अमेरिका में हाल ही में कोरोना से मरने वाले पहले व्यक्ति की मौत के सर्टिफिकेट में तारीख बदली गई है. ये काम बेहद चुपचाप तरीके से किया गया है. ये सर्टिफिकेट एक महिला का है जो कन्सास में 9 जनवरी 2020 को मरी थी. असल में हुआ ये कि कोरोना से मरी इस महिला की मौत की तारीख पहले करीब एक महीने बाद की थी. जिसे बाद में चुपचाप बदल दिया गया. इस खबर को अमेरिकी मीडिया संस्थानों ने काफी प्रमुखता से उठाया है. (फोटोः गेटी)
द मर्करी न्यूज के मुताबिक कन्सास के लीवेनवर्थ में 78 वर्षीय लोवेल कुकी ब्राउन की मौत कोरोना से 9 जनवरी 2020 को हुई थी. जबकि इसके कुछ हफ्तों बाद अमेरिका में कोविड-19 का पहला केस दर्ज किया गया था. ब्राउन का डेथ सर्टिफिकेट मई 2021 में बदला गया है. पुराने डेथ सर्टिफिकेट में लिखा गया था कि उनकी मौत स्ट्रोक और क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव लंग डिजीस की वजह से हुई है. लेकिन मई 2021 में डॉक्टरों ने इसे चुपचाप बदल दिया. अब डेथ सर्टिफिकेट में लिखा गया है कि इनकी मौत कोविड-19 निमोनिया की वजह से हुई थी. (फोटोः गेटी)
अब लोवेल कुकी ब्राउन अमेरिका में कोरोना से मरने वाली पहली शख्स हो गई हैं. यानी यह अमेरिका में कोविड-19 से मौत का पहला केस दर्ज हो गया है. जबकि इससे पहले दुनिया को यह पता था कि अमेरिका में कोरोना से पहली मौत 6 फरवरी 2020 दर्ज थी. यह कैलिफोर्निया के सैन जोन इलाके कि एक महिला थी. (प्रतीकात्मक फोटोः गेटी)
द सेंटर फॉर डिजीस कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) ने अपने आधिकारिक वेब पेज पर लिखा है कि जनवरी 2020 में कोरोना की वजह से पांच मौतें हुई थीं. लोवेल कुकी ब्राउन कोरोना से मरने वाली पहली महिला थीं. कन्सास डिपार्टमेंट ऑफ हेल्थ एंड एनवायरमेंट ने भी 9 जनवरी 2020 को कोरोना से एक मौत होने की सूचना दर्ज कर रखी है. (फोटोः गेटी)
हालांकि, अभी तक यह नहीं पता चल पाया है कि ब्राउन के डेथ सर्टिफिकेट को बदला क्यों गया? ऐसे क्या सबूत मिले जिनकी वजह से उनकी मौत की वजह कोरोना बताई गई. उन्हें सामान्य मौत की सूची से हटाकर कोविड-19 से मरने वाली सूची में क्यों डाला गया. यहां तक कि ब्राउन के परिजनों को यह नहीं पता कि डेथ सर्टिफिकेट में बदलाव किए गए हैं. (फोटोः गेटी)
मौत से पहले लोवेल कुकी ब्राउन ने तेज सिर दर्द, बुखार, डायरिया और बदन दर्द की शिकायत 2019 में क्रिसमस के मौके पर की थी. उनके परिवार वालों ने मरकरी न्यूज को बताया कि ब्राउन ने शिकायत की थी कि उन्हें उनके पसंदीदा खाने का स्वाद नहीं मिल रहा है. जब उनकी सांस टूटने लगी, तब परिवार वालों ने उन्हें अस्पताल के ICU में भर्ती किया. इसके एक हफ्ते बाद उनकी मौत हो गई. (फोटोः गेटी)
ब्राउन अपनी मौत से महीनों पहले कहीं किसी अंतरराष्ट्रीय यात्रा पर भी नहीं गई थीं. वो अपने घर से बाहर डॉक्टर के पास जाती थीं. जहां उनका डायबिटीज और क्रोनिक ऑब्स्ट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीस का इलाज चल रहा था. कंसास शहर में स्थित प्रोविडेंस मेडिकल सेंटर के फिजिशियन डॉ. थॉमस फुलब्राइट ने ब्राउन के डेथ सर्टिफिकेट को बदला है. उन्होंने स्थानी मीडिया संस्थानों को बताया कि वो सर्टिफिकेट में मौत की वजह बदलने का कारण नहीं बता सकते. क्योंकि ये मरीज की निजता के कानून का उल्लंघन होगा. (फोटोः गेटी)
कन्सास डिपार्टमेंट ऑफ हेल्थ एंड एनवायरमेंट ने स्थानीय मीडिया को बताया कि 9 जनवरी 2020 को जिस व्यक्ति की मौत हुई थी, उसकी कोरोना जांच नहीं हुई थी. क्योंकि उस समय कोरोना जांच किट इतने बड़े पैमाने पर मौजूद नहीं था. साथ ही जनवरी 2020 में इतने कोरोना जांच हो भी नहीं रहे थे. सीडीसी के मुताबिक 10 जनवरी को पहली बार कोरोना का जीनोम सिक्वेंस प्रकाशित हुआ था. उसके बाद जांच में तेजी आई है. (फोटोः गेटी)