दुनिया का सबसे पुराना पानी खोजा गया है. ये पानी 160 करोड़ साल पुराना है. इसे खोजा है टोरंटो यूनिवर्सिटी के आइसोटोप जियोकेमिस्ट्री की भू-रसायनविद (Geochemist) बारबरा शेरवुड लोलर (Barbara Sherwood Lollar) ने. इस पानी को कनाडा साइंस एंड टेक्नोलॉजी म्यूजियम में संभाल कर रखा गया है. आइए जानते हैं कि ये पानी कहां मिला? इसका स्वाद कैसा है? (फोटोः कनाडा साइंस एंड टेक्नोलॉजी म्यूजियम)
बारबरा शेरवुड ने अपनी टीम के दो सद्स्यों के जरिए कनाडा के एक खान से पानी जमा करवाया. उसके बाद उसे ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में जांच के लिए भेजा. कई दिनों तक जवाब नहीं आने पर बारबरा ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की लैब में फोन लगाकर पूछा कि इस सैंपल का क्या हुआ. लैब में मौजूद टेक्नीशियन का मजाक में जवाब आया कि हमारा मास स्पेक्ट्रोमीटर टूट गया है. ये इतना पुराना है कि हमें जोड़ने में समय लग रहा है. (फोटोः NSERCC)
पानी का यह सैंपल कनाडा के ओंटारियों से उत्तर में स्थित टिमिंस नामक जगह पर मौजूद के खान से मिला था. पानी का यह सैंपल 160 करोड़ साल पुराना है. धरती पर मौजूद अब तक का सबसे पुराना पानी. बारबरा यह जानकर हैरान रह गईं कि उन्होंने धरती पर मौजूद सबसे पुराना पानी खोज निकाला है. बारबरा कहती है कि इस पानी से ये पता चल सकता है कि सौर मंडल के अन्य ग्रहों पर जीवन कभी था या नहीं. (फोटोःगेटी)
बारबरा ने बताया कि इस पानी से बासी सी बद्बू आती है. इस बद्बू की वजह से ही हमें पता चला कि यह पानी पत्थरों की दरार के बीच डिस्चार्ज हो रहा है. इस पानी का स्वाद अत्यधिक नमकीन है. यह समुद्री जल से 10 गुना ज्यादा नमकीन है. बारबरा शेरवुड ने बताया कि वो पहली बार टिमिंस 1992 में गई थीं. तब उन्होंने किड्ड क्रीक खान के अंदर यात्रा की थी. (फोटोः टोरंटो यूनिवर्सिटी)
1992 की यात्रा के 17 साल बाद बारबरा और उनकी टीम खान के अंदर 2.4 किलोमीटर तक गईं. इसके बाद चार साल तक सैंपल कलेक्ट किए. उनकी जांच की. अब जाकर उनकी टीम को 10 करोड़ साल पुराना पानी मिला है. बारबरा कहती हैं कि हम पानी को सिर्फ H2O के रूप में जानते हैं लेकिन कभी ये नहीं सोचते कि इसमें और क्या-क्या मिला है. 160 करोड़ साल पुराने इस पानी में रेडियोजेनिक नोबल गैसेस जैसे हीलियम और जेनॉन मिला है. (फोटोः टोरंटो यूनिवर्सिटी)
When Barbara Sherwood Lollar sent water samples to a colleague for testing, she knew this was no ordinary water. Tests pegged the mean age of the samples, from a mine north of Timmins, Ont., at 1.6 billion years old—the oldest ever found on Earth. https://t.co/KgaYC60GW8
— Maclean's Magazine (@macleans) April 28, 2021
किड्ड खान में मिले 160 करोड़ साल पुराने पानी में इंजीनियम नामक तत्व भी है. फिलहाल पानी का यह सैंपल ओटावा के कनाडा साइंस एंड टेक्नोलॉजी म्यूजियम में रखा है. इसके अलावा इस पानी कोमोलिथोट्रोफिक माइक्रोब्स भी हैं, जिनकी वजह से पानी रंग थोड़ा पीला दिख रहा है. ये हाइड्रोजन और सल्फेट खाकर जिंदा है. (फोटोः गेटी)
बारबरा ने बताया कि आज भी किड्ड खान में तांबे और जिंक का खनन होता है. यह दुनिया का सबसे गहरी खान है. ये करीब तीन किलोमीटर गहरी है. कुछ जगहों पर गहराई और ज्यादा है लेकिन उसे अभी तक नापा नहीं गया है. इस खान में अंदर जाने में करीब 1 घंटे का समय लगता है. वहां जाने के लिए दो मंजिला एलिवेटर और उसके बाद 1.5 किलोमीटर लंबी बैटरी पावर्ड ट्रेन में यात्रा करनी पड़ती है. ये ट्रेन 2377 मीटर की गहराई तक चलती है. (फोटोः गेटी)
बारबरा ने बताया इस खान के अंदर जाने पर जब आप इसकी दीवारों को छुएंगे तो आपके गर्मी महसूस होगी. यहां तक कि इसके अंदर बहने वाला पानी भी 25 डिग्री सेल्सियस पर गर्म रहता है. यह खान 1963 में शुरू की गई थी. लेकिन तब से लेकर आज तक इस खान में कई वैज्ञानिक प्रयोग भी हुए हैं. यह खान आज भी दुनिया के साइंटिस्ट्स के लिए साइंटिफिक रिसर्च का अच्छा स्रोत है. (फोटोः गेटी)