अटलांटिक महासागर से उठा तूफान मिल्टन अब अमेरिकी इतिहास का चौथा सबसे खतरनाक हरिकेन बन गया है. अटलांटिक महासागर में तीसरा सबसे तेज अपना रूप बदलने वाला तूफान बन चुका है. यानी खतरनाक रूप. इसकी वजह है मेक्सिको की खाड़ी की गर्मी. (फोटोः एपी)
वैज्ञानिकों ने बताया कि मेक्सिको की खाड़ी में गर्मी ज्यादा है. जिसकी वजह से ये तूफान 24 घंटे के अंदर पांचवीं कैटेगरी का भयानक हरिकेन बन गया. जब तूफान चक्कर लगाना शुरू करता है, तब वह आसपास के समंदर या इलाके से गर्मी और भाप खींचता है. जितनी ज्यादा गर्मी होगी, उतनी ज्यादा भाप और उतना ताकतवर तूफान. (फोटोः एपी)
इन सबकी वजह क्लाइमेट चेंज है. जिसकी वजह से पिछले चार दशकों से मेक्सिको की खाड़ी का तापमान लगातार बढ़ रहा है. मेक्सिको की खाड़ी अपने आसपास के इलाके का 90 फीसदी गर्मी सोखती है. साथ ही ग्रीनहाउस गैसों को भी सोखती है. इस साल तो वैसे भी पूरी दुनिया में काफी ज्यादा गर्मी पड़ी है. (फोटोः रॉयटर्स)
पिछले एक साल में ग्लोबल वॉर्मिंग की वजह से 1.62 डिग्री सेल्सियस अतिरिक्त तापमान बढ़ा. यह प्री-इंडस्ट्रियल स्तर से ज्यादा था. इस बात की पुष्टि यूरोपियन यूनियन कॉपरनिकस क्लाइमेट चेंज सर्विस ने की है. (फोटोः एपी)
तूफानों की ताकत का अंदाजा उनकी कैटेगरी से लगाते हैं. कैटेगरी-1 यानी 119-153 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चलने वाली हवाएं और बारिश. कैटेगरी-5 यानी 252 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार या ज्यादा. (फोटोः एपी)
जब तूफान बेहद कम समय में हरिकेन में बदलता है, तब इसे रैपिड इंटेसिफिकेशन कहते हैं. यानी 24 घंटे के अंदर इसकी गति बढ़कर 56 किलोमीटर प्रतिघंटा हो जाए, तो मानिए की तूफान ने एकसाथ दो कैटेगरी का जंप किया है. (फोटोः एपी)
मिल्टन की हालत भी ऐसी ही है. यह एक ट्रॉपिकल तूफान था, जो एक दिन में कैटेगरी-5 का हरिकेन बन गया. हवाओं की गति दोगुनी हो गई. कई जगह पर समंदर का पानी भर गया. मेक्सिको के इलाके तो डूबने शुरू हो चुके हैं. (फोटोः एपी)
पिछले साल एक स्टडी हुई थी, जिसमें बताया गया था कि अटलांटिक महासागर में पैदा होने वाले तूफान अब बहुत कम समय में कैटेगरी-1 से कैटेगरी-3 में बदल जाते हैं. इसमें उन्हें अधिक से अधिक 36 घंटे ही लगते हैं. (फोटोः एपी)
मेक्सिको की खाड़ी पिछले दो महीने से 32 डिग्री सेल्सियस पर गर्म चल रही है. सितंबर के अंत में यानी मिल्टन के बनने से ठीक पहले मेक्सिको की खाड़ी बेहद गर्म थी. साल की सबसे ज्यादा गर्मी बर्दाश्त कर रही थी खाड़ी. (फोटोः रॉयटर्स)