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Agni-P Missile: जल्द होगा भारत की खतरनाक मिसाइल का परीक्षण! एक साथ कई टारगेट पर कर सकती है हमला

भारत बहुत जल्द एक ऐसी परमाणु मिसाइल का टेस्ट करने जा रहा है, जो एक साथ दुश्मन के कई टारगेट को तबाह कर सकती है. इस मिसाइल का नाम है अग्नि-प्राइम. अग्नि सीरीज की मिसाइलों में से ये बेहद घातक, आधुनिक और मीडियम रेंज की बैलिस्टिक मिसाइल हैं. आइए जानते हैं कि इस मिसाइल से देश की ताकत कितनी बढ़ेगी?

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ये है अग्नि-प्राइम मिसाइल. (फाइल फोटोः DRDO)
ये है अग्नि-प्राइम मिसाइल. (फाइल फोटोः DRDO)

भारत की स्ट्रैटेजिक फोर्सेस कमांड अगले 10-15 दिनों के अंदर अपनी खतरनाक परमाणु मिसाइल की टेस्टिंग कर सकता है. टेस्ट ओडिशा के बालासोर स्थित डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम आइलैंड से होने की संभावना है. जिसके लिए 18 या 19 मई को बंगाल की खाड़ी में नो फ्लाई जोन (NOTAM) घोषित हो सकता है. संभवतः अग्नि-प्राइम (Agni-Prime) मिसाइल का परीक्षण हो सकता है. यह एक मीडियम रेंज की बैलिस्टिक मिसाइल है. 

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इसे अग्नि-पी (Agni-P) के नाम से भी बुलाते हैं. आइए जानते हैं कि आखिरकार इस मिसाइल की खासियत क्या है? यह अग्नि सीरीज की नई पीढ़ी की मिसाइल है. जिसकी रेंज एक से दो हजार किलोमीटर है. 34.5 फीट लंबी मिसाइल पर एक या मल्टीपल इंडेपेंडटली टारगेटेबल रीएंट्री व्हीकल (MIRV) वॉरहेड लगा सकते हैं. 

Agni Prime Missile

MIRV यानी एक ही मिसाइल से कई टारगेट्स पर हमला किया जा सकता है. यह मिसाइल उच्च तीव्रता वाले विस्फोटक, थर्मोबेरिक या परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है. मिसाइल की नाक पर 1500 से 3000 किलोग्राम वजन के वॉरहेड लगाए जा सकते हैं. यह दो स्टेज के रॉकेट मोटर पर चलने वाली मिसाइल है. 

तीसरा स्टेज यानी दुश्मन की मौत का सामान

तीसरा स्टेज MaRV है यानी मैन्यूवरेबल रीएंट्री व्हीकल. यानी तीसरे स्टेज को दूर से नियंत्रित करके दुश्मन के टारगेट पर सटीक हमला किया जा सकता है. इसे बीईएमएल-टट्रा ट्रांसपोर्टर इरेक्टर लॉन्चर से दागा जाता है. इसे तब बनाया गया जब चीन ने डीएफ-12डी और डीएफ-26बी मिसाइलें बनाईं. इसलिए भारत ने एरिया डिनायल वेपन के तौर पर इस मिसाइल को बनाया. 

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बाकी अग्नि मिसाइलों से हल्की है अग्नि-प्राइम

जानकारी मिली है कि अग्नी-I एक सिंगल स्टेज मिसाइल थी, वहीं अग्नि प्राइम की दो स्टेज होती हैं. अग्नि प्राइम का वजन इसके पिछले वर्जन से हल्का भी है. 4 हजार किलोमीटर की रेंज वाली अग्नि-IV और पांच हजार किलोमीटर की रेंज वाली अग्नि-V से इसका वजन हल्का है. बता दें कि अग्नि-I का 1989 में परीक्षण किया गया था. फिर 2004 से इसे सेना में शामिल किया गया. उसकी रेंज 700-900 किलोमीटर के बीच थी.

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