19वीं सदी में भी व्हेल मछली का शिकार होता था. क्योंकि मेक्सिको की खाड़ी (Gulf of Mexico) में व्हेल का शिकार करने वाले जहाज के अवशेष मिले हैं. जिसमें वो यंत्र भी मिले है, जिनसे व्हेल मछलियों का शिकार होता था. अमेरिकी वैज्ञानिक संस्था नेशनल ओशिएनिक एंड एटमॉस्फियरिक एडमिनिस्ट्रेशन (NOAA) ने इस जहाज को खोजा है. इस जहाज को समुद्री तूफान ने तोड़कर डूबा दिया था.
NOAA के जहाज ओकियेनोस एक्सप्लोरर ने इस जहाज के अवशेष 25 फरवरी 2022 को मेक्सिको की खाड़ी में 6000 फीट की गहराई में खोजा. नोआ के साइंटिस्ट ने रिमोटली ऑपरेटेड व्हीकल (ROV) भेजकर इस जहाज के अवशेष की तस्वीरें ली. इस जहाज को पहले भी खोजने की कोशिश की गई थी. साल 2011 और 2017 में यह प्रयास किए गए थे. लेकिन प्रयास सफल नहीं हो पाया था. बाद में सैटेलाइट कम्यूनिकेशन के जरिए समुद्र में इसे खोजा गया.
इसके बाद इस बात की पुष्टि की गई कि यह जहाज कौन सा है और यह कब डूबा था. इस जहाज का नाम तो नहीं पता चला लेकिन यह पता चला कि यह 26 मई 1836 को डूबा था, जब यह स्पर्म व्हेल्स का शिकार करने निकला था. इसका निर्माण 1815 में हुआ था. 20 सालों तक यह 64 फीट लंबा जहाज मेक्सिको की खाड़ी, अटलांटिक महासागर और कैरिबियन सागर में व्हेल का शिकार करता था.
19th-century whaling shipwreck identified in the Gulf of Mexico https://t.co/tO2WqgJv95
— Live Science (@LiveScience) March 23, 2022
1780 से लेकर 1870 के बीच व्हेल मछली का शिकार करने वाले जहाजों की 214 यात्राओं का जिक्र आता है. लेकिन यह इकलौता जहाज है, जो उस समय डूबा था. जहाज के साथ इसका क्रू भी डूब गया था. यूएस डिप्टी सेक्रेटरी ऑफ कॉमर्स डॉन ग्रेव्स ने कहा कि इस जहाज पर स्थानीय अमेरिकी और अफ्रीकी गुलाम भी थे. इससे यह पता चल सकता है कि उस समय रंगभेद का समय था. अमेरिकन मेरीटाइम इंडस्ट्री में अफ्रीकन गुलामों को रखा जाता था.
डॉन ग्रेव्स ने कहा कि इस जहाज के मिलने से यह उम्मीद जगी है कि हम 19वीं सदी के काले लोगों के जीवन जीने के तरीकों को जान सकेंगे. नेटिव अमेरिकन मछुआरों और उनके समुदायों के बारे में जान सकेंगे. साथ ही जमीन या समुद्र के किनारे रहने वाले लोगों के बीच के संघर्ष का भी पता चलेगा. व्हेल पकड़ने वाले जहाज पर जीवन निश्चित ही कठिन रहा होगा.