नवंबर की एक तूफानी शाम को, एक विशाल मालवाहक जहाज का लंगर टूट गया और धीरे-धीरे तैरकर वह ब्राजील की गुआनाबारा खाड़ी के पास बने विशालकाय कंक्रीट पुल के पास तैरने लगा. यह पुल ब्राजील की गुआनाबारा खाड़ी से रियो डी जनेरियो के बीच में पड़ता है.
करीब 660 फ़ीट लंबे इस मालवाहक जहाज़ का नाम है साओ लुइज़ (Sao Luiz) है. 90 के दशक में इस जहाज का इस्तेमाल सामान परिवहन के लिए किया जाता था और अब इसमें जंग लग चुका है. नौसेना के स्थानीय अफसरों ने बताया कि ये जहाज़ लंबे समय से एक कानूनी पचड़े में फंसा हुआ है और पिछले करीब 6 सालों से खाड़ी में लंगर डाले हुए था. नौसेना के अफ़सरों ने बताया कि यह एक दुर्घटना का शिकार हो गया था और अब इस मामले की जांच की जा रही है.
एक स्थानीय सोशियो इनवॉयरमेंटल ग्रुप ('लिविंग बे मूवमेंट' (Movimento Baia Viva) के सह-संस्थापक सर्जियो रिकार्डो (Sergio Ricardo) का कहना है कि साओ लुइज़ अब भी करीब 50 टन तेल के साथ रियो बंदरगाह पर खड़ा है. जहाज़ में जंग लग चुका है और अब यह किसी पर्यावरणीय आपदा की वजह बन सकता है.
अब सवाल यह उठता है कि तेल से लदा इतना बड़ा जहाज़ कोई ऐसे ही कैसे छोड़ सकता है. दरअसल इस तरह के जहाज़ वित्तीय और कानूनी समस्याओं की वजह से छोड़े जाते हैं.
साओ लुइज़ का नाम भी अब उन दर्जनों जहाजों में शामिल हो चुका है जिन्हें ब्राजील की गुआनाबारा खाड़ी में छोड़ दिया गया है और जो जंग से बर्बाद हो गए हैं. बेहद प्रदूषित हो चुकी ये खाड़ी कभी विशाल मैंग्रोव (mangroves) और असंख्य समुद्री जीवों का घर थी.
यहां जहाजों के कब्रिस्तान (graveyard of ships) की वजह से लगातार बढ़ रहे प्रदूषण से मैंग्रोव अब बहुत कम हो गए हैं. साथ ही, स्थानीय समुद्री घोड़े (sea-horses), हरे कछुए (green turtles) और सिर्फ़ रियो डी जनेरियो में पाई जानी वाली गुयाना डॉल्फ़िन (Guiana dolphins) के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है.
इस साल, रियो डी जनेरियो स्टेट यूनिवर्सिटी (Rio de Janeiro State University) के एक सर्वे में पाया गया कि अब सिर्फ़ 34 गुयाना डॉल्फ़िन खाड़ी में रह गईं हैं, जबकि 1990 के दशक में, यहां 800 से ज़्यादा गुयाना डॉल्फ़िन पाई जाती थीं.
रिकार्डो का अनुमान है कि यहां पाए जाने वाले समुद्री जीव और यहां से गुजरने वाले जहाजों पर, इन पुराने जहाजों का बहुत बुरा असर पड़ता है. उन्होंने बताया कि इस खाड़ी में लगातार बढ़ रहे प्रदूषण की वजह हर साल अरबों का नुकसान होता है.
On a stormy evening in mid-November, a huge, abandoned cargo ship broke free of its moorings and slowly floated into the massive concrete bridge that carries cars across Brazil's Guanabara Bay to Rio de Janeiro. https://t.co/3tZkvaA9tt
— Reuters Science News (@ReutersScience) December 29, 2022
खाड़ी के पास के इलाके में रहने वाले 62 वर्षीय पूर्व मछुआरे फर्नांडो पिंटो लीमा (Fernando Pinto Lima) ने बताया कि पहले वे 50 से 100 किलो मछली बहुत जल्दी पकड़ लिया करते थे और अब 50 किलो मछली पकड़ने के लिए ही कम से कम एक हफ़्ते या महीने का समय लगता है.
स्थानीय मीडिया का कहना है कि साओ लुइज़ की दुर्घटना के बाद स्थानीय अधिकारी अब इन जहाज़ों से छुटकारा पाना चाहते हैं और इसके लिए तरीके ढूंढे जा रहे हैं, लेकिन लगता नहीं कि गुआनाबारा खाड़ी को जहाज़ों के कब्रिस्तान और इस प्रदूषण से आसानी से मुक्ति मिलेगी.