ब्राजील की अमेजन नदी और उसकी शाखाओं में पिछले एक हफ्ते में 120 डॉल्फिन मारी गई हैं. इनके शव लगातार मिल रहे हैं. वैज्ञानिकों के अनुसार ज्यादा गर्मी और सूखे की वजह से अमेजन का जलस्तर कम हो गया है. साथ ही बढ़ती गर्मी से पानी का तापमान बढ़ता जा रहा है. इससे ऑक्सीजन लेवल कम होता है.
डॉल्फिन मछलियां न तो गर्मी बर्दाश्त कर पाती हैं. न ही ऑक्सीजन की मात्रा में कमी. हाल फिलहाल में अमेजन नदी में ऑक्सीजन की कमी से हजारों मछलियां मारी गई थीं. अमेजन में भारी मात्रा में डॉल्फिन पाई जाती हैं. इनमें से कुछ का रंग गुलाबी होता है. कुछ प्रजातियां तो सिर्फ यहीं मिलती है. धीमी गति के प्रजनन की वजह से आबादी को खतरा है.
अमेजन में अब इन खूबसूरत डॉलफिंस की सीमित प्रजातियां ही बची है. इनकी प्रजातियों के खत्म होने का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है. मारी गई मछलियों के शवों को वैज्ञानिक दफना रहे हैं. दफनाने से पहले उनका पोस्टमॉर्टम करके यह देखा जा रहा है कि इनकी मौत के पीछे कोई और वजह तो नहीं है.
मौत की वजह... गर्मी, सूखा और ऑक्सीजन लेवल की कमी
फिलहाल मौत की वजह अत्यधिक गर्मी, सूखा और नदी में ऑक्सीजन लेवल की कमी बताई जा रही है. लेकिन इसकी जांच अब भी चल रही है. इस बात का भी पता किया जा रहा है कि कहीं अमेजन की शाखा टेफे में किसी तरह का बैक्टीरियल इंफेक्शन तो नहीं है. पिछले गुरुवार को टेफे नदी से 70 डॉल्फिंस के शव मिले थे.
The carcasses of 120 river dolphins have been found floating on a tributary of the Amazon River since last week in circumstances that experts suspect were caused by severe drought and heat. https://t.co/P4GimyEByg
— Reuters Science News (@ReutersScience) October 2, 2023
बढ़ते तापमान की वजह है जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वॉर्मिंग
टेफे का तापमान उस समय 39 डिग्री सेल्सियस था. यानी औसत तापमान से 10 डिग्री सेल्सियस ज्यादा. कुछ दिन के पानी का तापमान कम था. लेकिन बाद में 37 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया. अमेजन के पर्यावरण को बचाने के लिए काम करने वाली संस्थाएं इसका दोष जलवायु परिवर्तन को दे रहे हैं. ग्लोबल वॉर्मिंग को दे रहे हैं.
दुर्लभ प्रजाति की डॉल्फिन मछलियों की हो रही है मौत
अमेजन के सूखे की वजह अभी तक नहीं पता चल पाई है. लेकिन इसकी वजह से मारी जा रही 10 डॉल्फिन में से 8 गुलाबी डॉल्फिन हैं. इन्हें ब्राजील में बोटोस कहते हैं. टेफे नदी और झील दोनों में इन मछलियों की आबादी फिलहाल 10 फीसदी है. बोटोस के अलावा यहां पर ग्रे डॉल्फिन भी हैं. जिन्हें टकूक्सी कहते हैं. ये दोनों ही प्रजातियां IUCN की रेड लिस्ट में शामिल हैं. यानी इनकी प्रजाति को खत्म होने का खतरा है.