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सूरज के पास जा रहे आदित्य-L1 से जुड़ा बड़ा अपडेट आया, ISRO ने दूसरी बार किया ये कारनामा

इसरो ने बताया कि आदित्य L1 अब तक 9.2 लाख किमी की दूरी तय कर चुका है और सन प्वॉइन्ट L1 को तलाश रहा है. आदित्य L1 ने पृथ्वी के प्रभाव वाले क्षेत्र से सफलतापूर्वक बचकर यह दूरी तय की है. यह लगातार दूसरी बार है, जब इसरो पृथ्वी के प्रभाव क्षेत्र के बाहर अंतरिक्ष यान भेजने में सफल हुआ है.

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आदित्य L-1 मिशन (फाइल फोटो)
आदित्य L-1 मिशन (फाइल फोटो)

इसरो अंतरिक्ष में लगातार सफलता के झंडे गाड़ रहा है. शनिवार को अंतरिक्ष से एक और गुड न्यूज आई है, जिसे इसरो ने अपने X हैंडल से शेयर किया है. खुशखबरी आदित्य मिशन को लेकर है. भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी (ISRO) ने अपने सूर्य मिशन आदित्य L1 को लेकर बड़ा अपडेट दिया है.

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इसरो ने बताया कि आदित्य L1 अब तक 9.2 लाख किमी की दूरी तय कर चुका है और सन प्वॉइन्ट L1 को तलाश रहा है. आदित्य L1 ने पृथ्वी के प्रभाव वाले क्षेत्र से सफलतापूर्वक बचकर यह दूरी तय की है. यह लगातार दूसरी बार है, जब इसरो पृथ्वी के प्रभाव क्षेत्र के बाहर अंतरिक्ष यान भेजने में सफल हुआ है. पहली बार मार्स ऑर्बिटर मिशन (मंगलयान) ऐसा था जिसे पृथ्वी के प्रभाव क्षेत्र से बाहर भेजा जा सका था.

लैरेंज पॉइंट वन तक बढ़ चुका है आदित्य एल-1
बता दें कि 19 सितंबर को सामने आए अपडेट के मुताबिक, आदित्य-एल1 (Aditya-L1) सूर्य मिशन धरती और सूरज के बीच मौजूद लैरेंज प्वाइंट 1 की तरफ बढ़ चुका था. यानी उसका ट्रांस लैरेंजियन प्वाइंट 1 इंसर्शन (TLI1) किया जा चुका है. अब आदित्य को सिर्फ 110 दिनों तक अंतरिक्ष में यात्रा करते जाना है.

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इसके बाद ही वह L1 प्वाइंट पर पहुंचेगा. इस पर मॉरशिस, बेंगलुरु के ISTRAC, श्रीहरिकोटा के SDSC-SHAR और पोर्ट ब्लेयर के इसरो सेंटर से निगरानी की गई थी. इससे पहले आदित्य ने अपनी तरफ से कुछ डेटा भेजा था. जो इसके STEPS यंत्र ने कलेक्ट किया था. इस यंत्र ने सुपरथर्मल-एनर्जेटिक आयंस और इलेक्ट्रॉन्स को 50 हजार किलोमीटर दूर से स्टडी करना शुरू कर दिया है. इससे वैज्ञानिकों को ये मदद मिलेगी कि ये कण धरती पर क्या असर डालते हैं. वो स्टडी कर पाएंगे.

फरवरी में मिलेगी सूरज की पहली तस्वीर 
आदित्य-L1 से सूरज की पहली तस्वीर फरवरी या मार्च में मिलेगी. VELC को इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स ने बनाया है. इसरो के सूर्य मिशन में लगा VELC सूरज की HD फोटो लेगा. L1 तक की यात्रा पूरी करने के बाद आदित्य के सारे पेलोड्स ऑन किए जाएंगे. यानी उसमें जितने भी यंत्र लगे हैं, वो एक्टिव हो जाएंगे. वो सूरज की स्टडी शुरू कर देंगे. लेकिन बीच-बीच में उनके सलामती की जांच के लिए उन्हें एक्टिव किया जा सकता है. यह देखने के लिए वो ठीक से काम कर रहे हैं या नहीं. 

कौन-कौन से पेलोड्स जा रहे हैं आदित्य के साथ? 
PAPA यानी प्लाज्मा एनालाइजर पैकेज फॉर आदित्य ... यह सूरज की गर्म हवाओं में मौजूद इलेक्ट्रॉन्स और भारी आयन की दिशाओं और उनकी स्टडी करेगा. कितनी गर्मी है इन हवाओं में इसका पता करेगा. साथ ही चार्ज्ड कणों यानी आयंस के वजन का भी पता करेगा. SUIT यानी सोलर अल्ट्रावायलेट इमेजिंग टेलिस्कोप... यह एक अल्ट्रावायलेट टेलिस्कोप है. यह सूरज की अल्ट्रावायलेट वेवलेंथ की तस्वीरे लेगा. साथ ही सूरज के फोटोस्फेयर और क्रोमोस्फेयर की तस्वीरें लेगा. यानी नैरो और ब्रॉडबैंड इमेजिंग होगी.

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