आकाशगंगा (Galaxy) की उत्पत्ति के बारे में शोध कर रहे खगोल भौतिकविदों (Astrophysicists) ने शायद हमारी आकाशगंगा के 'दिल' को खोज लिया है. यह दिल यानी प्राचीन न्यूक्लियस, जिसके चारों ओर इसके सभी तारे और ग्रह विकसित हुए हैं.
धनु नक्षत्र (Constellation Sagittarius) में स्थित हमारी आकाशगंगा के सबसे पुराने तारों में से 18,000, आकाशगंगा के प्रोटोगैलेक्सी से हैं. यह युवा आकाशगंगा के शुरुआती तारों को बनाने वाली गैस और धूल का एक मुख्य पुंज है, जो 1250 करोड़ सालों से भी ज्यादा पुराना है.
शोधकर्ताओं ने पाया कि यह हमारी आकाशगंगा के कुल द्रव्यमान का अनुमानित 0.2% है. इस ग्रुप के चारों ओर आकाशगंगा विकसित हुई है. शोध के नतीजे प्रीप्रिंट सर्वर arXiv में प्रकाशित किए गए हैं और अभी इसका पियर रिव्यू होना बाकी है.
तारों के इस प्राचीन ग्रुप की खोज करने के लिए, खगोलविदों ने यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) की गैया ऑब्ज़रवेटरी (Gaia observatory) के डेटा पर फोकस किया. यह 1,630 किलो का स्पेसक्राफ्ट है जिसे 2013 में लॉन्च किया गया था. इसका लक्ष्य मिल्की वे का सबसे डीटेल और सटीक नक्शा बनाना था.
जर्मनी के हीडलबर्ग में मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट फॉर एस्ट्रोनॉमी के खगोलशास्त्री और शोध के मुख्य लेखक हैंस-वाल्टर रिक्स (Hans-Walter Rix) का कहना है कि लंबे समय से ये माना जाता रहा है कि सबसे पुराने तारे आकाशगंगा के एकदम केंद्र में हैं. हमने अब उन्हें बड़ी संख्या में दिखाया है.
हमारी आकाशगंगा के प्राचीन दिल की खोज सबसे ज्यादा भीड़-भाड़ वाले क्षेत्र के साथ शुरू हुई, जो इसका केंद्रीय उभार है. इसमें सबसे छोटे तारों की उम्र आकाशगंगा के समान ही है जो 1300 करोड़ साल पुरानी है.
आकाशगंगा में कम धातु के तारे भी छोटी आकाशगंगाओं (Dwarf galaxy) से आए होंगे, जो जीवन भर हमारी आकाशगंगा में टूटती और विलीन हो जाती थीं. शोधकर्ताओं ने अंतरिक्ष में इन तारों के पथ की जांच की और केवल उनपर ध्यान दिया जो आकाशगंगा के कम धातु वाले क्षेत्रों में नहीं गए थे. ऐसे करके शोधकर्ता उन तारों को अलग कर पाए, जिन्होंने छोटी गैलैक्सी से आए तारों से आकाशगंगा का प्राचीन दिल बनाया था.
शोधकर्ताओं के मुताबिक, इन तारों की आबादी हमारे सूर्य से 5 से 20 करोड़ गुना विशाल है. भारी तारे, छोटे तारों की तुलना में तेजी से मरते हैं, बाकी बचे तारे सूर्य से औसतन करीब 1.5 गुना हल्के होते हैं. ये तारे एक बार जन्म लेने के बाद कुल तारकीय द्रव्यमान का लगभग आधा हिस्सा बनाते हैं. इसलिए करीब आधे तारे आज तक जीवित हैं.
Mysterious 'ancient heart' of the Milky Way discovered using Gaia probe https://t.co/KV8mxy35uR pic.twitter.com/XbcMPMpCG3
— SPACE.com (@SPACEdotcom) October 14, 2022
इस प्राचीन दिल के मिलने से एक और बात सामने आई, वह यह कि छोटी आकाशगंगाओं के साथ कई बार विलय होने के बावजूद, आकाशगंगा के केंद्र में सितारों का घना समूह बताता है कि इसके कोर पर अन्य आकाशगंगाओं के टकराने का कोई असर नहीं पड़ा.