मछलियां अकेली ऐसी जीव नहीं हैं, जो सामान्य गणित समझ सकती हैं, बल्कि ऐसे जानवरों की एक पूरी लिस्ट है. हालांकि ये लिस्ट ज़रा छोटी है. अब इस लिस्ट में दो नए नाम जुड़े हैं- स्टिंग रे (stingrays) और सिक्लिड (cichlids). (फोटोः पिक्साबे)
हाल में हुई स्टडी से पता चला है कि कई जानवर जोड़-घटाना समझते हैं. सैलामैंडर, मधुमक्खियां और पक्षियों के मस्तिष्क में सरल अंकगणित को समझने की क्षमता होती है. ये क्षमता साफ पानी की स्टिंग रे मछली (Potamotrygon motoro) और ज़ीब्रा मबूना सिक्लिड (Pseudotropheus zebra) में भी पाई गई है. दोनों ही मछलियों ने इस क्षमता को सिंबल की पहचान (ट्रांसफर टेस्ट) के तौर पर ही दर्शाया है. (फोटोः गेटी)
बॉन यूनिवर्सिटी के ज़ूलॉजिस्ट वेरा श्लूसेल और उनके सहयोगियों ने अपने पेपर में लिखा है कि इन मछलियों ने संबंधित रंग के आधार पर दी गई सबसे बड़ी या सबसे छोटी संख्या को चुनना ही नहीं सीखा, बल्कि, इन्होंने 'एक' को जोड़ने या घटाना भी सीखा है. (फोटोः पिक्साबे)
Freshwater stingrays can do math! ➕➖🐟😮
— ScienceAlert (@ScienceAlert) April 18, 2022
A new study demonstrates these stunning stingrays and cichlid fish join bees on the small list of animals outside of birds and mammals known to add and subtract
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शोधकर्ताओं ने मछलियों को दो गेट के साथ अलग-अलग आकार के कार्ड दिखाए. उदाहरण के लिए, उन्हें इस तरह की ट्रेनिंग दी गई कि अगर उन्हें तीन नीले स्वायर वाला कार्ड दिखाया जाएगा, उसका मतलब वह सही दरवाज़ा होगा, जिसमें चार नीले स्क्वायर होंगे- मछलियों को उसमें एक जोड़ना होगा. अगर कार्ड पीले रंग का होगा, तो उन्हें सही दरवाजे को पहचानने के लिए आकृतियों की संख्या में से एक घटाना होगा. (फोटोः पिक्साबे)
हालांकि, सभी मछलियों ने ये गणित नहीं सीखा. 8 में से 6 सिक्लिड और 8 में से 3 स्टिंग रे मछलियां ही यह गणित समझ पाईं. जिन्होंने ऐसा किया वे वाकई इसमें माहिर थीं. स्टिंग रे मछलियों का जोड़ 94 प्रतिशत और घटाना 89 प्रतिशत सटीक था. (फोटोः पिक्साबे)
दोनों मछलियों को, घटाने से जोड़ना ज़्यादा आसान लगा. सिक्लिड मछलियों को ये अंक गणित जल्दी समझ आया और उनमें से ज्यादातर अपने टास्क में सफल रही थीं. ऐसा इसलिए भी था क्योंकि ये मछलियां इस टास्क से पहले भी, कई कॉगनिशन एक्सपेरिमेंट में हिस्सा ले चुकी थीं, जबकि स्टिंग रे मछलियों ने ऐसा नहीं किया था. (फोटोः पिक्साबे)
इसलिए इन दो अलग-अलग ग्रुप की मछलियों में बसिक मैथ्स को समझने की क्षमता है, दोनों प्रजातियां अवसरवादी फीडर मछलियां हैं, शिकारी नहीं हैं. न ही उनके मेटिंग बिहेवियर में गिनती की कोई ज़रूरत होती है और न ही ये किसी विशेष आकार के ग्रुप को पसंद करती हैं. शोधकर्ताओं ने अपने निष्कर्ष में यह भी कहा है कि मछली में, पक्षियों और स्तनधारियों के समान ही संज्ञानात्मक क्षमताएं होती हैं. (फोटोः विकिपीडिया)