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साइंस न्यूज़

Thanos जानता था कि इंसान का शरीर सबसे तेज कौन सा काम करता है?

Fastest Acceleration in Human Body
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हॉलीवुड मूवी एवेंजर्सः इनफिनिटी वॉर (Avengers: Infinity War) का सुपरविलेन थैनोस (Thanos) जानता था कि इंसान के शरीर में सबसे तेज होने वाली गतिविधि क्या है. या इंसान सबसे तेज कौन सी गतिविधि कर सकता है. बस उसी एक गतिविधि से थैनोस ने फिल्म में आधी दुनिया को खत्म कर दिया था. खैर ये तो फिल्म की बात थी लेकिन थैनोस जानता था कि इंसान के शरीर की यही एक गतिविधि सबसे तेज है. इंसान यही काम दुनिया में सबसे तेज कर पाता है, वह भी अपने शरीर से. इसके अलावा कोई काम ऐसा नहीं है जो इंसान इतनी तेजी से कर सके. (फोटोः मार्वल)

Thanos Famous Snap
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इंसान के शरीर में सबसे तेज होने वाली गतिविधि है चुटकी बजाना (Finger Snap). अब आप कहेंगे ऐसा थोड़े ही है. कई चीजें तेज होती हैं. दिमाग से तेज कुछ भी नहीं. बात सही भी है...लेकिन यहां पर बात शारीरिक तीव्रता की हो रही है. इस बात को पुख्ता करने के लिए जॉर्जिया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के वैज्ञानिकों ने एक प्रयोग किया. उसके लिए उन लोगों ने चुटकी बजाते समय उंगलियों के घुमाव, गति और त्वरण (Acceleration) को मापने के लिए अल्ट्रा-हाई स्पीड कैमरा और स्टेट-ऑफ-द आर्ट फोर्स सेंसर्स लगाए. (फोटोः गेटी)

Fastest Acceleration in Human Body
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थैनोस (Thanos) ने अपने हाथ में इनफिनिटी गॉन्टलेट (Infinity Gauntlet) पहनकर जो प्रलयकारी चुटकी बजाई थी, वही चुटकी इंसानों के शरीर में होने वाली सबसे तेज गतिविधि है. वैज्ञानिकों की यह स्टडी हाल ही में जर्नल ऑफ द रॉयल सोसाइटी इंटरफेस में प्रकाशित की गई है. जिसमें बताया गया है कि आमतौर पर इंसान की चुटकी 7800 डिग्री प्रति सेकेंड के हिसाब से घूमती है. इसे रोटेशनल एक्सीलिरेशन (Rotational Acceleration) कहते हैं. चुटकी की अधिकतम रोटेशनल एक्सीलिरेशन 16 लाख डिग्री प्रति सेकेंड होती है. (फोटोः मार्वल)

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Fastest Acceleration in Human Body
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चुटकी की अधिकतम रोटेशनल एक्सीलिरेशन 16 लाख डिग्री प्रति सेकेंड होती है. यानी किसी प्रोफेशनल बेसबॉल प्लेयर द्वारा मारी गई गेंद से तीन गुना ज्यादा गति. जॉर्जिया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में केमिकल और बायोमॉलीक्यूलर इंजीनियरिंग के प्रोफेसर साद भामला ने कहा कि चुटकी बजाना सिर्फ सात मिलिसेकेंड में हो जाता है. यह पलकों के झपकने की गति से 20 गुना ज्यादा है. पलके झपकने में 150 मिलिसेकेंड्स लगते हैं. साद भामला ने बताया कि उन्हें यह रिसर्च करने की प्रेरणा एवेंजर्सः इनफिनिटी वॉर्स मूवी देखकर ही मिली. लेकिन फिल्म में एक गड़बड़ थी. (फोटोः गेटी)

Thanos Famous Snap
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थैनोस ने जो किया वो संभव नहीं, ये है वैज्ञानिक कारण

साद भामला कहते हैं कि थैनोस (Thanos) ने अपने हाथों पर धातु का इनफिनिटी गॉन्टलेट (Infinity Gauntlet) पहनकर चुटकी बजाई है. जो कि संभव नहीं है. जैसे ही आपके हाथ पर किसी चीज की परत, कपड़ा या कवर आता है, आपकी चुटकी बजनी बंद हो जाती है. क्योंकि चुटकी बजती है आपके उंगलियों के घर्षण (Friction) से. जैसे ही आप उंगलियों को किसी चीज से कवर करते हैं, ये लगभग असंभव हो जाता है कि आप चुटकी बजा सकें. बस यहीं से वैज्ञानिकों को यह आइडिया आया कि चुटकी बजाने की गति की जांच की जाए. साथ ही ये भी क्या चुटकी बजाते समय शरीर कैसे काम करता है. कुछ पहनकर चुटकी बजाई जा सकती है या नहीं. (फोटोः मार्वल)

Fastest Acceleration in Human Body
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चुटकी बजाने के पीछे की फिजिक्स को समझने के लिए वैज्ञानिकों ने कई तरीके से चुटकी बजाने की प्रक्रिया को एनालाइज किया. जिसके लिए हाई-स्पीड कैमरा और फोर्स सेंसर्स लगाए गए. पता चला कि चुटकी बजाने के लिए बांहों की मासंपेशियों का जबरदस्त उपयोग होता है. बाहों की मांसपेशियां टेंडन्स (Tendons) को सक्रिय करती हैं. जिसकी वजह से इलास्टिक पोटेंशियल एनर्जी (Elastic Potential Energy) बनती है. बस यही अंगूठे और उंगली के बीच घर्षण पैदा करता है. जिसकी आवाज आपको सुनाई देती है. (फोटोः गेटी)

Thanos Famous Snap
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चुटकी बजाने के लिए सही मात्रा में घर्षण और ताकत की जरूरत होती है. इसके लिए उंगलियों के टेंडन्स में ऊर्जा नहीं होती. वो मांसपेशियों से आती है. अगर ज्यादा ताकत लगा दी तो चुटकी से गर्मी भी निकलती है. वैज्ञानिकों के पास इनफिनिटी गॉन्टलेट (Infinity Gauntlet) तो थी नहीं, लेकिन उन्होंने धातु का दस्ताना पहनकर चुटकी बजाने की कोशिश की लेकिन यह संभव नहीं हुआ. यहां तक की रबर के दस्तानों से भी चुटकी बजाने में दिक्कत आई. लेकिन ऊर्जा जरूर निकली पर बेहद कम मात्रा में. (फोटोः मार्वल)

Thanos Famous Snap
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साद भामला कहते हैं कि हम इस स्टडी से यह बात साबित कर सकते हैं कि चुटकी बजाने के पीछे किस तरह का बायोमैकेनिकल व्यवहार होता है. कैसे ऊर्जा बचाई जा सकती है. क्योंकि प्राचीन ग्रीक आर्ट फॉर्म के अनुसार 300 ईसापूर्व से पहले इंसान चुटकी बजाना जानता था. यह एक साइंटिफिक प्रोजेक्ट था ताकि हम यह पता कर सके कि चुटकी बजाने में कितना समय लगता है. तकनीक क्या होती है. कितनी ऊर्जा लगती और निकलती है. (फोटोः गेटी)

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