हर साल आसमान में कई तरह की चीजें देखने को मिलती है. जैसे सूर्यग्रहण, चंद्रग्रहण, धूमकेतु, उल्कापिंडों की बारिश, ग्रहों का एक लाइन से दिखना आदि. इस साल ऐसी रात में होने वाली ऐसी 15 घटनाएं हैं, जो आपको सोने नहीं देंगी. इसलिए नहीं कि ये डरावनी हैं, बल्कि आपको इन्हें देखकर सोने का मन ही नहीं होगा. आइए जानते हैं इन शानदार नजारों की शुरुआत कब से हैं...(फोटोः गेटी)
मध्य फरवरी से मध्य मार्च तकः एक महीना सिर्फ शुक्र ही शुक्र
13 फरवरी से लेकर 20 मार्च तक शुक्र ग्रह सुबह से पहले दक्षिण-पूर्व की तरफ आसमान में अपनी पूरी चमक के साथ दिखाई देगा. आप इसे छोटे टेलिस्कोप या दूरबीन से भी देख सकते हैं. इसके नीचे बाएं तरफ बुध ग्रह दिखाई देगा और दाहिनी तरफ नीचे मंगल ग्रह भी दिखाई देगा. इसका सबसे बेहतरीन नजारा 26 फरवरी को देखने को मिलेगा.
5 अप्रैलः युद्ध का देवता मिलेगा लॉर्ड ऑफ द रिंग्स से
5 अप्रैल की रात में सूरज उगने से पहले आपको आसमान में छल्लों वाले ग्रह शनि के ठीक नीचे मंगल ग्रह दिखाई देगा. इसके अलावा बाईं तरफ शुक्र ग्रह चमकता हुआ दिखेगा. आप इस खूबसूरत नजारे को खुली आंखों से भी देख सकते हैं. इस खूबसूरत नजारे को देखने के लिए सबसे सटीक समय होगा सुबह 5.30 बजे. अपनी जॉगिंग से पहले इस नजारे को देखिए या जॉगिंग करते-करते.
अप्रैल अंत या मई की शुरुआतः खुली आंखों से देख सकते हैं धूमकेतु को
21 अप्रैल के बाद से लेकर मई के शुरुआत तक आपको धरती से दूर धूमकेतु C/2021 O3 (PanSTARRS) दिखाई देगा. इसे देखने के लिए आपको आसमान में पश्चिम-उत्तरपश्चिम दिशा की ओर देखना होगा. यह सूरज ढलने के कुछ देर बाद ही आसमान में दिखने लगेगा. आपको बस शाम की चाय के साथ आसमान की ओर धैर्य के साथ देखना है. यह पुच्छल तारा आपकी नजरों के सामने चमकता हुआ दिखाई देगा.
27-30 अप्रैलः अंतरिक्ष में कई ग्रहों की होगी मीटिंग
अप्रैल के आखिरी तीन-चार दिनों में बृहस्पति ग्रह तेजी से उभरता हुआ दिखाई देगा. यह पूर्व-दक्षिणपूर्व दिशा की ओर दिखेगा. इसके साथ ही आपको शुक्र भी दिखाई देगा. 30 अप्रैल तक आपको चंद्रमा, मंगल ग्रह और शनि ग्रह भी दिखाई देंगे. आप अंतरिक्ष में होने वाली इन ग्रहों की मीटिंग का नजारा इत्मिनान से रात के समय देख सकते हैं. शुक्र ग्रह अपनी क्षमता से 6 गुना ज्यादा चमकदार दिखाई देगा.
30 अप्रैलः आंशिक सूर्य ग्रहण, भारत में नहीं दिखाई देगा यह नजारा
30 अप्रैल को आंशिक सूर्यग्रहण होगा. लेकिन दुख की बात ये है कि इसे आप भारत में नहीं देख पाएंगे. इसका नजारा धरती के दक्षिणी गोलार्ध की तरफ ज्यादा रहेगा. खास तौर से दक्षिण अमेरिका, चिली, अर्जेंटीना, उरुग्वे, दक्षिणी पेरू, बोलिविया और दक्षिण-पश्चिम प्रशांत महासागर. इसका सबसे बेहतरीन नजारा अंटार्कटिका स्थित चिली के रिसर्च बेस से दिखेगा.
15-16 मईः पूर्ण चंद्रग्रहण, ज्यादातर नजारा अमेरिका में
इस पूर्ण चंद्रग्रहण का ज्यादातर नजारा अमेरिका में ही दिखाई देगा. चंद्रमा के उगते समय ही यह ग्रहण में चला जाएगा. ओरेगॉन के प्रशांत महासागर तट, वॉशिंगटन स्टेट, पश्चिमी और उत्तर-मध्य कनाडा के ऊपर यह नजारा स्पष्ट रहेगा. यह चंद्रग्रहण दिखने का औसत समय एक घंटा 24 मिनट है.
