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ब्रिटिश संसद में बोलते-बोलते सो गई ह्यूमनाइड रोबोट, आंखें जॉम्बी की तरह हो गईं, रिबूट करना पड़ा

ब्रिटेन की संसद में एक खास मेहमान का संबोधन हो रहा था. ये मेहमान थीं ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों द्वारा विकसित एक ह्युमनाइड रोबोट. कलात्मक कृतियां बनाने में सक्षम इस रोबोट से सवाल पूछा गया कि क्या आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से इंसानों की कला जगत को कोई खतरा है.

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ब्रिटेन की संसद में रोबोट का संबोधन (फोटो-Twitter/@aidarobot)
ब्रिटेन की संसद में रोबोट का संबोधन (फोटो-Twitter/@aidarobot)

ब्रिटेन की संसद में मंगलवार को एक विशेष मेहमान दिखी. ये मेहमान ब्रिटिश सांसदों को विज्ञान की दुनिया की अनूठी क्रांति आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर संबोधित कर रही थी. हालांकि इस संबोधन के दौरान तब अजीबोगरीब स्थिति आ गई जब इस रोबोट को मेजबानों से बात करते करते नींद आ गई और इस वजह से इसकी आंखें डरावनी जॉम्बी जैसी हो गईं. दरअसल ये एक तकनीकी खामी थी जिसे तुरंत ठीक कर लिया गया.  

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AI-DA नाम की ये इंसानों जैसी दिखने वाली रोबोट को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने विकसित किया है. इस रोबोट का नाम ब्रिटेन के गणितज्ञ एडा लवलेस के नाम पर रखा गया है. ब्रिटेन की संसद ने इस रोबोट के सामने जो सवाल रखा वो भी काफी सम सामयिक और जरूरी था. ब्रिटिश संसद ने इस रोबोट से पूछा कि क्या आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्रिएटिव इंडस्ट्री के लिए कोई खतरा पैदा कर रहा है?

इस रोबोट को दुनिया का पहला अल्ट्रा रियलिस्टिक आर्टिफिशियल ह्युमनाइड रोबोट आर्टिस्ट कहा जाता है. लड़कियों जैसा चेहरा, डेनिम कपड़े, खुली बाहें और विग लगाए जब इस रोबोट ने इंटरनेट के जरिए ब्रिटिश संसद को संबोधित करना शुरू किया तो इसने कहा कि 'मैं कम्प्यूटर प्रोग्राम और एलगोरिद्म से चलती हूं और कलात्मक चीजें बना सकती हूं. 

 

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इस कार्यक्रम का आयोजन हाउस ऑफ लॉर्ड्स कम्यूनिकेशन एंड डिजिटल कमेटी ने किया था. AI-DA से कम्यूनिकेशन और डिजिटल कमेटी के सदस्यों ने सवाल पूछा कि क्या आर्टिफिशिल इंटेलिजेंस के विकसित होने से मनुष्य की सृजनात्मक क्षमता पर असर पड़ा है. इस संबोधन के दौरान इस रोबोट में तकनीकी खराबी आई गई और उसकी आंखें तिरछी हो गई, इस दौरान इस रोबोट का चेहरा जॉम्बी जैसा हो गया था. 

इसके बाद इस रोबोट को बनाने वाले एडेन मेलर ने इसे रीबूट किया, इसे चश्मा पहनाया तब आगे का संबोधन चालू हुआ.  हाउस ऑफ लॉर्ड्स कम्यूनिकेशन एंड डिजिटल कमेटी ने AI-DA से पूछा कि तुम कलात्मक कृतियां कैसे बनाती हो और इंसानों द्वारा बनाई गई चीजों से ये कैसे अलग है? 

इस पर AI-DA ने कहा, "मैं अपने आंखों में लगे कैमरे से, अपने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और रोबोटिक ऑर्म्स से कैनवस पर पेंटिंग कर सकती हूं, ये तस्वीरें काफी आकर्षक होती हैं. " AI-DA ने कहा कि हालांकि मुझे इन चीजों का सब्जेक्टिव एक्सपीरियंस नहीं है इसलिए मैं इसे बनाने के लिए कम्प्यूटर प्रोग्राम्स और एलगोरिद्म पर निर्भर हूं, लेकिन मैं कलात्मक चीजे बना सकती हूं.  

इस रोबोट ने यूके की संसद को बताया, कला बनाने में प्रौद्योगिकी की भूमिका बढ़ती रहेगी. जिस तरह से हम आर्ट बनाते हैं उस पर तकनीक का पहले से ही बहुत प्रभाव पड़ा है।

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कलात्मक कृति क्या है? इस बारे में बात करते हुए, AI-DA ने कहा, कला कई चीजें हो सकती है, पेंटिंग से लेकर ड्राइंग या कविता तक. मेरे कला अभ्यास में ये सभी चीजें शामिल हैं. क्योंकि आर्ट अक्सर आपकी व्याख्या पर निर्भर करता है, इसमें दर्शकों की भूमिका महत्वपूर्ण होती है.
 

 

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