1980 के दशक में नासा (NASA) का भेजा हुआ एक सैटेलाइट, जो अपनी सेवाएं देने के बाद रिटायर होकर अंतरिक्ष का कचरा बन गया था, 38 सालों के बाद आखिरकार रविवार देर रात पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करके, बेरिंग सागर में गिर गया.
अर्थ रेडिएशन बजट सैटेलाइट (ERBS) नाम के इस विशालकाय अर्थ ऑब्ज़र्वेशन सैटेलाइट का वजन 2,450 किलो था. इस सैटेलाइट ने बेरिंग सागर (Bering Sea) के ऊपर पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश किया था. वायुमंडल में प्रवेश करते ही इस सैटेलाइट के कुछ हिस्से जल गए, लेकिन कुछ तेज तापमान को भी सहन कर गए. नासा को उम्मीद थी कि वायुमंडल में प्रवेश करते ही इस सैटेलाइट का ज्यादातर हिस्सा जल जाएगा, लेकिन पूरा सैटेलाइट नहीं जला.
नासा ने 1984 में स्पेस शटल चैलेंजर (Challenger) पर ERBS सैटेलाइट लॉन्च किया था, ताकि यह अध्ययन किया जा सके कि पृथ्वी, सूर्य की ऊर्जा को कैसे अवशोषित और रेडिएट करती है. सैटेलाइट ने पृथ्वी के स्ट्रैटोस्फीयर (Stratosphere) और वायुमंडल की अन्य चीजें, जैसे- जल वाष्प, एरोसोल और नाइट्रोजन ऑक्साइड का भी अध्ययन किया.
ERBS नासा के तीन-सैटेलाइट वाले अर्थ रेडिएशन बजट एक्पेरिमेंट प्रोग्राम का हिस्सा था और इसे केवल दो सालों के लिए ही डिज़ाइन किया गया था, जो 1986 में खत्म हो गया था. लेकिन यह सैटेलाइट 2005 तक लगातार चलता रहा, इसके बाद नासा ने ऑर्बिट में ERBS को रिटायर कर दिया. रिटायर होने के बाद ये सैटेलाइट, सिर्फ 2.5 टन का एक स्पेस जंक बनकर रह गया था.
नासा का कहना है कि ERBS ने अपने अपेक्षित दो साल की सर्विस से भी ज्यादा समय काम किया. इसकी ऑब्ज़रवेशन ने शोधकर्ताओं की काफी मदद की है. जब यह स्पष्ट हो गया कि सैटेलाइट का अंतरिक्ष से गिरना तय है, तब नासा ने शुक्रवार देर रात ERBS सैटेलाइट के खत्म होने की घोषणा की. उस समय, नासा ने कहा कि मलबे से जमीन पर लोगों को चोट लगने का खतरा 9,400 में लगभग 1 था.
कक्षा में लगभग 40 साल तक रहने वाले ईआरबीएस मिशन के लिए, रीएंट्री पर जलना ही उपयुक्त था, लेकिन इससे यह भी पता चलता है कि अंतरिक्ष में और भी कितने खतरनाक कबाड़ के टुकड़े तैर रहे हैं जो कभी भी ऑर्बिट और फिर पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश कर सकते हैं.
A dead NASA satellite from the 1980s just fell to Earth to meet its fiery demise https://t.co/wB7E0BP1BW pic.twitter.com/CdkRplidAz
— SPACE.com (@SPACEdotcom) January 9, 2023
पिछले साल, चीन ने जुलाई और नवंबर में अपने तियांगोंग स्पेस स्टेशन के निर्माण में मदद के लिए दो लॉन्ग मार्च 5बी रॉकेट लॉन्च किए थे. इसकी वजह से पृथ्वी पर भारी मात्रा में मलबे की बारिश हुई थी. हर लॉन्च के बाद 23-टन रॉकेट कोर निकला था, जो अनियंत्रित होकर पृथ्व में प्रवेश कर गया था.