जब आप प्यार करते हो, किसी को दुख में संभालते हो, दुलार करते हो, दर्द बांटते हो तब आप सामने वाले को गले लगाते हो. ये इंसान की आदत का सामान्य सा हिस्सा है. लेकिन क्या जानवर भी ऐसी स्थितियों में एक दूसरे को गले लगाते हैं? अगर वो लगाते हैं तो इसके पीछे की क्या वजह है? क्या इससे उन्हें किसी तरह का आराम मिलता है? क्या कोई सहानुभूति होती है? वैज्ञानिकों ने इसकी स्टडी करके बताया कि जानवर भी ऐसा करते हैं. सिर्फ इंसान ही नहीं...हर प्रकार के जानवर एक दूसरे को गले लगाते हैं...आइए जानते हैं इसके पीछे का कारण...(फोटोःगेटी)
पिछले दो साल से दुनिया भर के इंसान किसी को भी गले लगाना कम कर चुके हैं. वजह है कोविड-19 महामारी. ऐसे में जानवर इससे अछूते हैं. इनकी दुनिया में आज भी गले लगाना यानी Hug करना एक सामान्य सी प्रक्रिया है. लेकिन हम इंसान इस प्रेमालिंगन को भूल चुके हैं शायद या फिर मजबूरीवश कर नहीं पा रहे. हालांकि, हम इंसानों को गले लगाने का मतलब और फायदे पता हैं, तो क्या जानवरों को गले लगाने के फायदे का अंदाजा है? (फोटोःगेटी)
सबसे पहले ये जानते हैं कि गले लगाने का मतलब क्या होता है? यह इंसानों के व्यवहार के ऊपर बदल जाता है. वैसे सामान्य भाषा में जब कोई अपनी बाहें फैलाकर आपको अपने सीने से लगा ले, तो उसे गले लगाना कहते हैं या फिर Hug करना कहते हैं. लेकिन जानवरों में प्राकृतिक तरीके से बाहें फैलाकर गले लगाना थोड़ा मुश्किल है. आमतौर पर प्राइमेट्स यानी बंदरों के साथ. लेकिन कुछ जानवर ऐसे भी हैं, जिनके गले लगाने का तरीके थोड़ा अलग होता है. क्योंकि उनकी बाहें भी पूरी तरह से फैल नहीं सकतीं. (फोटोःगेटी)
यूके में स्थित डरहम यूनिवर्सिटी की प्राइमेटोलॉजिस्ट और डेवलपमेंटल साइकोलॉजिस्ट जान्ना क्ले कहती हैं कि उदाहरण के तौर पर बोनोबोस (Pan Paniscus) यानी चिम्पैंजी की एक प्रजाति को लेते हैं. ये आमतौर पर बेहद शांत व्यवहार के बंदर होते हैं. जान्ना क्ले ने इनके व्यवहार पर स्टडी करने के लिए कॉन्गो स्थित सैंक्चुरी में काफी समय बिताया है. (फोटोःगेटी)
जान्ना कहती हैं कि आप इस सैंक्चुरी में सामान्य तौर पर यह देख पाएंगे कि छोटे चिम्पैंजी एक-दूसरे से गले लगकर बैठते हैं. या उठते हैं. या खेलते-खेलते गले लगते रहते हैं. लेकिन इनकी प्रजाति पर शिकार का खतरा भी है. हो सकता है शिकार होने के डर से ये एकदूसरे को गले लगाकर रखते हों, ताकि उनमें सुरक्षा की भावना बनी रहे. इस सैंक्चुरी में कई अनाथ चिम्पैंजी भी हैं, जो अपने माता-पिता को खो चुके हैं लेकिन समूह को नहीं. इसलिए वो सुरक्षा का भरोसा चाहते हैं. ऐसे में ये चिम्पैंजी एकदूसरे को गले लगाते रहते हैं. (फोटोःगेटी)
दूसरी वजह गले लगाने की यह है कि सैंक्चुरी में ये चिम्पैंजी अपने केयर टेकर द्वारा गले लगाए जाते हैं. पर्यटकों को गले लगाते देखते हैं. इसलिए ये भी ऐसा ही करते हैं. जबकि खुले जंगलों में चिम्पैंजी ऐसा कम करते हैं. बोनोबोस चिम्पैंजी आमतौर पर गले तब लगाते हैं जब वो संघर्ष या तनाव की स्थिति में होते हैं. ऐसे में तनाव से ग्रसित बोनोबो अपनी बाहें फैलाकर दौड़ता है, उसके आसपास नजदीक में मौजूद दूसरा बोनोबो उसे ड्रामेटिक अंदाज में गले लगाता है. (फोटोःगेटी)
जान्ना कहती हैं कि बोनोबो को गले लगाने की जरूरत तब महसूस होती है जब वह परेशान हो. वह अन्य चिम्पैंजियों से गले लगाने की विनती करता है. उसे तुरंत ये मिलता भी है. आमतौर पर उसे गले लगाने वाला चिम्पैंजी उससे ताकत और आकार में बड़ा होता है. बंदरों में इस तरह का व्यवहार इंसानों की तरह ही है लेकिन यहां सुरक्षा की भावना ज्यादा मायने रखती है. (फोटोःगेटी)
