ईरान (Iran) कई तरह के अजूबों से भरा हुआ है. इनमें से एक हैं नमक के पहाड़ (Salt Mountains). इन्हें नमक के गुंबद (Salt Domes) भी बुलाया जाता है. ऐसे पहाड़ पूरे ईरान में दक्षिण, दक्षिण-पश्चिम और मध्य इलाके में देखने को मिल जाते हैं. अलग-अलग मौसम में इनका रंग अलग-अलग दिखता है. (फोटोः गेटी)
ईरान और अज़बैजान में मौजूद इन पहाड़ों को का मुख्य हिस्सा ईरान में ही है. इनकी सबसे ज्यादा मात्रा जागरोस फोल्डेड जोन (Zagros Folded Zones) और पारस की खाड़ी वाले इलाके में मिलती है. ईरान तो खैर है ही यहीं. ईरान के होर्मोजगान, करमन, सेमनान और घोम प्रांत में ये पहाड़ सबसे ज्यादा दिखाई देते हैं. (फोटोः ट्विटर/वर्ल्ड ऑफ हिस्ट्री)
ईरान के सबसे खूबसूरत नमक के पहाड़ बुशहर काउंटी के जशक सॉल्ट डोम (Jashak Salt Dome), घेसाम आइलैंड स्थित नमकदान, फार्स प्रांत के केनर सियाह और जहानी, जंजान के अंगुरन और घोम प्रांत के घोम काउंटी में हैं. इन्हें कोई भी दूर से देखकर ही पहचान सकता है. ये अलग-अलग रंग, आकार और विभिन्नता लिए हुए होते हैं. (फोटोः Iran Govt.)
नमक के पहाड़ (Salt Mountains) जमीनी उत्पत्ति की अलग-अलग वजह से बने हैं. ये उसे परिभाषित भी करते हैं. ये एक तरह के कार्स्ट पहाड़ (Karst Mountains) हैं. इनमें गुफाएं, झरने और नमक के ग्लेशियर भी हैं. ऐसा सुंदर नजारा किसी दुनिया में किसी और जगह देखने को नहीं मिलता. (फोटोः गेटी)
सिर्फ और सिर्फ जागरोस पहाड़ों के दक्षिणी इलाके में ऐसे 130 सॉल्ट डोम्स देखने को मिलते हैं. नमकदान पहाड़ पर मौजूद नमक के पहाड़ों (Salt Mountains) में 6400 मीटर गहरी गुफाएं हैं. जहां पर नमक के ग्लेशियर, नमक के झरने, नमक की घाटियां, कार्स्ट सिंकहोल, नमक के फव्वारे हैं. ये जगह अपने आप में अजूबा है. (फोटोः गेटी)
ईरान में ही मौजूद घेसम सॉल्ट डोम (Gheshm Salt Dome) दुनिया की सबसे लंबी नमक की गुफा है. आमतौर पर ये गुफाएं इंसानी बस्तियों से दूर हैं. यहां कोई रहना चाहता भी नहीं. हालांकि पर्यटक इन्हें देखने जरूर पहुंचते हैं. इस जगह का नाम यूनेस्को की ऐतिहासिक विरासतों वाली संभावित सूची में भी शामिल हैं. क्योंकि ऐसे प्राकृतिक नजारे मुश्किल से बनते और दिखते हैं. (फोटोः ट्विटर/जियोरजिना)
नमक के पहाड़ (Salt Mountains) आमतौर पर हैलाइट, एनहाइड्राइट, जिप्सम और क्ले खनिजों से बने होते हैं. क्ले नमक के साथ आता है. यही यहां दिखने वाले गहरे रंगों (Dark Color) को उभारता है. हाल ही में वैज्ञानिकों ने मंगल ग्रह पर स्टडी करके वहां भी ऐसे पहाड़ देखे हैं, लेकिन वो सल्फेट्स (Sulfates) से बने होते हैं. उनका धरती पर मौजूद नमक के पहाड़ों से लेना-देना नहीं है. (फोटोः गेटी)
नमक के पहाड़ (Salt Mountains) आमतौर पर मध्य-पूर्व में हॉर्मूज के किनारे देखने को मिले हैं. ईरान के अलावा पारस की खाड़ी के आसपास, संयुक्त अरब अमीरात और ओमान में भी ये पहाड़ देखने को मिलते हैं. आमतौर पर नमक के पहाड़ नुकीले होते हैं. लेकिन कई बार ये मशरूम की आकृति या कंघी के दांतों की तरह भी दिखते हैं. (फोटोः गेटी)
ये रंगीन पहाड़ लाखों-करोड़ों सालों से बने हुए हैं. ये उस समय की बात है जब पारस की खाड़ी बहुत बड़े आकार की थी. तब ये पहाड़ पानी के नीचे थे. लेकिन जब धरती का अलग-अलग देशों में विभाजन हुआ तो ये ऊपर की ओर आ गए. पानी दूर चला गया. इन इलाकों में पानी और मिट्टी का स्वाद भी नमकीन है. वैज्ञानिक इन्हें आमतौर पर सॉल्ट टेक्टोनिक बोलते हैं. (फोटोः गेटी)
क्योंकि ईरान के जागरोस पहाड़ तब बने जब अरेबियन टेक्टोनिक प्लेट और यूरेशियन प्लेट आपस में टकराईं. उनकी वजह से की स्थानों पर रिजेस (Ridges) और फॉल्ट्स बने. इन्ही के बनने के क्रम में नमक के डायपर (Salt Diapirs) बन गए. यानी नमक के पहाड़. इस जगह को अभी तक यूनेस्को के वर्ल्ड हेरिटेज साइट में शामिल नहीं किया गया है लेकिन इसे सूची में शामिल करने के लिए सोचा जा रहा है. (फोटोः गेटी)