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सूरज में हो गया विशालकाय छेद, चौड़ाई 60 धरती के बराबर... हमारी तरफ फेंक रहा है सुपरफास्ट गर्म सौर लहरें

सूरज की सतह में एक बहुत बड़ा छेद हो गया है. इसकी चौड़ाई 8 लाख किलोमीटर है. यानी इसमें 60 पृथ्वी समा जाए. डरावनी बात ये है कि इस छेद से सुपरफास्ट सौर लहरें धरती की तरफ आ रही हैं. तीव्र रेडिएशन वाली लहरें तेजी से पृथ्वी की तरफ आ रही हैं. वैज्ञानिक भी अचानक बने इतने बड़े छेद से हैरान हैं.

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ये NASA की ओर जारी की गई तस्वीर है, जिसमें बताया गया है कि कहां पर सूरज में छेद हुआ है. और वह कितना बड़ा है.
ये NASA की ओर जारी की गई तस्वीर है, जिसमें बताया गया है कि कहां पर सूरज में छेद हुआ है. और वह कितना बड़ा है.

वैज्ञानिकों को सूरज पर एक बहुत बड़ा छेद दिखा है. यह सूरज की भूमध्यरेखा पर बना है. इसकी खोज 2 दिसंबर 2023 को हुई है. लेकिन यह 24 घंटे में तेजी से फैलते हुए 8 लाख किलोमीटर चौड़ा हो गया. यानी इतनी चौड़ाई में 60 धरती समा जाए. वैसे तो यह अस्थाई छेद है. लेकिन वैज्ञानिक इसके अचानक बनने से हैरान-परेशान हैं. 

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इस छेद से भयानक स्तर का रेडिएशन निकल रहा है. जो तेजी से धरती की तरफ आ रहा है. इस छेद को कोरोनल होल (Coronal Hole) कहते हैं. 24 घंटे तक फैलने के बाद इस छेद की दिशा अगले 24 घंटे में यानी 4 दिसंबर को धरती की तरफ हो गई. यानी यह छेद सीधे धरती की तरफ देख रहा है. 

Coronal Hole In Sun

कोरोनल होल्स तब बनते हैं कि सूरज को एक ही जगह पर थामे रखने वाली मैग्नेटिक फील्ड अचानक से फट पड़ती है. तो गैप वाली जगह पर गहरे रंग का छेद हो जाता है. यानी सूरज की सतह पर जो गर्म हीलियम रिएक्ट कर रहा होता है, वो थोड़ी देर के लिए उस जगह से हट जाता है. इस छेद से फिर तेजी से भयानक सुपरफास्ट रेडिएशन निकलता है. 

सौर हवा से तेज निकलता है इस छेद से निकलने वाला रेडिएशन

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ये सूरज की चमकती सतह पर काले रंग के धब्बों की तरह दिखते हैं. जिन्हें सनस्पॉट कहते हैं. लेकिन ये आपको खुली आंखों से नहीं दिखाई पड़ते. इन्हें देखने के लिए अल्ट्रावॉयलेट लाइट का सहारा लेना पड़ता है. इन डार्क स्पॉट से निकलने वाली रेडिएशन साधारण सोलर विंड यानी सौर हवा से कई गुना तेज चलती है. 

Coronal Hole In Sun

हो सकता है रेडियो ब्लैकआउट और ध्रुवों पर दिखेंगे नॉर्दन लाइट्स

पिछली बार इस साल मार्च में इस तरह का छेद बना था. वहां से रेडिएशन निकल कर धरती तक आया था. यह छह साल में आया सबसे भयानक जियोमैग्नेटिक तूफान था. इस छेद से G2 स्तर का जियोमैग्नेटिक तूफान आ सकता है. इसकी वजह से धरती पर रेडियो ब्लैकआउट हो सकता है. या फिर अगले कुछ दिनों में ध्रुवों पर अरोरा (Aurora) देखने को मिल सकता है. इन्हें नॉर्दन लाइट्स (Northern Lights) भी कहते हैं. 

कितने दिन तक रहेगा कोरोनल होल, ये वैज्ञानिकों को नहीं पता है

अभी यह नहीं पता है कि यह कोरोनल होल कितने दिनों तक सूरज की सतह पर बना रहेगा. लेकिन पिछली बार जो कोरोनल होल बना था वह 27 दिनों तक सूरज पर जिंदा था. लेकिन NASA की भविष्यवाणी है कि जल्द ही यह छेद अपनी जगह बदल कर धरती से अलग दिशा में चला जाएगा. इसका फायदा पृथ्वी को होगा. 

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