आज ब्रेन की सर्जरी से पहले MRI, CR SCAN समेत कई जांच होती है. सर्जरी से पहले कह भी दिया जाता है कि याददाश्त रहेगी या नहीं...ये डॉक्टर को भी नहीं पता. इंसान बचेगा या नहीं...यह बता पाना भी मुश्किल होता है. लेकिन पेरू (Peru) में 4000 साल पहले क्रेनियल सर्जरी (Caranial Surgery) होती थी. यानी खोपड़ी की सर्जरी. सोचिए कितने लोग इस सर्जरी के बाद जिंदा या सही याद्दाश्त के साथ बचते होंगे.
पुरातत्वविदों को हाल ही में, उत्तरी पेरू में लांबेक (Lambaeque) के पास हुआका लास वेंटानास आर्कियोलॉजिकल साइट पर एक मंदिर परिसर में अनोखे मकबरे का पता चला है. ये साइट सिकन (Sican) संस्कृति से संबंधित थी, जो उत्तरी पेरू में इंका साम्राज्य (लगभग 1400 CE) के उदय होने से पहले की थी. मकबरे से पता चलता है कि सिकन 4,000 वर्षों का इतिहास समेटे हुए एक संस्कृति थी. उस दौर में भी कपाल (खोपड़ी) की सर्जरी होती थी. जिसे ट्रेपनेशन (Trepanation) कहा जाता था.
उपकरणों के साथ सर्जन का मकबरा मिला
किसी व्यक्ति की खोपड़ी को बहुत सावधानी से काटने या उसमें छेद करने की कला को ट्रेपनेशन (Tepanation) कहते हैं. यह सुनने में भले ही क्रूर लगता हो, लेकिन सिर में चोट लगने के बाद यह मस्तिष्क पर सूजन या रक्तस्राव से होने वाले दबाव को दूर करने में मदद करता है. मस्तिष्क में होने वाले दबाव को दूर करने के लिए आजकल के सर्जन भी, कभी-कभी इस तरह की सर्जरी करते हैं, जिसे क्रैनियोटॉमी (Craniotomies) कहा जाता है.
सर्जरी के बाद भी कुछ लोग थे जिंदा
आज की क्रैनियोटॉमी CT Scan और MRI की मदद से होती है, लेकिन प्राचीन सर्जन केवल देखकर और अपने अनुभव के आधार पर सर्जरी करते थे. पेरू में आर्कियोलॉजिस्ट को पिछले 4,000 वर्षों के करीब 800 ट्रेपनेशन मरीजों के अवशेष मिले हैं. उनमें से ज्यादातर खोपड़ी के छेद के किनारों के आसपास हड्डियों के हील होने के निशान दिखाई देते हैं, जिसका मतलब यह है कि वे सिर की गंभीर चोट और उसके बाद की गई सर्जरी के बाद भी ज़िंदा थे.
सर्जरी के अर्धगोलाकार ब्लेड वाला चाकू मिला
यह मकबरा एक सर्जन का था, जिसे हुआका लास वेंटानास में दफनाया गया था. ये सर्जिकल उपकरण एक बंडल में लिपटे हुए काफी लंबे समय से मृत सर्जन के पास ही पड़े हुए थे. पुरातत्त्वविदों को अलग-अलग आकार के लकड़ी के हत्थे वाले दर्जनों कांसे के सूए, सूइयां और चाकू मिले हैं. ज़्यादातर चाकू एक-धार वाले थे, लेकिन उनमें से एक खास था. यह अर्धवृत्ताकार ब्लेड वाला चाकू था जिसे तुमी (Tumi) कहा जाता है. इस चाकू का इस्तेमाल सर्जरी और बलि प्रथा में किया जाता था. हालांकि बलि के लिए बड़े चाकू इस्तेमाल होते थे, जबकि सर्जन ट्रेपनेशन के लिए छोटे चाकू इस्तेमाल करते थे.
इसी तरह के औजार दक्षिण पेरू की पैराकास साइटों पर भी पाए गए थे. इनमें- सूए, चाकू, सुइयां और तुमी पाए गए थे. फर्क सिर्फ इतना था कि सिकन सर्जन कांसे के औजारों का इस्तेमाल करते थे और पैराकास सर्जन रेजर की तरह नुकीले ओब्सीडियोन ब्लेड का इस्तेमाल करते थे.
The occupant of this Peruvian tomb seems to have been a cranial surgeon.https://t.co/EiKFV7rrQU
— Ars Technica (@arstechnica) April 14, 2022
प्रभावशाली सर्वाइवल रेट
आर्कियोलॉजिकल रिकॉर्ड के आधार पर, इन मेडिकल सर्जरियों से वाकई में लोगों की जान बचाई गई. पेरू में पुरातत्वविदों को 800 लोगों के अवशेष मिले हैं, जो 4,000 साल पहले से लेकर स्पेनिश उपनिवेशीकरण तक के हैं. उनकी खोपड़ी बड़े करीने से ड्रिल की गई थी. या उसमें छेद किए गए थे. 2018 के एक अध्ययन में यूनिवर्सिटी ऑफ मियामी के स्कूल ऑफ मेडिसिन के प्रो. डेविड कुशनर ने पुरातत्वविदों की एक टीम के साथ सर्जिकल सर्वाइवल रेट के साक्ष्य के लिए उन खोपड़ियों की जांच की थी. उन्होंने पाया कि अमेरिकी सिविल वार के सर्जन जिन्होंने 800 साल बाद ट्रेपनेशन का अभ्यास किया था, उनकी तुलना में इंका काल के क्रेनियल सर्जनों ने दोगुने मरीजों को जीवित रखा था.
1000 CE से लगभग 1400 ईस्वी तक, 75 से 83 प्रतिशत क्रेनियल सर्जरी के मरीज़ इतने समय तक जीवित थे कि उनकी हड्डियों ने खुद के घावों को भरना शुरु कर दिया था. कुछ सर्जन दूसरों की तुलना में स्पष्ट रूप से बेहतर थे. कुशनर और उनके सहयोगियों ने बताया कि इस सर्जरी के बाद 91 प्रतिशत लोग जीवित बच जाते थे. जबकि अमेरिकी सिविल वार के दौरान सर्जन केवल 44 से 54 प्रतिशत लोगों को ही बचा पाए थे.
वे एक अच्छे डॉक्टर थे
कुशनर और उनके सहयोगियों के 2018 के अध्ययन में, जिन लोगों ने 400 और 200 ईसा पूर्व के बीच ट्रेपनेशन कराया था, उनके जीवित रहने की संभावना भी थी, लेकिन समय के साथ पेरू के पुराने सर्जनों ने एनाटॉमी और सर्जिकल तकनीकों के ज्ञान में सुधार किया. कुशनर के मुताबिक, कुशलता का पैमाना था छोटे छेद बनाना, ड्यूरा (मस्तिष्क को घेरने वाली झिल्ली) को छेदने से बचना और उन क्षेत्रों से बचना जिनमें भारी रक्तस्राव की संभावना होती थी.
950-1000 CE तक, जब हुआका लास वेंटानास में सिकन सर्जन ने अपने कौशल का अभ्यास किया, तो यह पेशा बेहद कुशल था. जितने धन के साथ सर्जन को दफनाया गया था, उससे साफ पता चलता है कि वे बेहद सम्मानित भी थे. उनकी कब्र के सामान में न केवल सर्जिकल उपकरण थे, बल्कि आंखों के चारों ओर पंखों वाला एक सुनहरा मुखौटा, एक बड़ा कांसे का कवच और सोने का पानी चढ़ा तांबे के कटोरे का एक सेट शामिल था.