Chandrayaan-3 की सफल लॉन्चिंग के बाद एक बार फिर भारत का नाम स्पेस इंडस्ट्री में ऊंचा होने वाला है. चेन्नई की निजी स्पेस कंपनी अग्निकुल कॉसमॉस (AgniKul Cosmos) का रॉकेट अग्निबाण सबऑर्बिटल टेक्नोलॉजिकल डेमॉन्सट्रेटर (Agnibaan SOrTeD) आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में लॉन्च के लिए तैयार है.
लॉन्चिंग सतीश धवन स्पेस सेंटर (Satish Dhawan Space Centre) से होगी. इस रॉकेट को इंटीग्रेट करने की प्रक्रिया 15 अगस्त से शुरू हुई थी. अगर यह रॉकेट सफलतापूर्वक धरती के लोअर अर्थ ऑर्बिट में पहुंचता है, तो अग्निकुल देश की दूसरी निजी रॉकेट भेजने वाली कंपनी बन जाएगी. इसके पहले स्काईरूट एयरोस्पेस (Skyroot Aerospace) ने अपना रॉकेट भेजा था.
अग्निबाण रॉकेट सिंगल स्टेज का रॉकेट है. जिसके इंजन का नाम है अग्निलेट इंजन. यह इंजन पूरी तरह से थ्रीडी प्रिंटेड है. यह 6 किलोन्यूटन की ताकत पैदा करने वाला सेमी-क्रायोजेनिक इंजन है. इस रॉकेट को पारंपरिक गाइड रेल से लॉन्च नहीं किया जाएगा. यह वर्टिकल लिफ्ट ऑफ करेगा. पहले से तय मार्ग पर जाएगा. रास्ते में ही तय मैन्यूवर करेगा.
लॉन्च सफल हुआ तो इन चीजों की पुष्टि होगी
अग्निकुल के सह-संस्थापक और सीईओ श्रीनाथ रविचंद्रन ने बताया कि यह एक सबऑर्बिटल मिशन है. अगर यह सफल होता है, तो हम यह जांच पाएंगे कि हमारा ऑटोपॉयलट, नेविगेशन और गाइडेंस सिस्टम सहीं से काम कर रहे हैं या नहीं. साथ ही हमें लॉन्चपैड के लिए किस तरह की तैयारी करनी हो वो भी पता चल जाएगा.
ISRO इस लॉन्च के लिए अग्निकुल की मदद कर रहा है. उसने श्रीहरिकोटा में एक छोटा लॉन्च पैड बनाया है. जो अन्य लॉन्च पैड से करीब 4 किलोमीटर दूर है. यह लॉन्च पैड स्टेट-ऑफ-द-आर्ट टेक्नोलॉजी से लैस है. यहां से निजी कंपनियों के वर्टिकल टेकऑफ करने वाले रॉकेट्स को लॉन्च किया जा सकता है.
Humbled to have had the opportunity to bring our Agnibaan SOrTeD vehicle to our Launchpad at SDSC-SHAR on Independence Day to commence integration checks. We thank @isro and @INSPACeIND for their continuous encouragement and support in getting us this far. (1/n) pic.twitter.com/LvcTgxP5XT
— AgniKul Cosmos (@AgnikulCosmos) August 17, 2023
इस कंपनी में लगा है आनंद महिंद्रा का पैसा
देश के जाने-माने उद्योपति आनंद महिंद्रा ने अग्निकुल कॉसमॉस की फंडिंग की है. अग्निकुल एक स्पेस स्टार्टअप है जिसे कुछ युवाओं ने मिलकर बनाया है. आनंद महिंद्रा ने करीब 80.43 करोड़ रुपए की फंडिंग की है. इस प्रोजेक्ट में आनंद महिंद्रा के अलावा पाई वेंचर्स, स्पेशल इन्वेस्ट और अर्थ वेंचर्स ने भी निवेश किया है.
अग्निकुल कॉसमॉस की शुरुआत साल 2017 में हुई थी. इसे चेन्नई में स्थापित किया गया. इसे श्रीनाथ रविचंद्रन, मोइन एसपीएम और आईआईटी मद्रास के प्रोफेसर एसआर चक्रवर्ती ने मिलकर शुरू किया था. अग्निबाण 100 किलोग्राम तक के सैटेलाइट्स को धरती की निचली कक्षा में स्थापित करने में सक्षम है.