आज सोशल मीडिया पर यूरी गागरिन (Yuri Gagarin) ट्रेंडिंग चल रहे हैं. वजह क्या है? यूरी गागरिन को हर कोई जानता है. क्योंकि वो पहले इंसान थे जिन्होंने अंतरिक्ष की यात्रा की थी. इस बात को 60 साल हो गए. 12 अप्रैल 1961 में यूरी गागरिन को अंतरिक्ष की यात्रा के लिए भेजा गया था. तब अंतरिक्ष से यूरी गागरिन ने धरती को देख कर कहा था कि धरती इंसानों के झगड़ों के लिए बहुत छोटी है, पर सहयोग के लिए बहुत बड़ी. आइए जानते हैं इस ऐतिहासिक यात्रा की छोटी सी रोचक कहानी... (फोटोः गेटी)
सात टेस्ट फ्लाइट के बाद (जिनमें से कुछ विफल रहे) ये पुख्ता हो गया कि वोस्तोक 3केए-3 स्पेसक्राफ्ट (Vostok 3KA-3 Spacecraft) यूरी गागरिन को अंतरिक्ष में ले जाने के लिए सबसे सटीक यान है. इससे पहले इसमें यंत्र और जानवर अंतरिक्ष जा चुके थे. इसलिए 12 अप्रैल 1961 को 27 वर्षीय सोवियत एयरफोर्स पायलट यूरी एलेकसेविच गागरिन (Yuri Alekseyevich Gagarin) को अंतरिक्ष की यात्रा पर भेजा गया. (फोटोः गेटी)
Yuri Gagarin, First Man in Space (Photo Gallery) https://t.co/SMRDMkhuWx pic.twitter.com/gfiXxY2gKJ
— SPACE.com (@SPACEdotcom) April 12, 2021
यूरी गागरिन (Yuri Gagarin) को वोस्तोक स्पेसक्राफ्ट में बिठाकर स्पेस की तरफ रवाना किया गया. ये स्पेक्राफ्ट 2.3 मीटर व्यास का प्रेशराइज्ड केबिन था. यानी इसके अंदर ऑक्सीजन की लगातार सप्लाई थी. उड़ान भरने के 11 मिनट और 16 सेकेंड के बाद यूरी गागरिन (Yuri Gagarin) धरती की उस कक्षा में थे, जहां के लिए उन्हें रवाना किया गया था. (फोटोः गेटी)
इस मिशन के लिए जिस रॉकेट का उपयोग किया गया था वो पहले परमाणु मिसाइल हुआ करती थी. इसका नाम था R-7. यह दुनिया की पहली इंटर-कॉन्टीनेंटल यानी अंतर-महाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल थी. इसे साल 1950 में बनाया गया था. इसी मिसाइल का अपग्रेडेड रॉकेट बनाया गया, जिसने 1957 में स्पुतनिक-1 सैटेलाइट को धरती की कक्षा में स्थापित किया था. (फोटोः गेटी)
April 12 is the International Day of Human Space Flight. 60 years ago, Yuri Gagarin had his first historic flight into the cosmos. As we reflect on his accomplishment today, we look ahead to the future of human space flight as we prepare to send humans back to the Moon. pic.twitter.com/RR0O5wrr9W
— NASA (@NASA) April 12, 2021
यूरी गागरिन (Yuri Gagarin) लॉन्च के 11 मिनट 16 सेकेंड के बाद धरती की कक्षा में पहुंचे थे. उन्होंने धरती का एक चक्कर लगाया. इसमें उन्हें करीब 108 मिनट लगे. इसके बाद वो लैंडिंग के लिए धरती की ओर आने लगे. यहां एक चुनौती ये थी कि यूरी गागरिन (Yuri Gagarin) जिस कैप्सूल में थे, उन्हें उसके अंदर बैठकर लैंड नहीं करना था. (फोटोः गेटी)
जब कैप्सूल जमीन पर लैंड हुआ तब यूरी गागरिन (Yuri Gagarin) उसके अंदर नहीं थे. यूरी ने 23 हजार फीट की ऊंचाई पर खुद को कैप्सूल से इजेक्ट कर लिया था. इसके बाद कैप्सूल और यूरी दोनों अलग-अलग पैराशूट के सहारे जमीन पर उतरे. ऐसा सुरक्षा के लिहाज से किया गया था लेकिन सोवियत संघ ने इस पूरी प्रक्रिया को दशकों तक राज बनाकर रखा था. (फोटोः गेटी)
60 years ago, Yuri Gagarin became the 1st human to orbit the Earth. He visited the UN with fellow astronaut Valentina Tereshkova after she became the 1st woman in space.
— United Nations (@UN) April 11, 2021
On Monday's Human Space Flight Day, learn more about the beginning of the space era: https://t.co/JWVtqoBO06 pic.twitter.com/uOua6Yq6Om
इसकी ठीक तीन हफ्ते बाद 5 मई 1961 को अमेरिका ने अपने एस्ट्रोनॉट एलन शेफर्ड को सब-ऑर्बिटल यात्रा पर भेजा था. लेकिन सोवियत संघ अंतरिक्ष में पहले इंसान को भेजने का रिकॉर्ड अपने नाम कर चुका था. क्योंकि 50 से 70 के दशक तक अमेरिका और सोवियत संघ के बीच एक शीत युद्ध चल रहा था. अंतरिक्ष में कौन क्या उपलब्धि हासिल करता है, उसे लेकर एक शांत प्रतियोगिता चल रही थी. दोनों का एक ही लक्ष्य था कि कौन सबसे पहले? (फोटोः गेटी)