नौतपा क्या है? 9 दिन तपने वाले. यानी 9 दिनों तक भयानक गर्मी. क्या विज्ञान और वैज्ञानिक इसे मानते हैं? इस पर हमने मौसम विभाग के पूर्व अधिकारी से बात की. उन्होंने कहा कि यह एक ट्रेडिशनल नॉलेज (Traditional Knowledge) है. जिसे साथ लेकर चला जाता है. इसे मानना चाहिए लेकिन 'नौतपा' सिर्फ एक शब्द है. (सभी फोटोः PTI)
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के पूर्व निदेशक आनंद शर्मा कहते हैं कि जिस तरह गर्मी में नौतपा शब्द का इस्तेमाल होता है. वैसे ही सर्दियों में कश्मीर में चिल्लई कलां का इस्तेमाल किया जाता है. यानी भयानक सर्दियों के 40 दिन.
मौसम विभाग इन शब्दों को साइंटिफिकली नहीं मानता लेकिन इसे साथ लेकर चलने में बुराई नहीं है. आनंद कहते हैं कि इन शब्दों को प्रूव करने के लिए ट्रेडिशनल नॉलेज ही है. इन शब्दों की साइंटिफिक परिभाषा नहीं है.
आनंद ने बताया कि मई के तीसरे हफ्ते से जून के पहले हफ्ते तक करीब 15 दिन देश में भयानक हीटवेव चलती है. इसे हॉट वेदर सीजन कहते हैं. इसलिए अगर कहीं पर नौतपा शब्द का इस्तेमाल होता है, तो उसमें गलत कुछ नहीं है.
जब देश के अधिकतर हिस्सों में गर्मी चरम पर हो. हीटवेव चल रही हो. लू चल रही हो. तब इसे नौतपा कहते हैं. यानी 9 दिनों तक ऐसी ही गर्मी रहने का अनुमान है.
नौतपा की शुरूआत 25 मई से हुई. माना जा रहा है कि 2 जून तक चलेगा. कई जगहों पर तापमान 50 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच रहा है. अगर गर्मी 9 के बजाय 15 दिन चलती रही, महीना भर चलती रही तो क्या उसे भी नौतपा कहेंगे?
नौतपा भारतीय ज्योतिष के हिसाब से जरूरी समय होता है. इस दौरान सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करता है. नौ दिनों तक यहीं रहता है. दिल्ली-NCR की बात करें तो यहां भी पारा 47 डिग्री तक पहुंच रहा है. इधर भी भीषण गर्मी पड़ रही है.
अगर खेतीबाड़ी के हिसाब से देखा जाए तो गर्मी के ये 9 दिन बेहद खास होते हैं. किसान ऐसा मानते आए हैं कि इन दिनों में जितनी ज्यादा गर्मी पड़ेगी, बारिश उतनी ही जमकर होगी. लेकिन साइंस नौतपा को नहीं मानता है. मौसम विज्ञानी मॉनसून के साइकिल के आधार पर इस चीज को खारिज करते हैं.
हालांकि, साइंस इस शब्द को भले ही न माने लेकिन ट्रेडिशनल नॉलेज को साथ लेकर चलता है. उसे एकदम से खारिज नहीं करता. तापमान बढ़ने की असली वजह ये है कि मई में हमारा देश सूरज की तरफ सीधे होता है. सूर्य ऊपर की तरफ बढ़ता है. इससे तापमान में बढ़ोतरी होती है.