यूक्रेन (Ukraine) के अधिकारियों ने दावा किया है कि रूस (Russia) के हमले की वजह से चेर्नोबिल परमाणु संयंत्र (Chernobyl Nuclear Plant) का रेडिएशन स्तर 20 गुना बढ़ गया था. यह बेहद उच्च स्तर पर था, लेकिन गंभीर नहीं था. यूक्रेन ने कहा कि रूस के हमलों की वजह से रेडियोएक्टिव धूल चारों तरफ फैल गए. इनकी वजह से रेडिएशन का स्तर बहुत ज्यादा बढ़ गया है. (फोटोः गेटी)
चेर्नोबिल एक्सक्लूसन जोन (Chernobyl Exclusion Zone) के ऑटोमेडेट रेडिएशन मॉनिटरिंग सिस्टम के ऑनलाइन डेटा के अनुसार गामा रेडिएशन (Gamma Radiation) की मात्रा औसत स्तर से 20 गुना ज्यादा बढ़ गई है. कई जगहों पर इसकी मॉनिटरिंग की गई है, सभी जगहों से ऐसी ही रीडिंग्स आई हैं. यूक्रेन के अधिकारियों के अनुसार भारी मिलिट्री वाहनों के आने-जाने और युद्ध की वजह से रेडियोएक्टिव धूल सक्रिय हो गई. रेडिएशन का स्तर बढ़ गया. (फोटोः गेटी)
यूक्रेनियन मिलिट्री एक्सपर्ट अन्ना कोवालेंको के मुताबिक चेर्नोबिल परमाणु संयंत्र (Chernobyl Nuclear Plant) पर रूसी सैनिकों ने 24 फरवरी 2022 को कब्जा कर लिया था. रूसी सैनिकों ने रेडिएशन मॉनिटरिंग स्टेशन पर मौजूद कर्मचारियों को बंधक बना लिया. ये कर्मचारी मॉनिटरिंग स्टेशन पर रेडिएशन का स्तर देखते रहते हैं. साथ ही उन्हें रेडिएशन को सुरक्षित स्तर पर रखने की जिम्मेदारी भी दी गई है. (फोटोः रॉयटर्स)
Chernobyl radiation levels increase 20-fold after heavy fighting around the facility https://t.co/pCrvp2Ivgu
— Live Science (@LiveScience) February 25, 2022
अन्ना कोवालेंको ने अपने फेसबुक पर लिखा है कि स्टेशन स्टाफ को बंधक बना लिया गया है. इसकी वजह से न सिर्फ यूक्रेन की सुरक्षा को खतरा है बल्कि, पूरे यूरोप के बड़े हिस्से को भी खतरा है. उधर, व्हाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी जेन साकी ने 24 फरवरी को कहा था कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की सरकार रूस द्वारा परमाणु संयंत्र पर कब्जा करने से नाराज है. रूसी सैनिकों ने प्लांट के कर्मचारियों को उनकी मर्जी के बगैर बंधक बना रखा है. उन्हें तत्काल छोड़ देना चाहिए. साथ ही उन्हें उनके काम पर जाने देना चाहिए. क्योंकि वो परमाणु कचरा फैसिलिटी की सुरक्षा में लगे हैं. वो लोगों का जीवन बचाते हैं. (फोटोः गेटी)
यूनिवर्सिटी ऑफ शेफील्ड में न्यूक्लियर मटेरियल डिग्रेडेशन की प्रोफेसर क्लेयर कॉर्कहिल ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा कि चेर्नोबिल परमाणु संयंत्र (Chernobyl Nuclear Plant) के आसपास का रेडिएशन लेवल पिछले कुछ दिनों की तुलना में बहुत ज्यादा बढ़ गया है. यह करीब 20 गुना ज्यादा है. इस समय निगरानी की जरूरत है लेकिन बहुत ज्यादा परेशान नहीं होना चाहिए. रेडिएशन का स्तर एक्सक्लूसन जोन के अंदर कई इलाकों में बढ़ा हुआ है. यहां परमाणु कचरा काफी सुरक्षित रखा गया है, लेकिन यहां हमला होता है तो बड़ी आपदा आ सकती है. (फोटोः रॉयटर्स)
It looks possible that there has been a "spike" in gamma radiation in the #Chernobyl exlcusion zone: https://t.co/76VF4feVVO