30-31 मईः धीमी गति से चलने वाले उल्कापिंडों की बारिश दिखेगी
यह इस साल का सबसे ड्रामेबाज नजारा होगा. 30-31 मई की रात उत्तरी अमेरिका के ऊपर उल्कापिंडों की बारिश होगी. यह बारिश बेहद धीमी गति से होगी. साथ ही एक धूमकेतु भी दिखाई देगा, जिसका नाम है 73P/Schwassmann-Wachmann 3. उल्कापिंडों की बारिश के साथ धूमकेतु का नजारा बेहद दुर्लभ होता है, इसलिए वैज्ञानिक इसे ड्रामेबाजी वाली घटना बता रहे हैं. हर घंटे 100 से ज्यादा उल्कापिंड दिखेंगे.
जून का दूसरा हिस्साः पांच ग्रहों का सम्मेलन होगा अंतरिक्ष में
जून महीने के दूसरे हिस्से में आसमान में एकसाथ पांच ग्रहों को एक सीधी रेखा में देख सकते हैं. ऐसा नजारा सैकड़ों सालों में एक बार देखने को मिलता है. बुध, शुक्र, चंद्रमा, मंगल, बृहस्पति और शनि एक सीधी रेखा में आपको आसमान में दिखाई देंगे. यह सौर मंडल में बताए गए नक्शे के अनुसार एक लाइन में होंगे. 18 जून को शनि आएगा, 21 जून को बृहस्पति, 22 जून को मंगल ग्रह, 26 जून को शुक्र और 27 जून को इस लाइन में बुध ग्रह शामिल हो जाएगा.
13 जुलाईः साल का सबसे बड़ा चांद दिखेगा
13 जुलाई 2022 की रात 9 घंटे 37 मिनट तक चांद धरती के बेहद करीब आ जाएगा. धरती से उसकी दूरी करीब 3.57 लाख किलोमीटर से थोड़ी ही ज्यादा होगी. आमतौर पर इसे सुपरमून कहते हैं. आप इस चांद के दिखने के साथ ही अगले कुछ दिनों के लिए समुद्र में ऊंची लहरों की उम्मीद कर सकते हैं.
12 अगस्तः पर्सीड मिटियोर की बारिश होगी
अगर चांद की रोशनी ज्यादा नहीं रही तो आपको आसमान पर्सीड मिटियोर की बारिश देख सकते हैं. इसकी रोशनी काफी कम होगी इसलिए आसमान में अंधेरा होना चाहिए. अगर रोशनी ज्यादा हुई तो आपको इस मिटियोर की बारिश देखने को नहीं मिलेगी.
26 सितंबरः बृहस्पति आएगा धरती के बेहद करीब
हमारे सौर मंडल का सबसे बड़ा ग्रह बृहस्पति सौर मंडल की तय दिशा के विपरीत आकर धरती के करीब आएगा. यह घटना अक्टूबर 1963 के बाद पहली बार होगी. तब बृहस्पति ग्रह की दूरी करीब 59.12 करोड़ किलोमीटर होगी. यह धरती से बेहद बड़ा और चमकदार दिखाई देगा.
25 अक्टूबरः आंशिक सूर्यग्रहण, भारत से दिखाई देगा
धरती के उत्तरी गोलार्ध में 25 अक्टूबर को आंशिक सूर्यग्रहण होगा. इस सूर्यग्रहण का नजारा यूरोप, उत्तरपश्चिम अफ्रीका, पश्चिमी और मध्य एशिया में भी दिखाई देगा. इस सूर्यग्रहण में सूरज का सात से आठ फीसदी हिस्सा छिप जाएगा. इसका सबसे बेहतरीन नजारा पश्चिमी साइबेरियन मैदानी इलाके में स्थित रूस के सबसे रईस शहर Nizhnevertovsk से दिखाई देगा.
8 नवंबरः पूर्ण चंद्रग्रहण, भारत में दिखेगा या नहीं फिलहाल गणना नहीं
यह पूर्ण चंद्रग्रण उत्तरी अमेरिका, हवाई द्वीप, पूर्वी एशिया, इंडोनेशिया, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया पूर्वी हिस्से में दिखाई देगा. भारत में यह नजारा दिखेगा या नहीं फिलहाल इसकी गणना चल रही है. लेकिन संभावना कम है. यह चंद्रग्रहण एक घंटा 25 मिनट के लिए होगा. रात के आसमान में थोड़ा भूरे रंग का नजारा देखने को मिल सकता है.
7-8 दिसंबरः यह रात मंगल और मून की रात होगी
सात दिसंबर की शाम से लेकर जब चंद्रमा अपनी पूरी चमक पर होगा. 8 दिसंबर की शाम को जब सूरज अस्त होगा तब आसमान में मंगल ग्रह निकलना शुरु होगा. यह नजारा उत्तरी अमेरिका से ज्यादा बेहतर दिखाई देगा. मध्य रात्रि में चंद्रमा के ठीक ऊपर बाईं तरफ मंगल ग्रह अपनी पूरी चमक के साथ दिखाई देगा.