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साइंस न्यूज़

Europe Climate Emergency: पारा 40 डिग्री पार... इतने में क्यों पिघलने लगा यूरोप का संसार?

Heatwave In Europe
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यूरोप का कोई हिस्सा ऐसा नहीं बचा है जो भयानक गर्मी की चपेट में न हो. बढ़ते तापमान की वजह से फ्रांस, ग्रीस के जंगलों में भयानक आग लगी है. ग्रेटर ब्रिटेन में घर जल रहे हैं. स्पेन और पुर्तगाल में तापमान संबंधी दिक्कतों की वजह से 1000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. पारा 40 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया है. यूरोप बर्फ की तरह पिघल रहा है. सही मायनों में इस समय यूरोप के ज्यादातर देशों में जलवायु आपातकाल (Climate Emergency) लगा हुआ है. (फोटोः AP)

Heatwave In Europe
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इस गर्मी की वजह हम इंसान ही हैं. इस बात का दावा वैज्ञानिक कर रहे हैं. मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार यह गर्मी जलवायु परिवर्तन (Climate Change) की वजह से हुआ है. सबसे बुरी हालत उत्तरी यूरोप से पूर्वी यूरोप तक की है. इटली में कई जगहों पर जंगलों में आग देखी गई है. टसकैनी में मासारोसा के पहाड़ी जंगलों में आग लगी है. वह लगातार बढ़ रही है. (फोटोः AP)

Heatwave In Europe
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ब्रिटेन में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के ऊपर पहुंच गया है. वहां के मौसम विभाग के अनुसार ऐसा पहली बार हुआ है. ब्रिटेन में राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा कर दी गई है. लंदन से पूर्वी और पश्चिमी इलाकों में जाने वाली ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं. क्योंकि कई जगहों पर रेलवे लाइन पर दरारें और घुमाव देखे गए हैं. (फोटोः AP)

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Heatwave In Europe
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लंदन के पास ही मौजूद वेनिंग्टन के गांव में कई घरों में आग लग गई. उनके ऐतिहासिक चर्च तक आग पहुंच गई. खेत जल रहे हैं. उधर, दक्षिण-पश्चिम फ्रांस में वाइन पैदा करने वाले जिरोंडे इलाके में बड़ी आग लगी है. पिछले 30 सालों में ऐसी आग नहीं लगी है. प्रशासन लगातार इस आग को बुझाने का प्रयास कर रही है. अब तक आग 19,300 हेक्टेयर इलाके में फैल चुकी है. 34 हजार से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. (फोटोः AP)

Heatwave In Europe
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ब्रिटेन के कई एयरपोर्ट पर रनवे और सड़कें पिघल रही हैं. रेलवे लाइन की बकलिंग खुल रही है. ट्रांसपोर्ट सेक्रेटरी ग्रांट शेप्स ने इस बात की पुष्टि की है हमारे यहां ही क्या पूरे यूरोप में कोई भी देश ऐसा नहीं है, जहां पर इस तरह के तापमान को ध्यान में रखकर किसी चीज का निर्माण किया गया हो. हमने हमेशा कम तापमान में रहने वाली चीजों को बनाया है. इतने ज्यादा तापमान में उसका रंग-रूप बिगड़ना तय है. (फोटोः AP)

Heatwave In Europe
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आंटवर्प के पास स्थित दो न्यूक्लियर रिएक्टर को अपना उत्पादन रोकना पड़ा है. साथ ही न्यूक्लियर कूलेंट को सुरक्षित रखा जा रहा है. ताकि उसपर गर्मी का असर न हो. इस बार खेती-बाड़ी पर भी 20 फीसदी ज्यादा असर पड़ने की आशंका जताई जा रही है. यूरोप के लोगों को सूखे की आदत है लेकिन इतने ज्यादा समय के लिए नहीं. ये स्थिति इन देशों में रहने वाले लोगों के लिए भयावह है. साथ ही अप्रत्याशित भी. क्योंकि इतना ज्यादा तापमान उन्होंने कभी देखा नहीं. (फोटोः AP)

Heatwave In Europe
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फ्रांस में करीब 2000 फायर फाइटर और आठ वाटर बॉम्बर एयरक्राफ्ट लगातार आग पर काबू पाने का प्रयास कर रहे हैं. अब जानते हैं कि आखिर वजह क्या है इस गर्मी की? यह इंसानों द्वारा किए जा रहे जलवायु परिवर्तन का नतीजा है. ये बात सिर्फ वैज्ञानिक नहीं बल्कि संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट कह रही है. इस साल फरवरी में आई संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के मुताबिक जलवायु परिवर्तन (Climate Change) की वजह से अगले 28 सालों में गर्मी, सूखा और जंगल की आग में 30 फीसदी का इजाफा होगा. (फोटोः AP)

