scorecardresearch
 
Advertisement
साइंस न्यूज़

Chandrayaan-3 से एक महीने बाद लॉन्च हो रहा रूसी मून मिशन, लेकिन पहले होगी लैंडिंग

Chandrayaan-3 Russia Lunar Mission
  • 1/10

47 साल बाद पहली बार रूस चंद्रमा पर अपना मून मिशन भेज रहा है. नाम है लूना-25 (Luna-25). ये मिशन भारत के चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग के करीब एक महीने लॉन्च हो रहा है. चंद्रयान 14 जुलाई को लॉन्च किया गया था. (सभी फोटोः एपी/एएफपी)

Chandrayaan-3 Russia Lunar Mission
  • 2/10

चंद्रयान-3 को 23 अगस्त को चांद के दक्षिणी ध्रुव के पास उतरना है. लेकिन रूस का लूना-25 की यात्रा जल्दी पूरी होगी. वह 11 अगस्त की सुबह करीब पौने पांच बजे लॉन्च होगा. 21 या 22 अगस्त को वह चंद्रमा की सतह पर पहुंच जाएगा. 

Chandrayaan-3 Russia Lunar Mission
  • 3/10

इसकी वजह क्या है-  रूस का रॉकेट सोयुज 2.1बी रॉकेट की ऊंचाई 46.3 मीटर है. जबकि GSLV-Mk3 की ऊंचाई 49.13 मीटर है. सोयुज का व्यास 2.5 मीटर है. जीएसएलवी का व्यास 2.8 मीटर है. सोयुज का वजन 3.12 लाख किलोग्राम है. जीएसएलवी का वजन 4.14 लाख किलोग्राम है. 

Advertisement
Chandrayaan-3 Russia Lunar Mission
  • 4/10

लेकिन हैरानी इस बात की है कि सोयुज रॉकेट 401.65 करोड़ रुपए का है. जबकि जीएसएलवी रॉकेट 389.23 करोड़ रुपए है. यानी रूस का रॉकेट काफी महंगा है. लूना-25 को लूना-ग्लोब (Luna-Glob) मिशन भी कहते हैं. 

Chandrayaan-3 Russia Lunar Mission
  • 5/10

लूना-25 पांच दिन की यात्रा करके चंद्रमा के पास पहुंचेगा. फिर पांच से सात दिन वह चंद्रमा के चारों तरफ चक्कर लगाएगा. इसके बाद दक्षिणी ध्रुव के पास तय किए गए तीन स्थानों में से किसी एक पर लैंड करेगा. 

Chandrayaan-3 Russia Lunar Mission
  • 6/10

लूना-25 चंद्रमा की सतह पर ऑक्सीजन की खोज करेगा. ताकि पानी बनाया जा सके. रूसी स्पेस एजेंसी ने कहा कि हम किसी देश या स्पेस एजेंसी के साथ प्रतियोगिता नहीं कर रहे हैं. हमारे लैंडिंग इलाके भी अलग हैं.

Chandrayaan-3 Russia Lunar Mission
  • 7/10

रूस ने कहा कि भारत या किसी और देश के मून मिशन से हमारी न तो टक्कर होगी. न हम किसी के रास्ते में आएंगे. क्योंकि चंद्रमा या अंतरिक्ष हर किसी के लिए है. इस मिशन की शुरुआत 1990 में हुई थी. यह अब पूरा होने वाला है. 

Chandrayaan-3 Russia Lunar Mission
  • 8/10

रूस ने जापानी स्पेस एजेंसी को साथ लेने की कोशिश की थी लेकिन जापान ने मना कर दिया था. रूसी स्पेस एजेंसी ने भारत के इसरो के साथ भी अपने मून मिशन में मदद करने की अपील की थी. लेकिन बात बनी नहीं.  

Chandrayaan-3 Russia Lunar Mission
  • 9/10

Chandrayaan-3 चंद्रमा की सतह पर दो हफ्ते काम करेगा. जबकि लूना-25 साल भर काम करेगा. लूना-25 का वजन 1.8 टन है. इसमें 31 किलोग्राम के वैज्ञानिक यंत्र हैं. इसमें एक खास यंत्र लगा है जो सतह की 6 इंच खुदाई करके, पत्थर और मिट्टी का सैंपल जमा करेगा. ताकि फ्रोजन वाटर यानी जमे हुए पानी की खोज की जा सके. 

Advertisement
Chandrayaan-3 Russia Lunar Mission
  • 10/10

रूसी स्पेस एजेंसी लूना-25 को पहले अक्टूबर 2021 में लॉन्च करना चाहती थी. लेकिन इसमें करीब दो साल की देरी हुई है. लूना-25 के साथ यूरोपियन स्पेस एजेंसी (ESA) पायलट-डी नेविगेशन कैमरा की टेस्टिंग करना चाहता था. लेकिन यूक्रेन पर हमला करने की वजह से दोनों स्पेस एजेंसियों ने नाता तोड़ लिया.  

Advertisement
Advertisement