2003 में पुरातत्वविद एशिया से ऑस्ट्रेलिया में आधुनिक मनुष्यों के प्रवास के सबूतों की खोज कर रहे थे. इस दौरान इंडोनेशिया के फ्लोर्स आइलैंड (Flores Island) पर उन्हें विलुप्त हो चुकी मानव प्रजाति का एक छोटा, लेकिन करीब-करीब पूर्ण कंकाल मिला, जिसे होमो फ्लोरेसेंसिस (Homo floresiensis) के नाम से जाना गया. इस प्रजाति का ज़िक्र जेआरआर. टॉल्केन की किताब 'द हॉबिट' में भी किया गया है.
पहले माना गया था कि यह प्रजाति करीब 12,000 साल पहले तक जीवित रही थी, लेकिन दौबारा शोध करने पर पता लगा कि ये करीब 50,000 साल पहले जीवित थी. लेकिन अलबर्टा यूनिवर्सिटी में मानव विज्ञान के रिटायर्ड प्रोफेसर का कहना है कि प्रजातियों के अस्तित्व को अनदेखा किया गया होगा और हो सकता है कि हॉबिट आज भी जीवित हों, या कम से कम लोगों की यादों में तो हों ही.
प्रोफेसर ग्रेगरी फोर्थ (Gregory Forth) का तर्क है कि जीवाश्म विज्ञानियों और अन्य वैज्ञानिकों ने फ्लोर्स के जंगलों में रहने वाले 'एप-मैन' (Ape Man) की जानकारी को अनदेखी किया है. फोर्थ ने अपनी आने वाली किताब 'एप एंड ह्यूमन' में लिखा है कि आइलैंड पर इन प्रजातियों को 30 से ज्यादा चश्मदीदों द्वारा देखा गया है, जिनमें से सभी से उन्होंने सीधे बात की थी. उनसे बातचीत के बाद वे इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि एक गैर-सेपियन्स होमिनिन, फ्लोर्स आइलैंड पर हाल के दिनों में जीवित रहा है.
उन्होंने लिखा है कि द्वीप में रहने वाले स्थानीय लियो लोगों के जीवन में, मनुष्यों के जानवरों में बदलने की कहानियां शामिल हैं. उनके फील्डवर्क से पता चलता है, इस तरह के बदलाव पैतृक प्रजातियों और इसके वंशजों के बीच के अंतर को दर्शाते हैं. उन्होंने बताया कि लियो इन प्राणियों को जानवर मानते हैं. क्योंकि मनुष्यों की तरह, न उनके पास भाषा है और न ही तकनीक. लेकिन महत्वपूर्ण यह है कि मनुष्यों से उनकी सामनता का जिक्र किया गया है.
Anthropologist Believes Ancient Human Species Might Still Be Alive In The Forests Of Flores Islandhttps://t.co/FvnUROQJHI
— IFLScience (@IFLScience) December 27, 2022
अभी तक एच.फ्लोरेसेंसिस के बारे में हम निश्चित तौर पर यह जानते हैं कि ये 50,000 साल पहले जीवित थे. लेकिन फोर्थ का कहना है कि होमिनिन के विकास की जांच में स्थानीय जानकारी और ज्ञान को भी शामिल किया जाना चाहिए. वे कहते हैं कि 'हम मान सकते हैं कि फ्लोर्स के मौजूदा एप मैन पूरी तरह से काल्पनिक हैं, लेकिन, लियो लोगों ने जो कुछ कहा, अगर मैं उसे गंभीरता से लूं तो मेरा ये सोचना स्वाभाविक है.'