— Prof Claire Corkhill (@clairecorkhill) February 25, 2022
आज से करीब 36 साल पहले 26 अप्रैल 1986 की अलसुबह चेर्नोबिल परमाणु संयंत्र (Chernobyl Nuclear Plant) में विस्फोट हुआ. जिसे दुनिया का सबसे बुरा परमाणु हादसा (World's Worst Nuclear Disaster) कहा जाता है. यह प्रीप्यत शहर (Pripyat City) में है, जिसे 1970 में बसाया गया था. यह चेर्नोबिल परमाणु संयंत्र से मात्र 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित था. यहां पर साल 1986 में करीब 50 हजार लोग रहते थे. प्लांट से करीब 15 किलोमीटर दूर चेर्नोबिल कस्बा था, जहां पर करीब 12 हजार लोग रहते थे. बाकी का हिस्सा खेती-बाड़ी के लिए उपयोग होता था. या फिर जंगल था. (फोटोः गेटी)
Breaking – Increased Level Of Radiation At Chernobyl, Ukraine’s Nuclear Agency Reportshttps://t.co/mkTiPbeNXu pic.twitter.com/lCCned5uYC
— IFLScience (@IFLScience) February 25, 2022
रिएक्टर से निकलने वाले रेडिएशन रोकने के लिए उसे कॉन्क्रीट से सीलबंद कर दिया गया. कॉन्क्रीट का यह ढांचा साल 2006 में बनना शुरु हुआ. जो साल 2017 में जाकर पूरा हुआ. यह करीब 853 फीट चौड़ा, 531 फीट लंबा और 356 फीट ऊंचा है. इस कॉन्क्रीट के ढांचे ने रिएक्टर-4 को पूरी तरह से पैक कर दिया है. यह कम से कम 100 सालों तक इसे सुरक्षित रख पाएगा. लेकिन चेर्नोबिल पावर प्लांट का रिएक्टर-3 साल 2000 तक यूक्रेन को बिजली की सप्लाई करता रहा है. रिएक्टर-2 और 1 साल 1991 और 1996 में बंद हो गए थे. साल 2028 तक इस प्लांट को पूरी तरह से डिकमीशन यानी बंद कर दिया जाएगा. (फोटोः रॉयटर्स)
प्लांट और भूतिया शहर प्रीप्यत और चेर्नोबिल का इलाका करीब 2600 वर्ग किलोमीटर का है. इसे एक्सक्लूसन जोन (Exclusion Zone) कहा जाता है. यहां पर सिर्फ वैज्ञानिक और सरकारी अधिकारी ही आ सकते हैं. इसके अलावा किसी भी व्यक्ति को यहां आने की अनुमति नहीं है. वैज्ञानिकों ने कहा था कि इस जगह पर कोई भी इंसान अगले 24 हजार साल तक नहीं रह सकता. (फोटोः रॉयटर्स)
आज चेर्नोबिल परमाणु संयंत्र (Chernobyl Nuclear Plant) के आसपास का इलाका यानी एक्सक्लूसन जोन कई प्रकार के जीव-जंतुओं से भरा हुआ है. क्योंकि यहां पर इंसानों की मौजूदगी नहीं है. यहां पर भेड़िये, हिरण, लीन्क्स, बीवर, बाज, भालू, एल्क जैसे जानवर अक्सर दिखते हैं. उनकी आबादी लगातार बढ़ रही है. क्योंकि इस प्लांट के चारों तरफ अब घना जंगल पैदा हो गया है. यहां मौजूद पेड़ों और जानवरों के शरीर में सेसियम-137 का उच्च स्तरीय रेडिएशन मौजूद रहता है. (फोटोः गेटी)
24 फरवरी 2022 को यूक्रेन के चेर्नोबिल परमाणु संयंत्र (Chernobyl Nuclear Plant) और उसके आसपास के इलाकों में रूसी सेना ने कब्जा कर लिया. प्लांट में अंदर रखे परमाणु ईंधन पर अगर किसी तरह का मिसाइल या बम फटता है तो बड़ी आपदा आ सकती है. अगर परमाणु कचरा घर किसी भी तरह से युद्ध के दौरान क्षतिग्रस्त होता है तो रेडियोएक्टिव धूल की वजह से यूक्रेन, बेलारूस और यूरोपियन देशों में नई आफत आ सकती है. (फोटोः गेटी)