  • 10/10

जॉन्सन एंड जॉन्सन की वैक्सीन के कंपोनेंट में EDTA के बारे में उल्लेख नहीं है लेकिन PF4 जैसे जटिल रासायनिक पदार्थों का जिक्र जरूर है. डॉ. ग्रीनैचर ने कहा कि हो सकता है कि J&J की वैक्सीन के साथ भी यही स्थिति बनती हो. फिलहाल हम इस वैक्सीन का अध्ययन कर रहे हैं. जबकि एस्ट्राजेनेका की जांच कर चुके हैं. दुनियाभर के वैज्ञानिक डॉ. ग्रीनैचर के इस थ्योरी से सहमति नहीं रखते. ओंटारियो स्थित मैक्मास्टर यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर जॉन केल्टन कहते हैं कि डॉ. ग्रीनैचर ने एक थ्योरी दी है. इसे प्रमाणित करना बाकी है. हो सकता है कि वो सही हों लेकिन गलत भी तो हो सकते हैं. (फोटोःगेटी)

Advertisement
Advertisement