Heatwave In Europe
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इंपीरियल कॉलेज ऑफ लंदन में क्लाइमेट साइंस के सीनियर लेक्चरर फ्रेडरीक ओट्टो ने कहा कि हम इस यूरोपीय इलाके में लगातार हीटवेव का सामना कर रहे हैं. लेकिन इस बार हीटवेव ज्यादा गर्म है. यह बिना जलवायु परिवर्तन के संभव ही नहीं हो सकता. इस समय ज्यादा जरूरी है कि बुजुर्गों और गर्मी से संवेदनशील लोगों और जीवों को बचाया जाए. (फोटोः AP)

Heatwave In Europe
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पुर्तगाल की हेल्थ अथॉरिटी डीजीएस ग्राका फ्रीतास ने कहा कि गर्मी की वजह से पुर्तगाल में 7 से 18 जुलाई के बीच 1063 मौतें हो चुकी हैं. पुर्तगाल इस विकट मौसम का शिकार बनेगा, ये कभी सोचा नहीं गया था. हमें भविष्य के लिए तैयार रहना होगा. इस तरह का मौसम पुर्तगाल के लिए नया नहीं है लेकिन इस बार इसकी भयावहता ज्यादा है. (फोटोः AP)

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लिस्बन यूनिवर्सिटी में शोधकर्ता कार्लोस एनट्यूनस ने कहा कि इस हीटवेव में बुजुर्गों की मौत पहले होने की आशंका है. इस समय रातें इतनी गर्म हो रही है कि जंगलों में लगी आग बुझाने में फायर फाइटर्स को दिक्कत आ रही है. यूरोप के लोगों की सेहत इस क्लाइमेट इमरजेंसी की वजह से खराब होती जा रही है. रात के ठंडेपन का कोई असर नहीं हो रहा है. राहत नाम की चीज ही नहीं है. (फोटोः Reuters)

Heatwave In Europe
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इटली के बूट, पुगलिया और सार्डिनिया और सिसली में भी पारा 40 डिग्री के पार दर्ज किया गया. इटली के पांच शहरों हीटवेव के चलते रेड अलर्ट पर रखा गया था. जो अब बढ़कर 9 हो चुके हैं. रोम, मिलान और फ्लोरेंस जैसे खूबसूरत और ठंडे शहर भी अब गर्मी से लाल हो रखे हैं. (फोटोः AP)

Heatwave In Europe
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स्पेन में 30 से ज्यादा जगहों पर जंगल की आग फैली हुई है. चार बड़ी आग तो कैस्टील, लियोन और गैलिसिया में जल रही है. उत्तर-पश्चिम में स्थित जमोरा प्रांत के लोसासियो में 32 गावों से 6000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. दो लोग जंगल की आग से मारे गए हैं. तीन गंभीर रूप से घायल हैं. स्पेन में अब तक 70 हजार हेक्टेयर से ज्यादा का इलाका जल कर खाक हो चुका है यह पिछले एक दशक में जंगल की आग से जलने वाले इलाकों से दोगुना क्षेत्र है. (फोटोः AP)

Heatwave In Europe
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संयुक्त राष्ट्र के विश्व मौसम विज्ञान संगठन ( UN's World Meteorological Organization - WMO) के प्रमुख पेटेरी तालस ने कहा कि भविष्य और खतरनाक है. अभी इससे भयावह स्थिति देखने को मिल सकती है. हीटवेव्स ज्यादा सामान्य घटनाएं बनने वाली हैं. ये ज्यादा तीव्र होती चली जाएंगी. ज्यादा लंबे समय तक परेशान करेंगे. इसकी बड़ी वजह इंसानों द्वारा पैदा किया गया जलवायु परिवर्तन (Climate Change) है.  (फोटोः AP)

Heatwave In Europe
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फ्रांस में 64 से ज्यादा स्थानों पर रिकॉर्ड तापमान दर्ज किया गया है. स्पेन में जून से जुलाई के बीच जंगली आग से जितना कार्बन उत्सर्जन (Carbon Emission) हुआ है, वह साल 2003 के बाद से अब तक का सबसे ज्यादा उत्सर्जन है. ग्रीस में लगी जंगली आग की वजह से एथेंस के पास स्थित पेनटेली के पहाड़ों प रआग लग गई है. कई घर जल रहे हैं. स्थानीय प्रशासन ने चार रिहायशी इलाकों को खाली कराया है, जिसमें एक अस्पताल भी शामिल है. (फोटोः AP)

Heatwave In Europe
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यूरोप के शहरों में कॉन्क्रीट के ढांचे इतने ज्यादा फैल गए हैं कि प्राकृतिक इलाकों की कमी हो गई है. इसकी वजह से शहरों में गर्मी और लगती है. कूलिंग सेंटर्स हैं ही नहीं. यानी प्राकृतिक कूलिंग सेंटर्स. ग्रीन स्पेस की कमी है. ऐसे में हरे-भरे इलाकों की कमी की वजह से गर्मी और रहती है. बनी रहती है. कई शहर इसी गर्मी के टिके रहने की वजह से अर्बन हीट आइलैंड (Urban Heat Island) बने हुए हैं. (फोटोः AP)

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