युवा चूहे के मल (Poop) को बूढ़े चूहे में ट्रांसप्लांट (Transplant) करने की बात आपको भले ही अजीब लगे, लेकिन यह शत-प्रतिशत शोध पर आधारित है. इस शोध से पता चला है कि ऐसा करने से बूढ़े चूहे वापस जवान हो गए. युवा चूहों से पुराने चूहों में फीकल माइक्रोब्स (Fecal Microbes) के ट्रांसप्लांट से बूढ़े चूहों की आंत, आंखों और दिमाग में युवा चूहों जैसी क्षमताएं आ गईं.
इतना ही नहीं, जब बूढ़े चूहों के फीकल माइक्रोब्स को युवा चूहों में ट्रांसप्लांट किया गया तो, आश्चर्यजनक रूप से युवा चूहों में बूढ़े चूहों जैसे लक्षण आने लगे. इसमें दिमाग में सूजन बढ़ गई, और सामान्य दृष्टि के लिए ज़रूरी प्रोटीन में भी कमी पाई गई.
यह जवान बनने का कोई नुस्खा नहीं है, लेकिन जैसे-जैसे हम बड़े होते हैं, हम स्वाभाविक रूप से कमजोर होते जाते हैं और हमारी आंते पहले जैसी नहीं रहतीं. इन प्रयोगों से पता चलता है कि आंत को लेकर बहुत कुछ किया जा सकता है. हालांकि, अभी तक केवल चूहों की आंत पर ही टेस्ट किया गया है.
माइक्रोबायोम (Microbiome) में प्रकाशित हुए इस शोध में लिखा है कि हमने इस परिकल्पना का टेस्ट किया है कि आंतों के माइक्रोबायोटा (Microbiota) में हेरफेर करने से, उम्र से जुड़ी बीमारियों के बढ़ने पर असर पड़ता है. खासकर मस्तिष्क और रेटिना पर असर डालने वाली सूजन.
जब मल के रोगाणुओं (Poo microbes) को युवा चूहों से बूढ़े चूहों में ट्रांसप्लांट किया गया, तो इस सूजन खत्म होने लगी. जब ट्रांसप्लांट को उलट दिया गया, यानी बूढ़े चूहों से युवा चूहों में ट्रांसप्लांट किया गया, तो युवा चूहों में आंत की उम्र बढ़ने और सूजन के लक्षण दिखाई देने लगे.
इन लक्षणों में, आंत की परत में असर पड़ता दिखाई दिया जिससे बैक्टीरिया रक्त में जा सकता है, रेटिनल डिजनरेशन (Retinal Degeneration) से जुड़े प्रोटीन का ऊंचा स्तर मिला और प्रतिरक्षा कोशिकाएं (Immune Cells) भी अति-सक्रिय दिखाई दीं.
Effects of Aging Have Been Reversed by Putting Young Mouse Poop in Old Mice https://t.co/VFaArNADAR
— ScienceAlert (@ScienceAlert) May 6, 2022
वैज्ञानिक हमें यह समझाने की कोशिश कर रहे हैं कि हमारी आंत हमारे स्वास्थ्य से जुड़ी है, चाहे वह मानसिक स्वास्थ्य हो या शारीरिक स्वास्थ्य.