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ग्वाटेमाला के ज्वालामुखी ने आसमान पर गिराई बिजली, रिवर्स लाइटनिंग का Video वायरल

आमतौर पर आसमान से बिजली गिरती है. ग्वाटेमाला में एक ज्वालामुखी है, जिसने आसमान पर बिजली गिराई. यानी धरती से आसमान की तरफ. इसे रिवर्स लाइटिनिंग कहते हैं. इसका वीडियो बहुत तेजी से ट्विटर पर वायरल हो रहा है. कई ट्विटर हैंडल इसे ट्वीट कर चुके हैं.

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इस फोटो कॉम्बो में आप देख सकते हैं कि ग्वाटेमाला का ज्वालामुखी कैसे आसमान की तरफ बिजली फेंक रहा है.
इस फोटो कॉम्बो में आप देख सकते हैं कि ग्वाटेमाला का ज्वालामुखी कैसे आसमान की तरफ बिजली फेंक रहा है.

ग्वाटेमाला में एक ज्वालामुखी है, जो काफी भयानक है. एंटीगुआ शहर में मौजूद आकाटेनांगो (Acatenango Volcano) एक स्ट्रैटोवॉल्कैनो है. यानी इसमें जब भी विस्फोट होता है, इसकी राख स्ट्रैटोस्फेयर तक चली जाती है. यानी वायुमंडल में फैल जाती है. इस ज्वालामुखी का एक वीडियो ट्विटर पर वायरल हो रहा है. 

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आकाटेनांगो ज्वालामुखी के ऊपरी हिस्से के चारों तरफ मशरूम के आकार के बादल छाए हैं. एंटीगुआ शहर की सड़क पर लाइट्स जल रही है. यानी या तो वहां शाम का समय है, या फिर मौसम की वजह से अंधेरा है. ऐसे समय ज्वालामुखी की नोक से बिजली निकलने लगती है. ये बिजली ऑक्टोपस की तरह कई हिस्सों में बंटकर आसमान की ओर जाती है. यानी जमीन पर मौजूद ज्वालामुखी की तरफ से आसमान पर बिजली गिराई जा रही है. 

ये कुछ सेकेंड्स का वीडियो पिछले महीने का बताया जा रहा है. आकाटेनांगो ज्वालामुखी 3976 मीटर यानी 13,045 फीट ऊंचा है. इसके आसपास कई और ज्वालामुखी हैं, जिनकी वजह से इन्हें ट्रेस हरमानास यानी तीन बहनें कहा जाता है. हैरानी इस बात की है इस ज्वालामुखी का एक क्रेटर नहीं है. इसके ऊपर पांच या इससे ज्यादा जगहों से विस्फोट होता है. इस ज्वालामुखी में पिछले 2 लाख साल से विस्फोट होता आ रहा है. 

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इस ज्वालामुखी के दक्षिणी हिस्से में प्रशांत महासागर है. जबकि, उत्तर की तरफ ग्वाटेमाला के पहाड़ी इलाके हैं. आधुनिक इतिहास में इसके विस्फोट की जो जानकारी है, वो बेहद कम है. 1924 से 1927 के बीच इसमें कई विस्फोट हुए थे. इसके बाद 1972 में विस्फोट हुआ था. तब इसमें से निकली राख और लावा 25 किलोमीटर दूर तक गए थे. पर यहां पर मुख्य विस्फोट 1900 से 5000 साल के बीच हुआ था. 

जब भी यहां पर विस्फोट होता है, उनसे इसके लावे और कचरे का एवलांच बनता है. यहां पर प्राचीन विस्फोट से बना सबसे लंबा एवलांच 50 किलोमीटर लंबा था. इसकी वजह से करीब 300 वर्ग किलोमीटर का इलाका घेरा हुआ है. हैरानी की बात ये है कि आकाटेनांगो ज्वालामुखी की जो घाटी है, वहां पर कॉफी का उत्पादन काफी ज्यादा होता है. सबसे ज्यादा कॉफी का उत्पादन घाटी से लगे एनाकैफे इलाके में होती है. 

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