अनाथ बोनोबो को गले लगाने की जरूरत ज्यादा पड़ती है. जबकि जो चिम्पैंजी अपने माता-पिता के साथ पलते और बढ़ते हैं, वो गले लगाने की दरख्वास्त कम करते हैं. इससे ये पता चलता है कि किसी भी जीव के लिए माता-पिता का होना कितना जरूरी है. इससे उस जीव के सामाजिक व्यवहार का विकास होता है. हालांकि गले लगाने की प्रक्रिया का आनंद सिर्फ बोनोबो चिम्पैंजी ही नहीं लेते. ये कई प्रजातियों के बंदरों में पाया जाता है. इसके अलावा भालू, बिल्ली, कुत्ते आदि भी ऐसा करते हैं. (फोटोःगेटी)
Does hugging exist in the rest of the animal kingdom? Are there any other species that embrace in the way humans do? https://t.co/45L7t7p1nE
— Live Science (@LiveScience) May 30, 2021
कई बार बंदर जैसे इंडोनेशिया में मिलने वाला क्रेस्टेड ब्लैक मकाउ (Macaca Nigra) गले लगाते समय अपने होठों को अलग तरह से घुमाते हैं. साथ ही उससे आवाज निकालकर यह बताते हैं कि उन्हें गले लगाने की जरूरत है. जरूरी नहीं कि गले लगाने के लिए परिवार को कोई सदस्य ही आए. बल्कि उनके समूह में शामिल कोई भी बंदर आकर आवाज लगाने वाले को गले लगा सकता है. कई बार शेर, बाघ भी एक-दूसरे को गले लगाते हैं. (फोटोःगेटी)
युवा ओरंगुटान जब सांप देखकर डरते हैं या फिर समूहों में संघर्ष की स्थिति देखते हैं तब वो आसपास मौजूद ताकतवर ओरंगुटान को गले लगाने की अपील करते हैं. वहीं, दूसरी तरफ टोंकियन मकाउ (Macaca Tonkeana) बंदर लड़ाई-झगड़े के बाद एकदूसरे को सहारा देने के लिए गले लगाते हैं. कई बार गले लगाने के साथ एकदूसरे का चुंबन भी करते हैं. (फोटोःगेटी)
मेक्सिको के वेराक्रुजाना यूनिवर्सिटी के एथोलॉजिस्ट फिलिपो ऑरेली कहते हैं कि उन्होंने स्पाइड मंकी की स्टडी की थी. जिसमें पता चला कि ये संघर्ष के बाद दवा के तौर पर गले नहीं लगाते बल्कि संघर्ष को रोकने के लिए गले लगाते हैं. जब भी इन बंदरों के समूहों में तनाव की स्थिति आती है, तब ये तुरंत एकदूसरे को गले लगाना शुरु कर देते हैं. गले लगाने का काम सबसे पहले वो बंदर करता है, जिसे संघर्ष की वजह पता है या उसे ही सबसे ज्यादा दिक्कत है. वो अपना पूरा शरीर खोल देता है, और कहता है कि मैं यहां साफ इरादे से आया हूं. मुझे गले लगा लो. (फोटोःगेटी)
फिलिपो ऑरेली कहते हैं कि इंसान या बंदर ही एक-दूसरे को गले नहीं लगाते बल्कि और भी जीव ऐसा करते हैं. हालांकि हमें उनका गले लगाना सही से समझ में नहीं आता. कई स्टडीज में ये बात सामने आई है कि जब घोड़े एक-दूसरे की गर्दन पर अपनी गर्दन रखते हैं, उस समय वो एक दूसरे को गले लगा रहे होते हैं. उस समय उनकी दिल की धड़कन बेहद धीमी होती है. यानी वो आराम और शांति की स्थिति में होते हैं. (फोटोःगेटी)
प्रैरी वोल्स नामक चूहे की प्रजाति के जीव अपने साथी या सहयोगी या पार्टनर को जब तनाव में देखते हैं तब वो तुरंत उसके पास जाकर उसके फर को मुंह से साफ करने लगते हैं. ये चूहों के गले लगाने का तरीका है. शेरों (Lions) की बात करें तो आप उन्हें अक्सर एकदूसरे के साथ सिर से सिर भिड़ाते हुए. आपस में सिर रगड़ते हुए देखा होगा. ये उनका गले लगाने का तरीका है. इसके अलावा सैकड़ों ऐसे स्तनधारी जीव हैं जो अलग-अलग तरीकों से एक-दूसरे को गले लगाते हैं. (फोटोःगेटी)
सिर्फ शेर ही नहीं डॉल्फिंस भी तनाव या डर की स्थिति में एक दूसरे के आसपास तैरते हुए मुंह से छूती है. शरीर से शरीर को रगड़ती हैं. ये उनका नुस्खा है गले लगाने का. कई बार अपने पंखों से एकदूसरे सहलाती हैं. कई बार एक डॉल्फिन दूसरे डॉल्फिन को प्यार से अपनी ओर खींचती हैं. तो जब ये सारे जानवर तनाव की स्थिति में एकदूसरे को गला लगा सकते हैं, तो कोविड-19 के बाद क्या इंसान एकदूसरे को गले नहीं लगा सकते. (फोटोःगेटी)