आंखों में देखने से प्यार, गुस्सा, नफरत, खुशी, डर और मौत तक दिख सकती है. मौत भी...सही है. आप मौत को भी आंखों में देख सकते हैं, वह भी मरने से कई महीनों और साल पहले. इंग्लैंड में वैज्ञानिकों ने एक ऐसा एल्गोरिदम (Algorithm) तैयार किया है, जो सिर्फ आपकी आंखों की रेटिना की स्कैनिंग करके यह बता देगा कि आपकी मौत कितने दिन, महीने या साल में होने वाली है. (फोटोः गेटी)
यूनाइटेड किंगडम में साढ़े तीन साल के अंदर 47 हजार लोगों पर इस एल्गोरिदम का सफल परीक्षण किया गया है. जो या तो अधेड़ थे या बुजुर्ग. इनकी आंखों की जांच इस एल्गोरिदम के जरिए की गई. इनमें से 1871 लोगों की मौत हो गई. वह भी एल्गोरिदम के अनुसार बताए समय के भीतर. क्योंकि इनकी आंखों की रेटिना उनकी असल उम्र की तुलना में ज्यादा बुजुर्ग हो गई थीं. अब ये बात तो सच है कि जब आपकी उम्र ढलने लगती है, तब आपके शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं. हर अंग पर असर पड़ता है. लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि अगर दो व्यक्ति एक ही उम्र के हैं तो दोनों के शरीर पर ढलती उम्र का असर एक जैसा पड़ेगा. उनकी शारीरिक स्थिति एक जैसी नहीं रहेगी. (फोटोः गेटी)
किसी इंसान की आंखों में देखकर उसकी सही बायोलॉजिकल उम्र का पता लगाया जा सकता है. साथ ही यह भी पता लगाया जा सकता है कि भविष्य में इंसान की तबियत कैसी रहने वाली है. इसलिए इंग्लैंड के साइंटिस्ट ने मशीन लर्निंग के जरिए एक ऐसा एल्गोरिदम बनाया जो कि सिर्फ रेटिना की जांच करके यह पता लगा सकता है कि आपकी मृत्यु की आशंका कितने समय के बाद है. (फोटोः गेटी)
मान लीजिए अगर एल्गोरिदम किसी इंसान की रेटिना की जांच करे और वह उसकी असल उम्र से एक साल ज्यादा बायोलॉजिकली बुजुर्ग हो. तो उस इंसान के अगले 11 साल में किसी बीमारी की वजह से मरने की आशंका दो फीसदी बढ़ जाती है. जबकि, दिल संबंधी या कैंसर जैसी बीमारियों को छोड़कर मरने की आशंका तीन फीसदी हो जाती है. वैज्ञानिकों ने कहा कि यह प्रयोग अभी चल रहा है. लेकिन जितने लोगों के साथ किया गया, उसमें से कई लोगों की भविष्यवाणी एकदम सही निकली. (फोटोः गेटी)
इस प्रयोग से एक बात तो साफ होती है कि आंखों की रेटिना बढ़ती उम्र के साथ डैमेज होने लगती है. यह आपकी बढ़ती उम्र को लेकर बेहद संवेदनशील होती है. क्योंकि रेटिना ही एक ऐसा अंग है, जहां पर खून की नलियां और नर्व्स (Nerves) एक साथ दिखते हैं. जिन्हें देखना आसान होता है. ये इंसान के वस्कुलर और दिमाग की सेहत की सही जानकारी देती हैं. (फोटोः गेटी)
Something in Your Eyes May Reveal if You're at Risk of Early Death, Study Shows https://t.co/hlRR9gUvSI
— Amazing Nature (@AmazingNature00) January 20, 2022
इससे पहले भी कई स्टडीज ऐसी हो चुकी हैं, जिसमें बताया गया है कि रेटिना की कोशिकाएं आपके शरीर में होने वाली कार्डियोवस्कुलर बीमारियां यानी दिल संबंधी बीमारियों, किडनी संबंधी बीमारियां और बढ़ती उम्र की जानकारी दे सकती हैं. लेकिन यह पहली ऐसी स्टडी है जिसमें रेटिनल एज गैप (Retinal Age Gap) का पता चलता है. यह आपकी मौत की भविष्यवाणी सटीकता से करता है. साथ ही यह भी बताता है कि किस तरह की बीमारी आपको भविष्य में हो सकती है. (फोटोः गेटी)
इस स्टडी के दौरान सिर्फ 20 लोगों की मौत डिमेंशिया से हुई है, इसलिए वैज्ञानिक किसी दिमागी बीमारी को रेटिना की सेहत के साथ जोड़ नहीं पाए हैं. लेकिन वैज्ञानिक कहते हैं कि पिछले कुछ सालों में कार्डियोवस्कुलर बीमारियों से मौत की संख्या घटी है, क्योंकि इनकी दवाइयां काफी असरदार है. आसानी से उपलब्ध हैं. वैज्ञानिकों इस स्टडी से यह बात स्पष्ट कर दी है कि रेटिना का आपकी उम्र से सीधा संबंध है. यह उम्र के साथ हो रहे शारीरिक नुकसान की सही जानकारी देती हैं. (फोटोः गेटी)
वैज्ञानिकों का कहना है कि बढ़ती उम्र के बारे में पता करने के और भी तरीके हैं. जैसे- न्यूरोइमेजिंग, डीएनए मिथाइलेशन क्लॉक या ट्रांसक्रिप्टोम एजिंग क्लॉक. लेकिन ये सारे रेटिनल एज गैप की तरह सटीक नहीं है. साथ ही ये जांच प्रक्रियाएं बेहद महंगी हैं, ज्यादा समय लेती हैं और कुछ तो दर्दनाक भी हैं. लेकिन रेटिना स्कैन कराना सिर्फ पांच मिनट का काम है. वह भी बिना दर्द के और ज्यादा कीमत के. (फोटोः गेटी)